राघव जुयाल को मिला रेकी मास्टर आयुष गुप्ता का सहारा
छोटा पर्दा : भारत के सबसे युवा रेकी हीलर आयुष गुप्ता लगतार रेकी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। पिछले छह वर्षों से भी अधिक समय से रेकी का अभ्यास कर चिकित्सा उपचार में लोगों की मदद करते आ रहे आयुष गुप्ता बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों के साथ ही आम लोगों का भी इलाज कर रहे हैं। महज 18 साल की उम्र में यंगेस्ट रेकी हीलर और भारत के टैरो कार्ड रीडर होने के दो विष्व रिकार्ड वह अपने नाम कर चुके है।उनके अनुसार उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने रेकी चिकित्सा के माध्यम से तीसरे चरण के कैंसर रोगी को ठीक किया है।
डांस इंडिया डांस, एबीसीडी और डांस प्लस के जरिए लोकप्रियता बटारेने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ नर्तक राघव जुआल को अपनी एक समस्या के समाधान के लिए आध्यात्मिकता की तलाश की और उनकी यह तलाष आयुष गुप्ता पर जाकर थमी। अपने दाहिने घुटने को लेकर वह लंबे समय से परेषान थे.ऐसे में युवा रेकी ग्रैंड मास्टर आयुष ने उनकी मदद की।राघव और आयुष ने समस्या पर चर्चा की और आयुष ने तत्काल प्रभाव से राघव की समस्या को अपने रेकी से ठीक करने में मदद की।
खुद राघव जुआल कहते हैं-‘‘मैं आध्यात्मिकता की मदद से अपने लिगामेंट की समस्या को ठीक करने की कोशिश कर रहा हूँ. आयुष अगस्त माह से मेरे अंदर सकारात्मकता की रोशनी भरने व घुटने की समस्या का इलाज कर रहे हैं।’’
‘‘बालिका वधु’’ को बेहतरीन अभिनय स्कूल माानते हैं अविनाश मुखर्जी
छोटा पर्दा : ‘‘इतना ना करो मुझसे प्यार’’ तथा ‘‘शक्तिःअस्तित्व के अहसास’’ में अभिनय कर अविनाश मुखर्जी देश भर में लाखों प्रशंसकों के लिए आदर्श बन चुके है।लेकिन लोग शायद भूल गए कि अविनाश मुखर्जी ने बाल कलाकार के तौर पर 2008 से 2011 के बीच ‘‘कलर्स’’ पर प्रसारित सीरियल ‘‘बालिका बधु’’ में जगदीश उर्फ जग्या का किरदार निभाकर जबरदस्त शोहरत बटोरी थी।इन दिनों इसका पुनः प्रसारण ‘कलर्स ’पर ही हर दिन षाम चार बजे से सात बजे के बीच हो रहा है।अविनाश मुखर्जी का दावा है कि सही मायनों में ‘‘बालिका वधु’’ उनके लिए अभिनय की बारीकियां सिखाने वाला एक्टिंग के इंस्टीट्यूट जैसा था।वह कहते हैं-‘‘मैं सीरियल‘बालिका वधू’ की तुलना में किसी अन्य बेहतर अभिनय स्कूल की कामना नहीं कर सकता।इस सीरियल में सुरेखा सीकरी, स्मिता बंसल, अनूप सोनी जैसे दिग्गज कलाकारों से मैने बहुत कुछ सीखा था। जिससे मुझे बहुत मदद मिली। मैंने पहले कुछ साल सेट्स पर और शॉट्स के बीच में एक्टिंग के बारे में जानने और सीखने में बिताए और साथ ही कैमरा, कैमरा एंगल और लेंस का भी इस्तेमाल करना शुरू किया। वाइड कैमरा लेंस क्या हैं, टेली लेंस क्या हैं, फिर स्क्रिप्ट, चरित्र, संगीत, स्क्रीनप्ले के बारे में समझा था।
‘‘बालिका वधु’’में अभिनय का बाल कलाकार के तौर पर अविनाश मुखर्जी ने षोहरत की जिन बुलंदियों को छुआ था, उससे किसी भी कलाकार का दिमाग सातवें आसमान पर पहुंच जाता, मगर अविनाश ने अपने पैर जमीन पर जमाए रखे।वह कहते हैं-‘‘मैं दबाव में नहीं आया। हवा में नहीं उड़ा। क्योंकि पिताजी हमेशा इस बात के लिए सहायक थे कि मैं रचनात्मक रूप से क्या करना चाहता हूं और उन चीजों को लेना चाहता हूं जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं। मेरी माँ बहुत स्पष्ट थी कि मैं शूटिंग कर रहा हूँ और यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन मेरी शिक्षा कभी प्रभावित नहीं होगी। यही वजह है कि मैंने अपनी 9 वीं और 10 वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए अभिनय से दूरी बनायी थी। इसी तरह कॉलेज में दूसरे और तीसरे वर्ष के लिए भी अभिनय से दूरी बनायी थी। देखिए, मुझे तो अभी मीलों तक चलना है और सीखने के लिए बहुत कुछ है। मैं अभी भी सीख रहा हूं और मेरी यात्रा को परिभाषित नहीं किया जा सकता है।‘‘
