‘यार जुलाहे’ से माहिरा खान, सरवत गिलानी और निमरा बुचा की टेलीविजन पर वापसी

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By Mayapuri Desk
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‘यार जुलाहे’ से माहिरा खान, सरवत गिलानी और निमरा बुचा की टेलीविजन पर वापसी

भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ सबसे जाने-माने लेखकों, जैसे कि गुलज़ार, सादत हसन मंटो, इस्‍मत चुगताई, मुंशी प्रेमचंद, अमृता प्रीतम द्वारा उर्दू और हिन्‍दी के महान लेखकों की जीवनगाथाओं पर नाटकीय रचनाओं की एक श्रृंखला ‘यार जुलाहे’ का प्रसारण इस वीकेंड से ज़िंदगी की डीटीएच सेवाओं टाटा स्‍काई, डिश टीवी, डी2एच और एयरटेल पर किया जाएगा। मई 2023 में अपने लॉन्‍च के बाद से ज़िंदगी ने हमेशा सीमा के दोनों तरफ के दर्शकों के लिये कुछ नया कंटेन्‍ट लाने का लक्ष्‍य रखा है। 

‘यार जुलाहे’ में दिखाई देने जा रहे पाठकों में फिल्‍म ‘रईस’ में शाहरुख खान के साथ काम कर चुकीं माहिरा खान और ‘चुड़ैल्‍स’ से मशहूर हुए एक्‍टर्स सरवत गिलानी, निमरा बुचा और एक्‍टर/ डायरेक्‍टर सरमद खूसत जैसे दिग्‍गज शामिल हैं।

‘यार जुलाहे’ के चार एपिसोड्स का प्रसारण जून में ज़िंदगी के डीटीएच प्‍लेटफॉर्म्‍स पर चार वीकेंड्स में होगा और पहले वीकेंड के एपिसोड में पाकिस्‍तानी अभिनेत्री माहिरा खान को अहमद नदीम कासमी की क्‍लासिक कहानी ‘गुड़िया’ पढ़ते दिखाया जाएगा।

‘गुडि़या’ में दो बेस्‍ट फ्रैंड्स- बानो और मेहरा की कहानी है। बानो के पास एक डॉल है, जिसका नाम गुड़िया है और जो बिलकुल मेहरा की तरह दिखती है, लेकिन मेहरा को उस डॉल से कोई दिलचस्‍पी नहीं है। उस डॉल के लिये उनका प्‍यार और नफरत बीतते समय के साथ बढ़ती है। आखिर में एक आकस्मिक मोड़ आता है, जो उस डॉल के रहस्‍य का खुलासा करता है।  

एक्‍टर निमरा बुचा उपन्‍यासकार और लेखक तथा पद्मश्री विजेता इस्‍मत चुगताई की लघुकथा ‘मुगल बच्‍चा’ पढ़ेंगी, जिसका प्रसारण दूसरे सप्‍ताहांत में 9 और 10 जून को होगा। यह काले रंग के एक आदमी काले मियां और उसकी खूबसूरत दुल्‍हन गोरी बी की कहानी है। खुशहाल शादीशुदा जिन्‍दगी के लिये काले मियां अपना अहंकार और हीनभावना छोड़ने को तैयार नहीं है।

अपना अनुभव बताते हुए, एक्‍टर निमरा ने कहा, “मुझे मेरी नानी से कहानियाँ सुनना याद है, जब वह मुझे सुलाने की कोशिश करती थीं। और जब मैंने अपने बच्‍चे को सुलाने के लिये खुद की कहानियाँ बनाईं, तब नानी की कहानियों के कुछ हिस्‍से चुराये। कहानियाँ हमारी कल्‍पनाओं को पंख देती हैं और हम सोचते रहते हैं कि आगे क्‍या होगा, चाहे बहुत नींद आ रही हो। ‘मुगल बच्‍चा’ बड़े बच्‍चों के लिये एक परीकथा है। उसे परफॉर्म करते हुए मुझे बचपन का एहसास हुआ, लगा कि इस्‍मत चुगताई की मुझ पर नजर है और मुझे याद दिलाया जा रहा है कि मैं बड़ी हो गई हूँ। मानो कि मैं कोई जादूगरनी हूँ, रात का अंधेरा हूँ, और इसी तरह की बातें। यह एक प्रेम कहानी है, जो हर उम्र में होने वाली जिद दिखाती है। और सारी प्रेम कहानियों की तरह इसमें महत्‍वाकांक्षा, हताशा और सदाबहार होने की बात है।”

तीसरे एपिसोड का नाम है ‘सनसेट बौलेवार्ड’, जोकि मशहूर गीतकार और फिल्‍मकार गुलज़ार की कविता से प्रेरित है। एक्‍टर सरवत गिलानी द्वारा गुलज़ार साहब की लघु कथाओं को पढ़ा जाएगा, जिसका प्रसारण 16 और 17 जून को होगा। 

‘चुड़ैल्‍स’ और ‘कातिल हसीनाओं के नाम’ की एक्‍टर सरवत को गुलज़ार का काम पहले से पसंद रहा है, उन्‍होंने कहा, “अपने टीनेज के दिनों में मैंने मंटो, इस्‍मत चुगताई और गुलज़ार साहब द्वारा लिखी कहानियाँ सुनी थीं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं उनकी किसी रचना को पढूंगी। जब ‘सनसेट बौलेवार्ड’ मुझे मिला, तब मुझे उससे लगाव हो गया, क्‍योंकि मुझे ऐसी कहानियाँ और किरदार पसंद हैं, जिनके पास आम आदमी के बारे में कहने के लिये कुछ होता है। इस कहानी की पुरानी साहित्यिक शैली और किरदार बड़े ही खूबसूरत हैं। यह निश्चित तौर पर गुलज़ार साहब की सबसे अच्‍छी रचनाओं में से एक है और जब ऐसी बेहतरीन कहानियों को लिया जाता है, तब परिणाम हमेशा सुंदर होता है।” 

चौथे और अंतिम एपिसोड में एक्‍टर फैसल कुरैशी, सादत हसन मंटो की कहानी ‘गुसल खाना’ पढ़ेंगे। खूसत सरमद द्वारा निर्देशित यह एक लड़के की कहानी है, जिसकी प्रार्थना तभी सुनी जाती है, जब वह गुसल खाना में प्रार्थना करता है।

डायरेक्‍टर सरमद खूसत ने एक पुराने इंटरव्‍यू में कहा था, “मंटो का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का था और यह कहानी उस खासियत को बिलकुल सटीक तरीके से दिखाती है। जिन्‍हें मंटो के बारे में अभी तक पता नहीं है, वे लोग भी इस कहानी को सुनकर उनके तेज दिमाग का अंदाजा लगा सकेंगे। फैसल ने इसे बेहतरीन तरीके से परफॉर्म किया है। उन्‍होंने बड़ी आसानी से एक गैर-जिम्‍मेदार नौजवान का किरदार निभाया है।”

देखिये ‘यार जुलाहे’, 3 जून से हर शनिवार और रविवार को दोपहर 12 बजे और शाम 5 बजे सिर्फ ज़िंदगी के डीटीएच प्‍लेटफॉर्म्‍स पर

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