एपिक टीवी, भारत में हिंदी भाषा का एक्सक्लूसिव भारतीय इन्फोटेनमेंट चैनल, टर्निंग प्वाइंट एट तोलोलिंग के टेलीविजन प्रीमियर के साथ कारगिल विजय दिवस मना रहा है दृ यह डॉक्यूमेंट्री सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीडी बक्शी द्वारा प्रस्तुत की गयी है। हर साल 26 जुलाई को मनाए जाने वाला कारगिल विजय दिवस, कारगिल युद्ध के नायकों का सम्मान करता है और इस वर्ष, एपिक 26 जुलाई को रात 8 और 10 बजे एक विशेष प्रसारण के साथ इस महत्वपूर्ण दिन को मना रहा है।
आदित्य हॉराइजंस प्रोडक्शन्स एलएलपी द्वारा प्रस्तुत, टर्निंग प्वाइंट एट तोलोलिंग कारगिल युद्ध, इसकी उत्पत्ति और उन खोज के बारे में गहराई से छानबीन करता है जिनसे भारत ने ऊंची चोटियों पर बनी अपनी उन चौकियों पर फिर से नियंत्रण बना लिया जिन पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया था। इसमें यह भी दर्शाया गया है कि पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने इस ऑपरेशन की योजना कैसे बनाई, भले ही भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नवाज शरीफ के साथ शांति वार्ता कर रहे थे।
डॉक्यूमेंट्री के बारे में बताते हुए मेजर जनरल जीडी बक्शी ने कहा, करगिल युद्ध में तोलोलिंग एक बड़ी लड़ाई थी। इससे पहले हमें कोई जीत नहीं मिली थी। तोलोलिंग के बाद हमने कभी हार का सामना नहीं किया। देश 2 राजपूत राइफल्स और उसके निडर कमांडिंग ऑफिसर श्कर्नल रविंद्रनाथ(VRC) के प्रति कृतज्ञ है।
विशेष प्रसारण पर चर्चा करते हुए, अकुल त्रिपाठी, कंटेंट और प्रोग्रामिंग हेड, एपिक टीवी ने कहा, ष्कारगिल के युद्ध में भारत की जीत एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मील का पत्थर है जिसे हम व्यापक कवरेज और जागरूकता का हकदार मानते हैं। हम जनरल जीडी बक्शी के साथ सहयोग करने और इस महत्वपूर्ण डाक्यूमेन्टरी को प्रदर्शित करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं, जो भारत के लिए जीत की महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाता है और पुनर्जीवित करता है।ष्
इसके अलावा, डाक्यूमेंट्री यह भी बताती है कि, तोलोलिंग, पर कब्जा एक महत्वपूर्ण लैंडमार्क था क्योंकि इसका मतलब था कि भारतीय सेना के पास आगे के हमलों को लॉन्च करने और बर्फीली चोटियों को साफ करने के लिए मजबूत बेस बन गया था। तोलोलिंग को जीतने के बाद, भारतीय सैनिकों ने सिर्फ छह दिन में चार और चौकियों से घुसपैठियों को बेदखल करके उन पर कब्जा कर लिया था। हार अब जीत में बदल गई थी और इसमें तोलोलिंग एक महत्वपूर्ण मोड़ था। डॉक्यूमेंट्री में 2 राजपूत राइफल्स और युवा सैनिकों जैसे लेफ्टिनेंट विजयंत थापर, कैप्टन कंगुरुसे, मेजर सक्सेना, मेजर अधिकारी, मेजर आचार्य और अगुवाई करने वाले उनके कमांडिंग ऑफिसर कर्नल रविंद्रनाथ, जिन्होंने इस विजय को संभव बनाया उनके साहस को भी दर्शाया गया है।
2D 3D एनीमेशन और टथ्ग् प्रभावों के उपयोग के माध्यम से, डॉक्यूमेंट्री वास्तविक रूप से युद्ध के दृश्यों को दर्शाता है और भारतीय युद्ध डॉक्यूमेंट्री के लिए एक नया मापदंड तय करता है।