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जन्मदिन विशेष- शेखर कपूर: मेरे लिए अभिनय आत्म खोज की प्रक्रिया हैं

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By Mayapuri
जन्मदिन विशेष- शेखर कपूर: मेरे लिए अभिनय आत्म खोज की प्रक्रिया हैं
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फिल्म ‘मासूम’ और ‘मिस्टर इण्डिया’ के सफल निर्देशक शेखर कपूर की काबिल निर्देशकों में गिनती होती है, शेखर कपूर की शिथिल चाल और सुस्त हावभाव को देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि वे इतने सक्षम व्यक्ति होंगे। उदाहरण, एक ही समय में वे अपने आपको कई कामों में व्यस्त कर लेते हैं। शेखर कपूर अपने कामों के लिए कभी ब्रिटेन में होते हैं, तो कभी किसी दूसरे देश में, बी.बी.सी. के लिए एक फिल्म बना रहे है, शेखर कपूर का पूरा ध्यान उन दिनों फिल्‍म ‘फूलन देवी’ पर केन्द्रित था यह फिल्‍म अगस्त तक बनाकर बी.बी.सी. के लिए जमा करनी थी। शेखर कपूर: पूर्व इंटरव्यू

जब बरसात फिल्म से धर्मेंद्र ने शेखर कपूर को निकाल दिया

Shekhar kapoor birthday धर्मेन्द्र जी की फिल्म ‘बरसात’ से उनको निकाल दिया गया है, क्या सोचते है शेखर कपूर इस बारे में मैंने उनसे जानना चाहा। शेखर कपूर बोले इस बात को तो काफी समय हो गया है, मुझे स्वयं नहीं मालूम कि इस फिल्‍म के निर्देशन से क्यों अलग कर दिया गया है, इस फिल्म के वे स्वयं मालिक है, किसको निर्देशन का भार सौपे उनके ऊपर है....!

अगर फिल्म ‘बरसात’ के निर्देशन के लिए धर्मेन्द्र जी फिर से ऑफर दे तो आप क्या करेंगे?

अरे आप तो उलझन में डाल देती है, देखिए अभी तक तो ऐसी कोई बात मेरी और धर्म जी के बीच हुई नहीं है, अगर मुझे ऑफर मिला तो काफी सोच समझ कर कदम बढाऊँगा!  अभी तो फिलहाल मैंने इस तरफ ध्यान भी नहीं दिया है!...

जब आप फिल्‍म बनाते है, तो दर्शकों की पसंद ना पसंद का कैसे पता चलता है?

Shekhar kapoor birthdayमैं दृश्य अथवा प्रसंगों की जांच अपनी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया के आधार पर करता हूँ, मुझे अपने पर पूरा विश्वास है, कि जो चीजें मुझे पसंद आईं है, उसे दर्शक भी “पसंद करेंगे और मैं जानता हूँ कि दर्शक मेरे विचारों को अधिक समझते है, मनोविज्ञान के साथ-साथ विजुवल प्रस्तुतिकरण को भी मैं भली भाँति समझता हूँ...

मानवीय मनोविज्ञान के विषय पर बात चली है तो फिल्‍म ‘मासूम’ और ‘मिस्टर इंडिया’ में आपने जिस प्रकार बच्चों को पेश किया है, वह काफी प्रशंसनीय है और जितनी तारीफ की जाए कम है, बच्चों के साथ आपके उस मनोविज्ञान ने कैसे काम किया?

Shekhar kapoor birthdayबच्चों से स्वभाविक परफॉर्मेंस  करवाना काफी मेहनत का काम है, आपको स्वयं बच्चा बनकर उन परिस्थितियों में डूबना पड़ता है, आपको उनकी तरह महसूस करना पड़ता है, तब जाकर आप उनकी मनोविज्ञान और उनकी भाषा को समझ पाते हैं, ये काफी मेहनत का काम है, लेकिन ये सब करने में मुझे मज़ा आता है, और मैं ये सब करता हूँ..... आखिरकार ये भी अपने आप में एक कला है, मेरी इन दो फिल्मों से आप पूरा अंदाजा लगा सकते हैं!..

आप स्वयं को एक अभिनेता के रूप में कितनी गम्भीरता से लेते है?