अब ‘‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’’ में पैरेंटिंग पर होगी बात
छोटा पर्दा : पिछले ग्यारह वर्षों से राजन शाही का सीरियल ‘‘यह रिश्ता क्या कहलाता है‘‘, ‘‘स्टार प्लस’’ पर हर दिन रात साढ़े नौ बजे लगातार दर्शकों का मनोरंजन करता आ रहा है। इस सीरियल में कार्तिक के किरदार में मोहसीन खान और नायरा के किरदार में शिवांगी जोशी की प्यार भरी केमिस्ट्री के लोग दीवाने हैं। अब इस जोड़ी के जीवन में एक बच्ची का आगमन हो गया है। परिणामतः सीरियल के निर्माता राजन शाही ने अब इस सीरियल में जीवन के अहम पहलू ‘‘पैरेंटिंग’’ पर बात करने का इरादा बनाकर कहानी को उसी तरह से गढ़ रहे हैं।
खुद राजन शाही कहते हैं- ‘‘सीरियल ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है‘ अब अभिभावक और उनके बच्चों के मुद्दों पर केंद्रित होगा। उनके पहले से ही दो बच्चे हैं, और वे भी जल्द ही कृष्ण को गोद लेंगे। इसलिए कैराना की नई यात्रा माता-पिता और माता-पिता के मुद्दों के रूप में होगी। वास्तव में, वे कोई हैं जो परिवार में सभी के बारे में चिंतित हैं और न केवल उनके और उनके बच्चों के बारे में। तो यह नया चरण गायू और समर्थ के बच्चों और नक्ष और कीर्ति का भी होगा और कार्तिक और नायरा भी अपने जीवन में शामिल होंगे।अब यह सीरियल निश्चित रूप से अधिक भरोसेमंद हो जाएगा। क्योंकि बच्चों की परवरिष करना आसान नहीं है।’’
सत्या तिवारी की ताकत है उनका परिवार
छोटा पर्दा :मधु और महेश पांडे निर्मित चार कुंवारे भाईयों की रोचक कहानी बयां करने वाला सीरियल ‘‘गुप्ता ब्रदर्स: चार कुंवारे फ्राम गंगा किनारे’’अपने प्रसारण के साथ ही दर्शकों का पसंदीदा सीरियल बन गया है। इसमें चार भाइयों में से एक भाई वीरू के किरदार में सत्या तिवारी नजर आ रहे हैं। सत्या तिवारी महज इस सीरियल में ही परिवार-उन्मुख नहीं है,बल्कि वह अपने निजी जीवन में भी परिवार के सदस्यों को समर्थन देने के लिए आभारी हैं।
खुद सत्या तिवारी कहते हैं-‘‘मेरे परिवार,खास तौर पर मेरे पिता और मेरी बहनों ने सदैव मेरा समर्थन किया।यदि मैं एक कुर्सी हूं, तो वह मेरे चार पैर हैं।यही वजह है कि मैं स्थिर हूं और यहां खड़ा हूं। जब भी मैं समस्या से घिरता हॅूं,मुझे उनका नैतिक और मानसिक सहित हर तरह का सहयोग मिलता है।यह भी सच है कि मेरे कठिन समय में मेरे साथ रहने के लिए मैं उनसे बहुत प्यार करता हूँ।
सत्या तिवारी सीरियल के निर्माता महेश पांडे की चर्चा करत हुए कहते हैं-‘‘वह एक निर्माता के रूप में बहुत अच्छे इंसान हैं। उन्होंने शो के बारे में हर विवरण साझा किया है। मुझे नहीं लगता कि मैं कभी भी किसी भी निर्माता से मिला हूं जो इस तरह से हर विवरण साझा करता है। वह हमेशा अपने कलाकारों की बहुत अच्छी तरह से देखभाल करते हैं। यदि कभी भी कोई समस्या है, ऑफसेट या सेट पर, वह हमेशा इतनी अच्छी तरह से देखभाल करेगें। वह अपने परिवार के सदस्य की तरह सभी के साथ व्यवहार करते हैं।‘‘
इस सीरियल में वीरू के सबसे बड़े भाई शिव गुप्ता के किरदार में हितेन तेजवानी हैं। हितेन का जिक्र छिड़ने पर सत्या तिवारी कहते हैं-‘‘ हितेन उर्फ शिव भैया एक शांत और महान व्यक्ति हैं। अभिनय के संदर्भ में हम सभी जानते हैं कि वह कितने अच्छे हैं। सह-अभिनेता होने के नाते, वह अपने सह-अभिनेताओं का अच्छी तरह से ख्याल रखते हैं। उनके साथ काम करना, मेरे लिए हर दिन एक सीखने की प्रक्रिया है और मैं बहुत कुछ सीख रहा हूं। जब भी हम अच्छा अभिनय करते हैं, तो वह हमेशा प्रशंसा करते हैं।’’
- शान्तिस्वरुप त्रिपाठी