मूवी रिव्यू: शादी में जल्दबाजी से "सुहागरात इंपॉसिबल" By Shyam Sharma 06 Mar 2019 | एडिट 06 Mar 2019 23:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर फिल्म समीक्षा फिल्म: यह सुहागरात इम्पॉसिबल निर्देशक : अभिनव ठाकुर निर्माता : जयेश पटेल और नरेन्द्र पटेल कलाकार: प्रताप सौरभ सिंह, प्रितिका चौहान, प्रदीप शर्मा और आलोकनाथ पाठक रेटिंग्स: *** निर्देशक अभिनव ठाकुर की हिंदी फिल्म 'यह सुहागरात इम्पॉसिबल' इसी सप्ताह 8 मार्च को रिलीज कर दी गई है। फिल्म में प्रताप सौरभ सिंह, प्रितिका चौहान की जोड़ी नजर आ रही है। यह एक कॉमेडी फिल्म है जैसा कि इन दिनों बॉलीवुड में नए सब्जेक्ट की फिल्मो का बड़ा स्वागत हो रहा है. इसलिए यह भी एक अनोखी फिल्म है। पीस्विंग प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्माता हैं जयेश पटेल और नरेन्द्र पटेल, जबकि इसके निर्देशक अभिनव ठाकुर हैं. निर्देशक अभिनव ठाकुर अपने काम में माहिर लगते हैं उन्होंने जिस तरह एक कॉमेडी फिल्म को हैंडल किया है वो देखने से सम्बन्ध रखता है। उन्होंने नए कलाकारों से एक्टिंग भी अच्छी करवा ली है। प्रताप सौरभ सिंह, प्रितिका चौहान के मुख्य अभिनय से सजी इस फिल्म की कहानी इस बात के इर्द गिर्द घुमती है कि जो सुहागरात होने वाली थी, वो अचानक असम्भव कैसे हो गई। उस रात ऐसा क्या हुआ कि सुहागरात मनाना मुमकिन नहीं रहा. इसलिए फिल्म का नाम‘यह सुहागरात इम्पॉसिबल’रखा गया है. फिल्म 'यह सुहागरात इम्पोसिबल' में प्रताप सौरभ सिंह, प्रितिका चौहान, प्रदीप शर्मा और आलोकनाथ पाठक की अहम भूमिकाएं है। प्रताप सौरभ सिंह इस मूवी में सत्यप्रकाश का रोल कर रहे हैं जबकि देविका का कैरेक्टर प्रितिका चौहान प्ले कर रही हैं. फिल्म में यह दोनों सुहागरात मनाने के लिए तैयार होते हैं तभी कहानी में आता है एक बड़ा ट्विस्ट. और फिर फिल्म कॉमेडी ट्रैक पर चली जाती है. देखा जाए तो यह फिल्म शादीशुदा और शादी करने के इच्छुक युवाओं दोनों को एक खास मैसेज देती है। पिछले वर्ष में आई फिल्मो और उसके नतीजों ने साबित कर दिया है कि अब नयापन ही दर्शकों को पसंद आ रह है. इस फिल्म की कहानी में भी फ्रेशनेस है जो दर्शकों को जरूर पसंद आएगी।सुहागरात का मतलब ये नहीं है कि फिल्म का कंटेन्ट बोल्ड है बल्कि यह एक कॉमेडी ड्रामा है, जिसे लोग परिवार के साथ भी देख सकते हैं. यह फिल्म विशेष रूप से उन लड़के-लड़कियों को जरुर देखनी चाहिये, जो बिना कुछ सोचे-समझे जल्दबाज़ी में शादी का फैसला कर लेते हैं। यह फिल्म यही संदेश देती है कि शादी जिंदगी भर का रिश्ता होता है, कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल नहीं, इसलिए इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। #Yeh Suhaagraat Impossible #movie review हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article