'करीब करीब सिंगल' की जान हैं इरफान खान By Shyam Sharma 10 Nov 2017 | एडिट 10 Nov 2017 23:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर हमारी फिल्मों का सबसे बिकाऊ और पंसदीदा विषय लव स्टोरी रहा है। तनूजा चंद्रा की फिल्म ‘करीब करीब सिंगल’ भी कहने को एक लव स्टोरी ही है, लेकिन कुछ चीजों को लेकर ये आम लव स्टोरीज से काफी अलग है। जैसे ये मैच्योर लोगों के बीच की मेच्यौर लव स्टोरी है। इसके अलावा इस लव स्टोरी में रोड़ ट्रिप, ऑन लाइन डेटिंग आदि चीजों को लाइट कॉमेडी के साथ जोड़ा गया है। क्या है फिल्म की कहानी ? जया यानि पार्वती एक पेंतीस वर्षीय विधवा है। उसका एक भाई है जो बाहर पढ़ता है लिहाजा वो पूरी तरह से अकेली है। वो अब अपने जीवन की नीरसता से उकता चुकी है लिहाजा वो भी एक सामान्य जिन्दगी जीना चाहती है। इसके लिये वो एक डेटिंग साइट पर जाती है। जंहा उसे तरह तरह के लोग मिलते हैं। उन्हीं में उसे योगी यानि इरफान नामक एक शायर मिलता है वो उसे काफी दिलचस्प इंसान दिखाई देता है। जया जब उससे मिलती है तो उसे महसूस होता है कि योगी एक साफगोह, बड़बोला और पल में तोला पल में माशा तबीयत का बंदा है। बातूनी तबीयत का योगी एक दिन बातों बातों में जया को बताता है कि उसके जीवन में अभी तक तीन प्रेमिकायें आ चुकी हैं जो उसे अभी तक उसे याद कर फूट फूट कर रोती होगीं। जया उसकी बातों को पहले तो झूठ मानती है लेकिन योगी के बार बार कहने पर वो उन तीनों से मिलने के लिये योगी के साथ निकल पड़ती है। इन दोनों का रोड़ ट्रिप देहरादून, जयपुर के बाद रिषिकेश होता हुआ गंगटोक जाकर खत्म होता है। बेशक इस बीच जया को उसकी प्रेमिकाओं से मिलने का मौका मिलता है लेकिन क्या वे वैसी ही साबित हुई जैसा कि योगी साबित करने का दावा करता था। आगे क्या जया योगी के साथ आगे की जिन्दगी बिताने का निश्चय करती है? ये फिल्म देखने के बाद पता चलेगा। तनूजा चंद्रा की सबसे अलग फिल्म ये तनूजा चंद्रा की अभी तक सभी फिल्मों से बिलकुल अलग फिल्म है। फिल्म दो मैच्योर लोगों की मेच्यौर लव स्टोरी है,जिसमें मरने मारने की बात न कहते हुये सिर्फ जीने की बात की गई है। मध्यांतर तक फिल्म जिन्दादिली की बातें करती रहती है बाद में थोड़ी शिथिल हो जाती है लेकिन कुछ ही देर में एक बार फिर पटरी पर आ जाती है। फिल्म देखते हुए फिल्म ‘चलो दिल्ली’ की याद भी आती है, क्योंकि उस फिल्म की कहानी कहीं न कहीं मौजूदा फिल्म से मेल खाती है लेकिन इस फिल्म के किरदार बहुत ऊंचे हैं। रोड़ ट्रिप के दौरान देहरादून, जयपुर, रिषिकेश तथा गंगटोक की लोकेशने देखकर हैरानी होती है कि अपने देश में इतनी खूबसूरत और लुभावनी लोकेशनों को नजरअंदाज कर हमारे फिल्म मेकर स्वीटजरलैंड और न्यूजीलैंड भागते हैं। फिल्म में कुल तीन गाने हैं लेकिन वे भी कहानी का हिस्सा प्रतीत होते हैं। इरफान की ऐक्टिंग का ग्राफ देखना है फिल्म जरुर देखें इरफान खान का बतौर अभिनेता ऐक्टिंग ग्राफ देखना है तो ये फिल्म जरूर देखें। योगी नामक जो किरदार उन्होंने निभाया है वैसा किरदार मेरे ख्याल से तो अभी तक किसी फिल्म में देखा नहीं गया। दूसरे उस किरदार को जिस प्रकार इरफान ने मजे ले लेकर अभिनीत किया है उससे उनकी रेंज का पता चलता है कि वे कितने बड़े अदाकार हैं। साउथ की अभिनेत्री पार्वती ने इरफान के साथ अपने किरदार कमजोर नहीं पड़ने दिया। बेशक फिल्म में नेहा धूपिया तथा कुछ और छिटपुट किरदार हैं जो एक दो सीन में नजर आते हैं लेकिन उसके होने या न होने से फिल्म पर कोई असर नहीं पड़ता। ये पूरी तरह से इरफान की फिल्म है। अगर उनके अभिनय की पराकाष्ठा देखनी है तो फिल्म कतई मिस न करें। #Irrfan Khan हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article