आप ईद किस तरह मनाते हैं और इस दिन क्या करते हैं?
‘‘ईद एक ऐसा त्योहार है, जहां एक महीने के रोज़ा के बाद, हम तड़के सुबह खुदा की इबादत करते हैं और फिर इस त्योहार को मनाते हैं। यह एक ऐसा दिन होता है, जब सारे सगे-संबंधी और करीबी मतभेद भूलकर और केवल अच्छी यादों को ध्यान में रखते हुए मिलते हैं और बधाइयां देते हैं। मेरे परिवार में इसे बड़े ही पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है और हर साल हमें इस दिन का इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन हमें अपने सगे-संबंधियों से मिलने और उनके साथ समय बिताने का मौका मिलता है। इस त्योहार की सबसे अच्छी बात है कि हमें स्वादिष्ट खाना खाने को मिलता है, खासतौर से सेवईयां। मेरा परिवार हमेशा से ही बेहद करीब रहा है, मेरे पैरेंट्स सारे रिश्तों को बहुत मान देते हैं। इस वजह से मेरे लिये वे उतने ही अहम हैं। मैं अपने परिवारवालों की खातिर अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूं और ईद वह दिन होता है जब सब एक साथ आते हैं। एक साथ खुशियां मनाते हैं और इन पारिवारिक रिश्तों का लुत्फ उठाते हैं।’’
एक ऐक्टर होने के नाते और अपने परिवार से दूर रहकर इस त्योहार को मनाना कितना अलग है?
‘‘मेरे लिये यह बहुत मायने रखता है- मैंने कोलकाता छोड़ दिया और मैं अपने परिवार के साथ नहीं रह रहा हूं। मुंबई में बहुत कम दोस्त और परिवार के लोग हैं, उसके बावजूद मेरे लिये यह वैसा ही होता है। तड़के सुबह खुदा की इबादत करता हूं और मुंबई में अपने दोस्त के पास जाता हूं और उनके साथ स्वादिष्ट सेवईयां और खाना खाता हूं। हालांकि, इस साल थोड़ा अलग होने वाला है, सुबह की इबादत के बाद मैं काम पर चला जाऊंगा। पहली बार ऐसा हो रहा है कि मैं ईद के दिन छुट्टी नहीं ले रहा हूं और उस दिन काम कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यह अच्छा है क्योंकि ईश्वर भी चाहते हैं कि मैं कड़ी मेहनत करूं और नई ऊंचाइयों तक पहुंचूं। मेरे लिये काम भी इबादत की तरह है, इसलिये ईद वाले दिन मैं पूरे दिन इबादत करूंगा।’’