Shekhar kapoor birthdayमेरे लिए अभिनय आत्म खोज की प्रक्रिया है, अभिनय का असाइनमेंट लेने के पीछे मेरा एक विचारपूर्ण ध्येय होता है, यह एक के बाद एक परतों को हटाकर स्वयं को प्रदर्शित करने का अनोखा अंदाज है, यही वजह है कि मैं कभी भी अपने धारावाहिक और फिल्मों को नहीं देखता, मैं उनके प्रति काफी सचेत और आलोचक हो जाता हूँ, मुझे डब पसंद नहीं है, शूटिंग के पलों का रोमांच रिकाॅर्डिंग रूम तक आते-जाते समाप्त हो जाता है, शूटिंग करते समय मैं अपने परफार्मेंस की जिम्मेदारी कभी अपने ऊपर नहीं लेता, यदि मैं अभिनय नहीं कर पाता तो यह निर्देशक की समस्‍या है मेरी नही....! आप यह फिल्म किस तरह बना रहे हैं, ‘यह सत्य पर आधाारित फिल्म है, ये एक डॉक्युमेंट्री फिल्‍म नहीं है, इसमें इमोशन और एक्शन दोनों का समावेश है, दर्शकों को ये काफी पसंद आएगी, मुझे  इस फिल्‍म से पूरी उम्मीद हैं,

इस फिल्म में आप सच्चाई को पेश कर रहे हैं, तो क्या आप असली ‘फूलन देवी से मिले है?

मुस्कराकर शेखर कपूर बोले जब मेरी ये फिल्म पूरी हो जाएगी तब मैं असली फूलन देवी से जाकर मिलूंगा, अभी फिलहाल मैं उनसे नहीं मिला, उनकी स्टोरी मैंने पढ़ी, उसी के आधार पर मैं फिल्म बना रहा हूँ.....

इस फिल्‍म के लिए आपने एक लड़की की खोजक की है? खोज से क्या अभिप्राय है। आपका? मेरा मतलब है कि एक ऐसी लड़की को ढूंढा गया है, जो बिल्कूल फूलन लगे’

Shekhar kapoor birthdayहाँ! मैं ऐसी लड़की की तलाश में था, जो लोगों को आश्चर्य चकित कर दें, जिन्होंने दस्यु सुंदरी फूलन को देखा है, तो वे उसे देखकर अच्ंमबा में आ जाए, उसकी हर बात फूलन से मिलती जुलती हो, एक दिन एक लड़की मेरे ऑफिस में मुझ से टकरा गईं! वह बाहर बैठी थी, मैं जैसे ही उसके पास गुजरा उसने मुझे गुड मार्निंग किया मैंने पीछे मुड़कर देखा तो उसमें फूलन की झलक देखने को मिली, बस मैंने फैसला कर लिया, कि यही लड़की फूलन की भूमिका करेंगी....

पर इससे पहले तो आप किसी और लड़की को लेने वाले थे?

नहीं ऐसा मैंने कुछ नहीं सोचा था, आपके दिमाग में लड़कियाँ तो बहुत आती है, कौन सी आपको उस भूमिका के लिए अधिक प्रभावित कर दे कुछ पता नहीं होता, विक्रम मल्लाह की भूमिका के लिए आप किसे ले रहे हैं? विक्रम की भूमिका के लिए हमें काफी परेशानी आईं है, फूलन की भूमिका के लिए इतनी कठिनाइयाँ नहीं आईं थी, मैंने इस भूमिका के लिए एन.एस.डी के निर्मल पांडे को लिया है, उनकी आंखे देखने में जरूर रोमांटिक है, लेकिन चेहरा काफी कठोर है,

फिल्म टाईम मशीन के बारे में कुछ बताना चाहेंगे?

ये एक अच्छी फिल्‍म हैं, मेरी ‘मि. इंडिया’ और ‘मासूम’ लोगों को काफी पसंद आई है, मुझे उम्मीद हैं कि मेरी ये फिल्म भी लोगों को बहुत पसंद आएगी!

क्या आपको इस फिल्म में रेखा के साथ कोई कठिनाई नहीं आई?

नहीं.... रेखा एक अच्छी नायिका है, उन्हें इंडस्ट्री में काफी साल हो गए है, रेखा समय की पाबंद है, हर काम समय पर करती है, तभी तो आज भी रेखा का नाम नम्बर वन नायिकाओं में आता है, इस फिल्म में आपको रेखा एक नए रूप में देखने को मिलेंगे और इस फिल्म के बारे में ज्यादा मत पूछना (शेखर कपूर बोले)

कुछ कहना चाहेंगे आप मायापुरी के पाठकों से?

(मुस्कराकर शेखर कपूर बोले) बस इस तरह हमें उनका प्यार मिलता रहें!

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