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मूवी रिव्यू: बेटियों की समस्याओं से अवगत करवाती 'द जर्नी ऑफ कर्मा'

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By Shyam Sharma
मूवी रिव्यू: बेटियों की समस्याओं से अवगत करवाती 'द जर्नी ऑफ कर्मा'
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लड़कियों को लेकर हमारे देश में कुछ समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं, जैसे भ्रूण हत्या, लड़कियों की पढ़ाई आदि। हालांकि कुछ वर्षों के दौरान इन समस्याओं में काफी सुधार आया है बावजूद इसके आज भी सरकार तथा ढेर सारे एनजीओ इन्हें लेकर लोगों को जाग्रत करते रहते हैं। इसी सप्ताह रिलीज जगबीर दहिया द्धारा निर्मित व निर्देशित फिल्म ‘ द जर्नी ऑफ कर्मा’ की कहानी लड़कियों की शिक्षा को लेकर है।

पूनम पांडे एक ऐसी गरीब मां श्रावणी गोस्वामी की बेटी है जो पढ़ने के लिये अमेरिका जाना चाहती है, लेकिन उसे एक अदद लैपटॉप तक मुहया नहीं हो पाता। लिहाजा अपनी बेटी के संरक्षण के लिये मां एक डॉन सुनील पुरी से शादी कर लेती है। जब पूनम अपने सोतेले बाप से लैपटॉप की डिमांड करती है तो बदले में वो उसका शरीर मांगता है। एक दिन पूनम की मुलाकात एक ऐसे अजनबी शक्ति कपूर से होती है जो फकीर टाइप का बुजुर्गवार है। वो पूनम को चाहने लगता है और एक दिन उसके सामने अपनी चाहत का एतराम भी कर देता है। मजबूर पूनम उसके सामने आत्मसमर्पण कर देती है। अचानक शक्ति कपूर की डेथ हो जाती है लेकिन मरने से पहले वो अपनी करोड़ों की जायदाद पूनम के नाम कर जाता है। इस प्रकार पूनम का अमेरिका जाकर पढ़ाई करने का सपना पूरा होता है।

जगबीर दहिया फिल्म के जरिये बताते हैं कि आज भी हमारे देश में सैंकड़ों लड़कियां गरीबी के रहते मजबूरी में पढ़ नहीं पाती बल्कि कितनी तो मजबूर अपनी अस्मत तक लुटा बैठती है। महज दो पात्रों को लेकर घड़ी इस फिल्म की कहानी मंथर गति से आगे बढ़ती रहती है और दर्शक उसमें खोया रहता है। फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत ही बेहतरीन है। अंत में जगबीर दहिया एलान करते हैं कि फिल्म के लाभ का कुछ अंश लड़ंकियों का जीवन बेहतर बनाने के लिये डोनेट किया जायेगा।

पूनम पांडे ने पढ़ने के लिये लालियत लड़की की भूमिका को अच्छे ढंग से निभा कर दिखाया है। उसके कुछ अंतरंग दृष्य हैं लेकिन वे कहानी का हिस्सा भर हैं। शक्ति के कॅरियर की ये एक बेहतरीन भूमिका है, जिसे उन्होंने उतनी ही शाइस्तगी से अभिव्यक्त किया है। बाकी कलाकारों श्रावणी गोस्वामी तथा सुनील पुरी भी अच्छा काम कर गये।

कुल मिलाकर फिल्म को लेकर यही कहा जा सकता है कि कर्मा जैसी फिल्म  हर किसी को देखनी चाहिये।

#movie review #Shakti Kapoor #Poonam Pandey #The Journey Of Karma
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