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हाल ही में स्टार इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया डिज़्नी किड्स पैक का विशेष कैम्पेन सही वजहों से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है. इस अभियान के ज़रिए भारतीयों में टेलीविज़न देखने की आदतों के बारे में अहम जानकारियों को सामने लाने की कोशिश की गयी है. ये अभियान इस बात को भी रेखांकित करता है कि बच्चों को उनके लिए विशेष तौर पर बनाये गये कार्यक्रमों को ही देखना चाहिए. इस पैक में डिज़्नी चैनल, हंगामा TV, मार्वल HQ और डिज़्नी जूनियर जैसे 4 चैनलों का शुमार है. 35 सेकंड की इस फ़िल्म की शुरुआत में देखा जा सकता है कि एक मां अपनी 6 साल की बेटी से उसकी उस साइंस बुक के बारे में पूछ रही है, जो उसे कहीं नज़र नहीं आ रही है. ऐसे में लड़की किसी सोप ओपेरा में काम करने वाली लड़की के तौर पर बेहद नाटकीय अंदाज़ में जवाब देती है.
इसी दौरान ये लड़की इस बात का भी संकेत देती है कि टेलीविजन देखने के दौरान वह महज़ वयस्कों के लिए बने कार्यक्रम ही देख पाती है. ये अनूठी फ़िल्म ऐसे लाखों आधुनिक भारतीय परिवारों का उदाहरण हमारे सामने पेश करती है, जहां बच्चे महज़ वयस्कों के लिए बनाये जानेवाले शोज़ ही देख पाते हैं. उल्लेखनीय है कि ज़्यादातर परिवार बच्चों पर इसके बुरे असर से बिल्कुल अनजान होते हैं और बच्चे टीवी पर वही देख पाते हैं, जो उनके अभिभावक उनके लिए चुनते हैं.
ये विज्ञापन बच्चों द्वारा एडल्ट कंटेट देखे जाने से उनपर पड़नेवाले गहरे असर को बेहद प्रभावशाली ढंग से दर्शाती है, मगर बेहद हल्के-फुल्के, मनोरंजक अंदाज़ में. ये विज्ञापन बच्चों के मनोरंजन के मामले में सही तरह के कंटेट का चुनाव करने और अभिभावक को ज़िम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभाने की नसीहत देता है. ख़ासतौर पर बनाया गया ये विज्ञापन इस बात पर भी ज़ोर देता है कि बच्चों की उम्र के हिसाब से डिज़्नी किड्स नेटवर्क द्वारा दिखाये रहे कार्यक्रम ही बच्चों को दिखाएं, जिसके ज़रिए बच्चों की मासूमियत को बनाये रखा जा सकता है.
बच्चों का ये नेटवर्क वैश्विक स्तर पर और घरेलू स्तर पर बनाये गये विभिन्न कार्यक्रम बच्चों के समक्ष बेहद रुचिपूर्ण ढंग से पेश करता है. ये सभी 4 चैनल मिलकर 2 से लेकर 14 साल के बच्चों के लिए कंटेट का प्रसारण करते हैं और विभिन्न भाषाओं में सभी बच्चों का उनके उम्र के हिसाब से मनोरंजन करते हैं.