सोनी टीवी के कलाकारों ने शेयर की लोहिड़ी की यादें

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
सोनी टीवी के कलाकारों ने शेयर की लोहिड़ी की यादें

जितिन गुलाटी, तैलप, पृथ्वी वल्लभ

लोहिड़ी पर — नवजात की पहली लोहिड़ी का बहुत ज्यादा महत्व है। लोहिड़ी के मेरे सबसे यादगार उत्सवों में से एक तीन साल पहले का है, जब मेरी भतीजी का जन्म हुआ था और मेरा विस्तृत परिवार और दोस्त इस नवजात को आशीर्वाद देने के लिए साथ आए थे। दिल्ली की सर्दियों के बीच जलते अलाव के साथ पूरे परिवार का मिलना परफेक्ट था, लंबे समय के बाद रिश्तेदारों से मुलाकात हुई थी, बेहतरीन खाना, मेरी दादी पंजाबी बोलियां सुना रही थी और हम ढोल की ताल पर नाच रहे थे।

publive-image Jitin Gulati

निकिता दत्ता, आंचल, हासिल

“लोहिड़ी के दौरान मैं ज्यादातर अपने माता—पिता के घर पर ही रही हूं। हम लोहिड़ी का उत्सव मनाने के लिए अपने लान पर रात को आग जलाते हैं। फूडी होने के नाते मेरा पसंदीदा हिस्सा उस मौसम में पॉपकॉर्न, मूंगफलियां और तिल लड्डू खाना है। हर साल हमारे के लिए लोहिड़ी बहुत खास होती है! मेरे पिता और उनकी बार-बार होने वाली पोस्टिंग्स की वजह से, मेरे पास पूरे भारत के विभिन्न शहरों में इसे मनाने की कई बेहतरीन यादे हैं, खास तौर पर दक्षिण में!”

publive-image Nikita Dutta

समीक्षा, ओलिम्पियस, पोरस

“बचपन में, हमारे लिए, लोहिड़ी हमेशा से ही नया साल मनाने की तरह थी। हम चंडीगढ़ के पास एक छोटे कस्बे में अपने दादा—दादी के घर जाया करते थे, जहां हमारे सभी पड़ोसी, दोस्त और परिवार भव्य उत्सव के लिए एक साथ आया करते थे। हमने हमेशा ही नए कपड़े खरीदते हैं, अपने पारंपरिक ढंग से तैयार होते हैं, बहुत धूमधाम से यह उत्सव मनाते हैं और गाते एवं नाचते हैं, इस उत्पाद के दौरान परफॉर्म करने के लिए कई दिन पहले से ही अपने एक्ट की तैयारी करते हैं। आमतौर पर, इस दौरान उत्तर भारत में काफी ठंड होती है, अलाव इस उत्सव का दिल है, क्योंकि यह न केवल आसपास के पूरे वातावरण को थोड़ा गर्म और आनंदित करता है बल्कि सर्दी के दिन खत्म होने के संकेत के रूप में भी काम करता है। लेकिन बच्चों के लिए हमारे लिए लोहिड़ी का सबसे हिस्सा पॉकेट मनी और गुड़ की मिठाईयां मिलना होता था। परिवार में बुजुर्गों द्वारा बच्चों को पैसा दिया जाना एक परंपरा थी। पूरा समुदाय एक साथ आता है और उत्सव बनाता है, जो इस त्योहार को खास ​बना देता है। यहां मुंबई में, मैं इस सारी मस्ती को मिस ​करती हूं क्योंकि यहां पर इतना बड़ा त्योहार नहीं मनाया जाता है।”

publive-image Sameeksha

Latest Stories