/mayapuri/media/post_banners/e37cf5e6d28e107121bac041254144c1a8e371db0e5b064ec28fead5ccca252e.jpg)
आज महानगर की जिन्दगी ऐसी हो गई है कि सर्वाइव करने के लिये दोनो मियां बीवी को कमाना पड़ता है और बच्चे की तो वे कल्पना तक नहीं कर सकते। राखी शांडिल्य द्धारा निर्देशित फिल्म ‘ रीबन’ में एक ऐसे ही कपल की कहानी बताई गई है।
सहाना यानि कल्कि कोचलिन और करन मेहरा यानि सुमित व्यास दोनों दो साल से मैंरिड हैं और दोनों ही जॉब करते हैं। अचानक बिना किसी प्लान के सहाना प्रेग्नेंट हो जाती है। बच्चा होने के बाद उनकी लाइफ पूरी तरह से उथल पुथल हो जाती है। बच्चे को लेकर अनेक दुयचारियों से गुजरते हुये वे किस प्रकार सर्वाइव करते हैं।
फिल्म में निर्देशक ने एक कपल के द्धारा ऐसे हजारों जोड़ां की बात कहने की कोशिश की है जो महानगर में रहते हुये इतनी बिजी लाइफ से गुजर रहे हैं कि चाहते हुये भी बच्चे की जिम्मेदारी नहीं उठा सकते और अगर बच्चा आ जाता है तो उन्हें उसके पालन पोषण को लेकर किन किन दुष्वारियों से गुजरना पड़ता है। ये फिल्म के द्धारा बहुत प्रभावी ढंग से दिखाने की कोशिश की गई है ।फिल्म एक कपल के द्धारा अपनी बात बहुत अच्छे तरीके से कहती है। कि बच्चा होने के बाद सहाना की कंपनी का उसके प्रति क्या रवैया हो जाता है , लिहाजा उसे दूसरी नोकरी तलाश करनी पड़ती है। करन अपने काम के सिलसिले में मुबंई से दूर लोनावला चला जाता है तो सहाना को बच्ची को लेकर क्या कुछ झेलना पड़ता है। अपने पीछे बच्ची को नोकरानी के हवाले छौड़ना या फिर प्ले स्कूल ले जाते हुये स्कूल ब्वाय द्धारा बच्ची के साथ गलत हरकत करने जैसी बातें दहशत पैदा करती हैं यानि महानगर की व्यस्त लाइफ को बहुत ही अच्छी तरह से फिल्म में दिखाने की कोशिश की है।
कल्कि कोचलिन की ये लगातार दो स्पताह में दूसरी फिल्म है उसने एक नोकरी पेशा मां की भूमिका को बहुत कुशलता से निभाया है। उसी प्रकार उसके पति के रोल सुमित व्यास ने भी सहज अभिनय कर अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है।
अगर महानगर की जिन्दगी को करीब से देखना है तो ये फिल्म देख सकते हैं।