बी आर चोपड़ा बैनर की फिल्म‘ इत्तेफाक़’ 1969 में रिलीज एक ऐसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी जिसमें राजेश खन्ना और नंदा की अदाकारी तथा फिल्म का सस्पेंस आज भी याद है। बी आर के पोते अभय चोपड़ा ने उसी फिल्म का रीमेक उसी नाम से बनाया है। फिल्म में आज के हिसाब से कुछ फेरबदल जरूर किये हैं।
क्हानी शुरू होती है यूके से आये विक्रम सेठी यानि सिद्धार्थ मल्होत्रा से जो एक लेखक है और अपनी नई किताब की रिलीज के लिये इंडिया आया है। रिलीज की रात उसकी पत्नि की हत्या हो जाती है और उसी रात माया यानि सोनाक्षी सिन्हा के वकील पति की भी हत्या हो जाती है। इन दोनों हत्याओं का इल्जा़म आता है विक्रम सेठी पर। इन्वेस्टीगेटर ऑफिसर अक्षय खन्ना के सामने माया और विक्रम सेठी के नजरिये से दो अलग अलग कहानियां आती हैं। लेकिन आखिर सच क्या है, और सच जानने के लिये फिल्म देखनी पड़ेगी।
अभय ने उन्ही के बैनर की शानदार फिल्म को अपने हिसाब से बनाने का चेलेंज एक्सेप्ट कर उस पर एक हद तक खरा उतर कर दिखाया है। शुरूआत से ही दर्शक फिल्म से जुड़ जाता है। कहानी थोड़े हेर फेर के बाद वही है, लेकिन उसमें किये गये हेर फेर फिल्म को और प्रभावशाली बनाने में मदद करते हैं। स्क्रीनप्ले बहुत ही उम्दा और तेज तर्रार लिखा गया है, जिसमें थ्रिल के साथ एक पात्र के तहत हल्का फुल्का माहौल बनाने पर भी ध्यान दिया गया है। कैमरावर्क भी काफी अच्छा है। आप कह सकते है कि अभय एक तेज रफ्तार सस्पेंस थ्रिलर बनाने में पूरी तरह कामयाब रहे हैं।
एक अरसे बाद अक्षय खन्ना अपन उम्दा अभिनय से बाजी मार ले जाते हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा अपनी भूमिका पर खरे साबित होते हैं हालांकि सोनाक्षी के हिस्से में ज्यादा कुछ नहीं है बावजूद उसने बढ़िया काम किया है। एक हवलदार के किरदार में अनाम अदाकार अपने चुटीले संवादों से दर्शकों चेहरे पर मुस्कराहट बनाये रखने में पूरी तरह से कामयाब है।
अगर आप सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो फिल्म आपको निराश नहीं करेगी।