राशि बावा उर्फ सोनी सब के ‘जीजाजी छत पर हैं’ की सुनीता
‘‘मेरे लिये मेरे डैड मेरी दुनिया हें और मैं इस बार उनके लिये फादर्स को सबसे बेहतर बनाने की कोशिश करूंगी। मैं शायद उनको एक ब्रंच पर ले जाऊं और फिर फिल्म देखने। साथ ही मैंने सोचा है कि ‘वर्ल्ड्स बेस्ट फादर’ लिखा केक उनके लिये लेकर आऊं। मैं उनके लिये जरूर कोई तोहफा लेना चाहूंगी, लेकिन मैं सोच नहीं पा रही हूं कि उनके लिये गिफ्ट में घड़ी लूं या फिर सनग्लासेस। एक चीज है, जो मैं उन्हें जरूर देने वाली हूं और वह है अपने हाथों से बनाया हुआ कार्ड। क्योंकि मुझे पता है कि वह कार्ड उनके लिये ज्यादा मायने रखेगा। मेरे डैड मेरी ताकत हैं और मुझे लगता है कि मैं उनके बिना कुछ भी नहीं हूं। उन्होंने मुझे मूल्य और संस्कार सिखाये हैं, उसके लिये मैं उनकी आभारी हूं।
विपुल रॉय उर्फ सोनी सब के ‘पार्टनर्स-ट्रबल हो गई डबल’ के आदित्य
‘‘यह फादर्स डे मेरे लिये बहुत ही खास होने वाला क्योंकि मेरे पापा इस खास दिन को मनाने के लिये मेरे पास पहुंच रहे हैं। मैंने उनके साथ स्पोर्ट्स सेशन का आयोजन किया है क्योंकि उन्हें खेलों से बहुत प्यार है और इसके बाद हम स्वीमिंग करने वाले औंर और बैडमिंटन खेलने वाले हैं। शाम में हम एक बेहतरीन डिनर के लिये जायेंगे और इसके बाद मैंने एक खास तोहफा देने वाला हूं, जिसे मैंने उनके लिये लिया है। मेरे लिये पापा एक हीरो, एक सच्चे मेंटर, रहेंगे जिन पर मैं हमेशा निर्भर रहा हूं। मैंने हमेशा ही अपने राज उनके साथ शेयर किये हैं, चाहे वह मेरा पहला प्यार हो या फिर स्कूल में होने वाली लड़ाइयों के किस्से, उन्होंने हरेक मामले में मुझे सपोर्ट किया है। अपने डैड के साथ बिताया गया हर लम्हा मेरे लिये खास है।’’
प्रियम्वदा कांत उर्फ सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ की शारदा
जब से मैं घर से बाहर रहने लगी हूं, अपने डैड के साथ वक्त बिताने का मौका ही नहीं मिलता, लेकिन मैंने सोचा है इस दिन मैं खुद को फ्री रखूंगी। अपने पापा से वीडियो पर लंबी बातचीत करूंगी। मैं उन्हें एक अच्छा-सा आरामदायक स्पा भेजने के बारे में सोच रही हूं! मेरे जीवन में परिवार का काफी महत्व है और परिवार के लोगों के बीच काफी करीबी रिश्ता है। मैं हमेशा से एक आज्ञाकारी बच्ची रही हूं, मेरे डैड मुझसे जो करने को कहते थे मैं करती थी और जो नहीं कहते थे मैं खुशी-खुशी उनकी बात मान लेती थी। वह मेरी ताकत के स्तंभ रहे हैं और मैंने अपने जीवन में जो भी करना चाहा, उसमें बेहद सपोर्ट करते थे। मेरे पैरेंट्स बहुत ही सहज हैं, वे लोग मेरे इंस्टाग्राम पर भी हैं, इसलिये जुड़े रहने में मदद मिलती है। मुझे याद है, जब मैं छोटी थी हमेशा डैड के सामने फंस जाती थी। डैड से जुड़ी सबसे अच्छी यादों में है कि वह मुझे हिन्दी और हिस्ट्री पढ़ाया करते थे। उन्हें मुझे हिस्ट्री पढ़ाना अच्छा लगता था और वह मेरा सबसे पसंदीदा सब्जेक्ट बन गया। उनकी वजह से ही मैं स्कूल में हमेशा हिस्ट्री और हिन्दी में टॉपर रही। मैं उनकी वजह से ही इतनी अच्छी हिन्दी बोल पाती हूं। मेरे घर में यह नियम था कि मैं अपनी मां से बंगाली में बात करती थी और डैड से हिन्दी और इंग्लिश में। इसलिये मैं इन तीनों भाषाओं को बहुत अच्छी तरह बोल लेती हूं! मेरे डैड वाकई बहुत मजेदार इंसान हैं, मुझे लगता है कि उनसे ही मुझे सेंस ऑफ ह्नयूमर और कॉमिक टाइमिंग मिली है।’’