अक्सर खाना एक-दूसरे को साथ जोड़ता है, लेकिन सोनी सब के नये शो ‘भाखरवड़ी’ में गोखले परिवार (मराठी) और ठक्कर परिवार (गुजराती) खाने की बेहद चर्चित चीज पर विवाद करते नज़र आ रहे हैं। इस हल्के-फुलके कॉमेडी शो में गोखले परिवार के मुखिया देवेन भोजानी उर्फ अन्ना और ठक्कर परिवार के मुखिया परेश गनात्रा उर्फ महेंद्र ठक्कर दोनों ‘भाखरवड़ी’ के बिजनेस में एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं और भी काफी कुछ इसमें है।
पहले दिन से ही यह शो दर्शकों को हंसाकर लोटपोट कर रहा है। हमने देखा कि ‘भाखरवड़ी’ का हरेक किरदार अलग-अलग स्वाद चखने का मौका दे रहा है, सारे मसालों के साथ यह इसे एक संपूर्ण मनोरंजन बना रहा है।
खट्टे- महेंद्र
गुजराती परिवार का मुखिया होने के कारण, महेंद्र ठक्कर (परेश गनात्रा) का स्वभाव भाखरवड़ी के खट्टे स्वाद की तरह है, जो इसे स्वाद में मजेदार बनाता है। शांत और शिष्ट बनने का दिखावा करने के कारण कई बार ऐसा होता है कि महेंद्र यदि कुछ संदेहजनक प्लान कर रहा भी रहा होता है तो भी उसके चेहरे पर नज़र नहीं आता है। उसे अपने विचार और सोच को सामने रखना पसंद है, लेकिन अलग अंदाज में, जो उसे अपने परिवार में अलग बनाता है और अपने बिजनेस प्रतिद्वंद्वी अन्ना से भी।
तीखी-उर्मिला
महेंद्र की पत्नी उर्मिला (भक्ति राठौर) अपने आस-पास बिना देखे किसी भी समय कुछ भी बोल देती है, जो उसे तीखा बनाता है जिससे भाखरवड़ी को एक दिलचस्प स्वाद मिलता है। उर्मिला को इस बात का ध्यान रहता है कि लोग क्या सोचेंगे लेकिन फिर भी उसकी जुबान पर मजेदार लेकिन तीखा जवाब तैयार रहता है, खासतौर से जब अन्ना से बात हो रही हो। बेहद बेबाक होने के कारण, वह किसी को भी अपने या अपने परिवार के साथ भिड़ने का मौका देती है और इसलिये स्पष्ट रूप से वह ठक्कर परिवार की ‘तीखी छुरी’ है।
मुलायम- गायत्री
अपनी मां के ‘तीखेपन’ से बिलकुल अलग, गायत्री (अक्षिता मुद्गल) दिल की बहुत अच्छी और कोमल है, बिलकुल भाखरवड़ी के अंदर की मुलायम फिलिंग की तरह। जब हम इसे खाते हैं तो यह बेहद सुकून महसूस कराता है। वह हमेशा ही मन से सबका भला चाहती है और साथ ही काफी नाजुक है, क्योंकि छोटे से हादसे से भी वह बेहोश हो जाती है। ठक्कर और गोखले परिवार के बाकी सदस्यों से अलग जोकि अन्ना के सिद्धांतों को नहीं मानते हैं, गायत्री के मन में उनके लिये स्नेह है और साथ ही उनके मूल्यों व मान्यताओं को वह सही मानती है।
मीठा-अभिषेक
गोखले परिवार का सबसे प्यारा सदस्य होने के कारण, अभिषेक (अक्षय केलकर) कभी किसी को किसी चीज के लिये मना नहीं कर पाता। कुछ हद तक अपने पिता के सिद्धांतों से सहमत ना होने के बावजूद अभिषेक अन्ना के प्रति बेहद सम्मान का व्यवहार दिखाता है और वह जो कहते हैं हमेशा उनकी बात मानता है। इस वजह से वह अन्ना का सबसे आज्ञाकारी और आदर्श बेटा है, जोकि सबके लिये तय समय पर वहां मौजूद रहता है। उसके मीठे स्वभाव की वजह से ही हर कोई उसकी तरफ खिंचा चला आता है, यहां तक कि ठक्कर परिवार भी।
करारी- ज्योत्सना
ज्योत्सना (स्मिता सरवडे) भाखरवड़ी की उस करारी परत की तरह है, जोकि सारी चीजों को एक साथ बांधे रखती है। अन्ना की पत्नी होने के कारण वह उनकी बहुत इज्जत करती है, लेकिन गलत होने पर उन्हें पाठ भी पढ़ा देती है। यूं तो परिवार के ज्यादातर सदस्य अन्ना के जीवन जीने के तरीके को सही नहीं मानते हैं, वहीं ज्योत्सना परिवार के अंदर सामांजस्य बिठाती हुई भी नज़र आती है। गोखले परिवार में हर पीढ़ी के साथ वह परिवार में बेहतर तालमेल बिठाकर सबको एक सूत्र में बांधे रखती है।
पूरा पैकेज- अन्ना
अन्ना (देवेन भोजानी) हर चीज का कॉम्बिनेशन हैं, जिससे कि परफेक्ट भाखरवड़ी बनती है। चेहरे पर हमेशा ही सख्त और सपाट सा भाव होने के बावजूद, अन्ना दिल से बेहद कोमल हैं। वह अपने किरदार में टैंगी स्वाद डालते हैं, क्योंकि वह कई बार बच्चे बन जाते हैं, अपने करीबियों के लिये अच्छी-अच्छी चीजें करता है। अपनी पत्नी ज्योत्सना के साथ उनका प्यारा रूप नज़र आता है, जब अन्ना कभी गुस्सा नहीं होते हैं और अपनी पत्नी को अपना रोमांटिक अंदाज दिखाने से कभी खुद को रोक नहीं पाते। उनका यह रूप उन्हें और भी प्यारा बनाता है। अपने सिद्धांतों और परंपराओं पर बेहद दृढ़ता के साथ अडिग रहने वाले अन्ना थोड़े मीठे, थोड़े खट्टे, कुछ के लिये दिल से कोमल और कई लोगों के लिये तीखे हैं।
देखिये, ‘भाखरवड़ी’ हर सोमवार से शुक्रवार, रात 8 बजे केवल सोनी सब पर।