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कॉमेडी और डर का बढ़िया कांबिनेशन 'स्त्री'

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By Shyam Sharma
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कॉमेडी और डर का बढ़िया कांबिनेशन 'स्त्री'

इन दिनों फिल्मों में काफी प्रयोग हो रहे हैं और वे पंसद भी किये जा रहे हैं। एक वक्त था जब हॉरर फिल्में बना करती थी जिन्हें एक खास दर्शक पंसद करता था लेकिन इस सप्ताह निर्देशक अमर कौशिक की हॅारर फिल्म ‘स्त्री’ में डराने के साथ कॉमेडी का तड़का भी लगाया गया, जिसे दर्शकों ने काफी पंसद किया।

फिल्म की कहानी

मध्य प्रदेश के छोटे से कस्बे चंदेरी में एक धारणा है कि वहां साल में पूजा के दिनों में एक स्त्री आती है जो मर्दो को निर्वस्त्र कर ले जाती है। लिहाजा लोगों ने अपने घरों के बाहर लिखवा रखा है कि ‘स्त्री कल आना’ । विक्की यानि राजकुमार राव उस इलाके का लोकप्रिय टेलर है। उसके दोस्त बिटटू यानि आपरशक्ति खुराना तथा जना यानि अभिषेक बनर्जी उसके खास दोस्त हैं। एक दिन विक्की को एक स्त्री यानि श्रद्धा कपूर मिलती है। जिसकी अजीब हरकतों के बारे में वो अपने दोस्तों को बताता है तो वे उसे स्त्री नामक चुड़ैल करार देते हैं। इस बीच विक्की का दोस्त जना भी स्त्री का शिकार बन गायब हो जाता है। इसके लिये विक्की और बिटटू रूद्रा यानि पंकज त्रिपाठी के पास जाते हैं जो उन्हें विस्तार से स्त्री के बारे में समझाता है। इसके बाद क्या कुछ होता है। ये सब जानने के लिये आपको फिल्म देखनी होगी।

आज भी हमारे देश के कुछ हिस्सों में ढेर सारी धारणायें प्रचलित हैं जैसे चंदेरी में धारणा है कि साल में पूजा के कुछ दिनों में वहां कोई मर्द सुरक्षित नही, क्योंकि वंहा स्त्री नामक चुड़ैल जिस घर में मर्द अकेला मिलता है उसे निर्वस्त्र कर अपने साथ ले जाती है। लिहाजा उससे बचने के लिये लोग बाग अपने घरों के दरवाजों पर लिख देते हैं कि स्त्री कल आना। निर्देशक अमर कौशिक ने शायद पहली बार किसी हॉरर फिल्म में कॉमेडी का प्रयोग किया जो काफी सफल रहा। इसके अलावा कसी हुई पटकथा दर्शकों को शुरू से अंत तक बांधे रखती है। सवांद दर्शक को ठहाके लगाने पर मजबूर करते हैं। यहीं नहीं, फिल्म दो आइटम सॉन्ग भी हैं जिनका फिल्माकंन काफी दिलचस्प है तथा डराने के लिये बढ़िया बैकग्राउंड साउंड  है।

थोडे़ से समय में राजकुमार राव अपना एक अच्छा खासा दर्शक वर्ग बना चुके हैं लिहाजा उनकी फिल्मों के लिये दर्शकों की भीड़ जमा रहती है। इस फिल्म में भी उसने हमेशा तरह बढ़िया अभिनय किया है। एक डराने वाले सीन में वे शाहरूख खान की एक्टिंग कर दर्शकों को खूब हंसाते हैं। पंकज त्रिपाठी हमेशा गावठी भूमिकाओं में खूब जमते हैं। इस बार उन्होंने ऐसी ही एक भूमिका में दर्शकों को खूब हंसाया। उनके साथ ही अपारशक्ति खुराना तथा अभिषेक बनर्जी भी दर्शकों का मनोरजंन करने में सफल रहे। श्रद्धा कपूर की भूमिका में कुछ खास नही था लेकिन जितना भी था उसे उसने ईमानदारी से निभाया।

हॉरर कॉमेडी पंसद करने वाले दर्शकों के लिये फिल्म में खूब पंसद आने वाली है।

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