फ़िल्म 'जर्सी' के अंतिम शेड्यूल को कुछ ही हफ्ते बाद, मृणाल ठाकुर फिल्म के आखरी शेड्यूल के लिए चंडीगढ़ पहुंची। देश में कोविड के बढ़ते मामलों के बीच, स्थिति लगातार खतरनाक रही है, जिससे यूनिट के सदस्यों में भय की भावना पैदा हो रही है। दीवाली के पश्चात कोरोना की ताजा वृद्धि के बाद, एक दूसरी लहर कोविड की आई है और उसके साथ आई है नए प्रतिबंधों के सुझाव। मृनाल कहती हैं कि यूनिट ने स्वास्थ्य और स्वच्छता के सख्त उपायों को अपनाने का फैसला किया है। बायो-बबल और मजबूत क़वारन्टीन नियम बनाकर, शूटिंग के पेंडिंग दिनों के लिए यूनिट को बाहरी दुनिया के साथ संपर्क कम करना होगा।
मृणाल आगे कहती हैं, 'जब हमने काम पर वापस जाने का फैसला किया, तो हमने इस स्थिति का अनुमान लगाया था। यह चिंताजनक है लेकिन मुझे अपने निर्माताओं और यूनिट के सदस्यों पर पूरा भरोसा है। यदि हम गाइडलाइन्स का पालन करते हैं और सख्त उपायों को अपनाते हैं, तो हम आगे की शूटिंग पूरी कर पाएंगे।' फिल्म के शूटिंग के दौरान किसी भी समय कोविड की सिचुएशन बिगड़ सकती हैं, लेकिन हम बाहरी दुनिया से संपर्क को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे। हमारे पास सेट पर डॉक्टर और सैनिटरी अधिकारी हैं जो हम पर नज़र रखते हैं ताकि हम वायरस के संपर्क में नहीं आये। इस कठिन समय में, हम बेहतर समय की उम्मीद कर सकते हैं, जब वैक्सीन जल्द आ जाए। तब ही हम इस महामारी से उबरने में सक्षम होंगे। फिल्म को पूरा करना एक प्राथमिकता है क्योंकि हम कब तक अपने काम को रोक सकते हैं जब की लोग पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे हों। एक फिल्म अकेले सितारों से नहीं बनती है। पूरा यूनिट परिवार जैसा है, हालाँकि मैं घर पर बैठ कर इंतज़ार करने को तैयार हूँ क्योंकि मैं एफोर्ड कर सकती हूँ लेकिन मुझे पता है कि अगर मैं काम नहीं करुँगी तो मेरी यूनिट को भुगतान या वेतन नहीं मिलेगा। यह सामूहिक रूप से नैतिक जिम्मेदारी है। अब प्रश्न उठता है कि क्या यह मुझे भयभीत करता है? हां, थोड़ा लगता हैं, लेकिन लोगों पर आर्थिक बोझ इतना अधिक है कि हमें इसे ध्यान में रखना होगा। ”