महिला मंडल के साथ टापू सेना और चमपलाल मिलकर 'बाइकिंग क्वीन' डॉ सारिका मेहता, सुश्री जीनल शाह व सुश्री रुताली पटेल को गोकुलधाम सोसाइटी में आने का निमंत्रण देते हैं। वे लोग पुरीष मंडल को इसकी भनक तक नहीं पड़ने देते। सोसाइटी में जश्न की तैयारियां चल रहीं हैं पर पुरुष मंडल को क्लब हाउस में भेज दिया जाता है। सभी पुरुषों को 'बाइकिंग क्वीन' के गोकुलधाम में मोटर साइकिल पर आने के बाद ही पता चलता है कि वे कौन हैं।
सभी गोकुलधाम वासी बहुत मस्ती करते हैं और अंत में गरबा होता है। अंत में 'बाइकिंग क्वीन' को जून के महीने में यूरोप की उनकी अगली बाइक यात्रा के लिए शुभ कामनाओं के साथ विदा करते हैं।
नीला फिल्म्स द्वारा निर्मित शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा हंसी बांटने के साथ साथ विभिन्न सामाजिक इश्यूज पर भी लोगों को जागरूक करता है। इस ट्रैक में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को हाईलाइट करते हुए स्त्री सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है। 'बाइकिंग क्वीन' सूरत की वीमेन अचीवर हैं जो अब तक अपनी बाइक्स पर पुरे भारत, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर व बहुत सारे और भी देशों का भ्रमण कर चुकी हैं। 2018 में वे 45 स्त्रियों के साथ भारत भ्रमण कर चुकी हैं।
शो के क्रिएटर असित कुमार मोदी का कहना है, ''बाइकिंग क्वीन' डॉ सारिका मेहता, सुश्री जीनल शाह व सुश्री रुताली पटेल का तारक मेहता का उल्टा चश्मा में स्वागत करते हुए बहुत ही गर्व हुआ क्योंकि वे स्त्री सशक्तिकरण का ज्वलंत उदाहरण हैं। हमारे शो में भी स्त्रिओं को सशक्त, बुद्धिमान और सकारात्मक दिखाया जाता है। हम उन स्त्रिओं को सलाम करते हैं जिन्हें अपनी शक्ति और खुद पर विश्वास है।'
डॉ सारिका मेहता, 'बाइकिंग क्वीन' की लीडर का कहना है, 'एक स्त्री सम्पूर्ण चक्र है जिसमें पैदा करने, पोषण करने और रूपांतर करने की शक्ति भी होती है और इच्छा भी। हम अपने अंदर शक्ति, हिम्मत और मर्यादा तीनों का समागम शान से रखते हैं। हमें तारक मेहता का उल्टा चश्मा के सेट पर आकर बहुत अच्छा लगा। ये एक ऐसा शो है जो स्त्री शक्ति को सकारात्मक रूप में दिखता है। हम असित कुमार मोदी व पूरी टीम को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमे अपना स्त्री सशक्तिकरण का संदेश देने का इतना अच्छा मौका दिया।'