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कुछ ऐसे विषय होते हैं जो हमेशा पंसद किये जाते रहे हैं उनमें सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों का आज भी अच्छा खासा दर्शक वर्ग है। सुब्रतो पॉल के निर्देशन में फिल्म निर्देोष ऐसी ही सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है।
फिल्म की कहानी
अश्मित पटेल और मंजरी फडनीस दोनों ऐसे कपल हैं जिन्हांने अपनी औकात से ज्यादा जरूरतें पैदा कर ली जिसकी वजह से वे एक पेइंग गेस्ट रखने का फैसला करते हैं। महक चहल उनके यहां पीजी बनकर आती है उसके पीछे उनका नेबर मुकुल देव एक पंगेबाज शख्स है। उसकी नजरें बिल्डिंग में रहने वाली हर औरत पर रहती है। एक दिन उसका मर्डर हो जाता है इस इल्जाम में मंजरी को अरैस्ट कर लिया जाता है क्योंकि उसके खिलाफ केस ऑफिसर अरबाज खान के पास सारे सुबूत है। आगे महक का भी मर्डर हो जाता है। लास्ट में मुख्य अपराधी कौन है इसके लिये फिल्म देखना जरूरी है।
निर्दोष एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म हैं जिसे निर्देशक ईमानदार अभिव्यक्ति दी है। ऐसी फिल्मों के कथानक में टर्न और ट्वीस्ट मुख्य होते हैं इसमें भी हैं लेकिन दर्शक उनसे प्रभावित नहीं होता। बाद में फिल्म का सस्पेंस खुलता है और असली अपराधी निकल कर सामने आता हैए लेकिन वो भी इंप्रेस नहीं कर पाता। लिहाजा यह एक आम सस्पेंस थ्रिलर फिल्म साबित होती है।
अरबाज खान पुलिस ऑफिसर की भूमिका में सदा की तरह कोई एक्साइटमेन्ट पैदा नहीं कर पाते। मंजरी फडनीस एक हद तक अच्छा काम कर गई। महक चहल ग्लैमरस गर्ल के तौर पर आंशिक तौर पर प्रभावित कर पाती है। मुकुल देव ने एक पंगेबाज शख्स की भूमिका में बेहतरीन काम किया है।
सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों की फेहरिस्त में ये फिल्म भी शामिल है। ऐसी फिल्मों के दर्शक एक बार फिल्म सकते हैं।