इस सप्ताह एक मर्डर मिस्ट्री फिल्म ‘द रेडरम’ रिलीज हुई। निर्देशक ध्रुव सचदेव व सौरभ बाली द्धारा निर्देशित इस फिल्म में ड्रग्स को निशाना बना कर कहानी गढ़ी गई है।
फिल्म की कहानी
दक्ष यानि वैभव राय एक सिंगर है लेकिन वो ड्रग्स का आदी है, लिहाजा नशे ने उसे एक हद तक सनकी बना दिया है। दूसरे उसके साथ बचपन में कुछ ऐसा गुजरा था, जिसकी वजह से वो इस स्थिति में पहुंचा हुआ है। उसकी मुलाकात एक लड़की अरिका यानि पाकिस्तानी अभिनेत्री सईदा इम्तियाज से होती है, जो उसे पहले तो गलत समझती है, बाद में उसे प्यार करने लगती है। हालांकि उसकी सहेली उसे आगाह करती है कि उसे वो लड़का जरा भी पंसद नही, लिहाजा वो थोड़ा होशियार रहे। एक बार दक्ष नशे के हालत में अकीरा का मर्डर कर देता है और फिर उसकी लाश छिपा देता है। उसी दौरान नारकॉटिक्स ऑफिसर एरिक यानि टॉम आल्टर अरिका से मिलने आता हें, वहां दक्ष को देख उसे शक हो जाता है। दक्ष उसे भी घायल कर देता है और बाद मे दक्ष अपने आपको भी गोली मार लेता है।
फिल्म की सीधी सी कहानी हैं कि नशा आदमी से कुछ भी करवा सकता है। इस बात को निर्देशक ने फिल्म के जरिये अतिसाधारण तरीके से बताने की कोशिश की है। कहने को फिल्म मर्डर मिस्ट्री हैं लेकिन मिस्ट्री तो उसमें हैं ही नहीं, क्योंकि ये सीधा सीधा नशे में किया गया मर्डर है। कथा पटकथा और संवाद तथा संगीत यानि फिल्म के सभी पक्ष बेहद कमजोर साबित होते हैं। फिल्म के शीर्षक रेडरम को उल्टा करे तो वो मर्डर बनता है, लेकिन इसे भी ग्लोरीफाई नहीं किया गया। टाम ऑल्टर जैसे बढ़िया अभिनेता से वाहियात शेरों शायरी करवा कर उनके पहले से ही कमजोर रोल को और कमजोर कर दिया गया। वैभव राय तथा सईदा की भूमिकाओं में भी कुछ करने लिये नहीं था।