साउथ की फिल्मों के ऐक्टर सिद्धार्थ जो 'रंग दे बंसती' आदि एक दो फिल्मों में नजर आ चुके हैं की बतौर प्रोड्यूसर और निर्देशक मिलिंद राव की हॉरर फिल्म ‘द हाउस नेक्सट डोर’ रिलीज हुई है जो दोनों की ही पहली फिल्म है। अपने जॉनर के हिसाब से ये एक आम हॉरर फिल्म साबित होती है।
कृश यानि सिद्धार्थ दिमाग का डॉक्टर है जो अपनी बीवी एन्ड्रीया जेरेमियां यानि लक्ष्मी से बहुत प्यार करता है। उनके पड़ोस में अतुल कुलकर्णी यानि पॉल अपने परिवार के साथ रहने आता है। जिसमें उसकी बीवी एक छोटी बेटी साराह तथा बड़ी बेटी जेनी है। पता चलता है जिस बंगले को पॉल ने खरीदा है वो पहले से प्रेत ग्रस्त है। लिहाजा वहां जेनी के जरिये एक चीनी मां बेटी के भूत पॉल और उसके परिवार को आगाह करते रहते हैं कि वे इस घर को छोड़ कर जितनी जल्दी हो कहीं और चले जाये। पॉल भूत प्रेत में विश्वास नहीं करता लिहाजा पहले तो वो कृश की मदद लेता है आगे कृश अपने साथी मनोचिकित्सिक से मिलवा देता है। जब वे जेनी को देखते है तो उन्हें पता चल जाता है कि जरूर जरूर इसके पीछे कोई कहानी है।
वे उसका पता लगाने के लिये पास के एक गांव में जाते हैं, जहां उस कहानी की एक गवाह मौजूद है। उससे पता चलता है कि 1930 में उस बंगले में एक चीनी परिवार रहता था। उनकी एक आठ साल की बेटी थी लेकिन आगे चीनी लड़का चाहता था इसके लिये एक लड़की की बलि चाहिये थी। पहले तो वो किसी और लड़की की बलि लेना चाहता है लेकिन अपनी प्रेग्नेंट बीवी के विरोध के बाद वो अपनी ही बेटी की बलि चढ़ा देता है ये देख उसकी बीवी भी आत्महत्या कर लेती है। बाद में चीनी भी आत्महत्या कर लेता है। आज भी वह चीनी अपनी इच्छा पूरी करना चाहता है इसीलिये उसकी मृत बीवी और बेटी उस बंगले से पॉल के परिवार को भगा देना चाहते हैं। लेकिन बाद में वही सब होता हैं जो हम तकरीब हर फिल्म में देखते हैं यानि बुरी आत्मा का अंत।
फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं जिससे उसे अभी तक की आम हॉरर फिल्मों से अलग कहा जाये। वहीं जानी पहचानी अच्छी बुरी प्रेत आत्मायें और उनका किसी परिवार के सदस्य के जरिये सबको डराना। फिर किसी पास्टर,पादरी या किसी अन्य जानकार का आना, उसका भी प्रेत द्धारा मरना और फिर भगवान या किसी और पवित्र चीज के जरिये प्रेत का अंत। फिल्म में सब कुछ वही है जो हम बरसों से लगातार इन फिल्मों में देखते आ रहे हैं। हां कुछ दृश्यों में जानते हुये भी बैकग्राउंड म्यूजिक डराने में कामयाब है।
सिद्धार्थ,एन्ड्रीया,अतुल कुलकर्णी तथा अनीशा एंजेलिना विक्टर आदि ने सामान्य सी फिल्म के अनुसार वैसा ही सामान्य अभिनय किया है।