फिल्म रिव्यू : खुदा हाफ़िज़ 2: अग्नि परीक्षा को हॉल में देखने जाएं या नहीं? पढ़ लीजिये!

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By Harmeet Mayapuri
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Movie Review Khuda Hafiz 2

विद्युत् जामंवाल, शिवालिका ओबेरॉय ,फराबी मोहमद रेफ़त ,दिब्येंदु भट्टाचार्य ,शीबा चड्ढा और राजेश तैलंग स्टारर फिल्म 'खुदा हाफ़िज़:चैप्टर 2 - अग्नि परीक्षा' सिनेमाघरों में 8 जुलाई को रिलीज़ हो गई है. ये फिल्म फारूक कबीर द्वारा निर्देशित की गई है जिन्होंने इससे पहले 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी', 'प्यार इश्क़ और मोहब्बत' जैसी फिल्मो में अस्सिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया है. इसके बाद उन्होंने 'अल्लाह के बंदे' और 'खुदा हाफ़िज़' जैसी फिल्मो में डायरेक्शन भी किया है जिसके लिए उनकी काफी तारीफ की गई है. फारूक कबीर का नाम 'खुदा हाफ़िज़' के बाद ज्यादा हुआ जिसके बाद वो इसी मूवी का नेक्स्ट चैप्टर लेकर आये हैं. तो आइये जानते हैं कैसी है ये फिल्म.

स्टोरी: फिल्म की कहानी की बात करें तो फिल्म को पहले पार्ट से ही जोड़ा गया है. उसी की आगे की कहानी दर्शाई गई है. तो इसकी शुरुआत होती है शिवालिका ओबेरॉय से जिनका फिल्म में नाम होता है नरगिस. उनको अभी भी सपने आते हैं उस हादसे के, जो उनके साथ पहले पार्ट में होता है. उनको डॉक्टर को दिखाया जाता है. विद्युत जामवाल यानी समीर  नरगिस का बहुत ध्यान रखते हैं लेकिन नरगिस ठीक नहीं हो पा रही होती. इसी बीच उनकी मुलाकात एक छोटी बच्ची से होती है जिसके माता-पिता की एक्सीडेंट में मौत गई होती है और उसको समीर अपने घर ले आता है. नरगिस जो पहले बहुत दुखी रहती थी अब वो खुश रहने लगती है. दोनों उस बच्ची को बहुत मानते हैं. ध्यान रखते हैं और प्यार करते हैं. इसके बाद कहानी में आता है एक नया मोड़ जब कुछ स्कूल के बच्चे प्यार के लिए एक 15 साल की लड़की का अपहरण करते हैं. और उसी के साथ इस छोटी बच्ची को भी अपने साथ ले जाते हैं. फिर दोनों लड़कियों के साथ कुछ बुरा होता है जो आप फिल्म में देखेंगे. इसके बाद समीर और नरगिस कैसे लड़ते हैं अपनी बेटी के लिए, ये दर्शाया गया है इस फिल्म में. फिल्म का पहला हाफ बहुत ज्यादा इमोशनल है जिसमे माँ और बाप को अपने बेटी के लिए कितना प्यार है ये दिखाया है और उनके बेटी के साथ क्या होता है ये दर्शाया है. लेकिन फिल्म के सेकंड हाफ में आपको सिर्फ एक्शन देखने को मिलेगा वो भी बहुत खतरनाक. एक बाप के गुस्से को दिखाया है कि वो कितना खतरनाक हो सकता है जब बात उसकी फैमिली की हो. कैसे वो अपने इमोशंस दिखाता है और लड़ता है.

डायरेक्शन: फिल्म के डायरेक्शन की बात करें तो फारूक कबीर ने बहुत अच्छा काम किया है. उन्होंने फिल्म की स्टोरी से लेकर स्क्रीनप्ले,डायलाग ,कैमरा शॉट्स ,VFX ,एक्शन ,एंटरटेनमेंट,इमोशंस सबका ध्यान बखूबी रखा है और अच्छे से स्क्रीन पर दर्शाया है. फारूक कबीर ने अपने एक्सपीरियंस को यूज़ किया है और पहले पार्ट से भी अच्छा बनाने की कोशिश की है और मेरे हिसाब से सक्सेसफुल भी हुए है. फिल्म का प्लाट इतना अच्छा है कि आप बोर बिलकुल भी नहीं होंगे.  फिल्म इमोशन और एक्शन दोनों का समावेश है.

एक्टिंग: यदि एक्टिंग की बात करे तो इस फिल्म में विद्युत् जामवाल की एक्टिंग काफी अच्छी है. शिवालिका ओबेरॉय ने भी अपना काम बखूबी निभाया है. जितना भी पार्ट है उनका काफी अच्छा है और इमोशनल भी. शीबा चड्ढा इस फिल्म में नेगेटिव रोल में है, जिन्होंने बहुत अच्छी एक्टिंग की है और अपने रोल को काफी मज़बूत दिखाया है. बाकि के सपोर्टिंग स्टारकास्ट ने भी अपने काम को काफी अच्छे से अंजाम दिया है ,जैसे कि राजेश तैलंग ,दिब्येंदु भट्टाचार्य ,फराबी मोहमद और रिद्धि शर्मा. हालांकि इनका रोल फिल्म में ज्यादा नहीं है ,लेकिन इस थोड़े से रोल में ही अपनी एक्टिंग से फिल्म में जान डाल दी है , सबने अपने अपने करैक्टर को अच्छे से जस्टिफाई किया है.

कन्क्लूजन: फिल्म में आपको सब कुछ देखने को मिलेगा इमोशन से लेकर एक्शन तक. फिल्म में आपको विद्युत जामवाल की एक्टिंग भी देखने को मिलेगी जिसमें उन्होंने अपने एक्शन अवतार से हट कर कुछ अलग किया है. आप फैमिली के साथ इस मूवी का मज़ा ले सकते हैं. लेकिन बीच में फिल्म काफी इमोशनल है तो आप उसके लिए भी तैयार रहिएगा. फिल्म में कुछ सोशल इशूज को भी उठाया गया है और कुछ इंसिडेंट को दिखाया है जो इस फिल्म की हाईलाइट है. फिल्म में गाने भी बहुत अच्छे हैं और इमोशनल भी जो सुनने में काफी अच्छे लगेंगे ,और हर सीन को जस्टिफाई करेंगे. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी बढ़िया है. आपको फिल्म में जो चाहिए वो सब मिलेगा जैसे मसाला,स्टोरी,एक्टिंग,एंटरटेनमेंट,इमोशनऔर एक्शन. मैं इस फिल्म को 3 AND 1/2 स्टार दूंगा और ये फिल्म इसको जस्टिफाई भी करती है, तो आप सिनेमा घरों में जाएं और इस फिल्म का आनंद लें.

-शशांक विक्रम

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