
सोनी सब के नये शो ‘मंगलम् दंगलम्- कभी प्यार कभी वार’ में एक पिता (मनोज जोशी) और एक होने वाले जमाई (करणवीर शर्मा) के बीच के रिश्ते को दिखाया गया है जो उस लड़की के पिता को प्रभावित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है जिससे वह प्यार करता है।
अपनी अलग तरह की कहानी और बेहतरीन कास्ट के साथ इस शो ने काफी प्यार और लोकप्रियता हासिल की है। इसका सबूत यह है कि सोनी सब परिवार के कलाकार अपने होने वाले ससुर से अपने रिश्ते के बारे में बात करने के लिये प्रेरित हुए!
स्मिता बंसल
अपने ससुर जी के साथ मेरा रिश्ता औपचारिक रहा है क्योंकि वह काफी रूढिवादी सोच रखते थे। महिलाओं के सामने उनके संकोची स्वभाव के कारण मुझे हमेशा लगता था कि 5 महिलाओं के बीच वह मुझे पहचान नहीं पायेंगे, क्योंकि उन्होंने कभी देखा भी नहीं कि उनकी बहू कौन है। हालांकि, मुझे यह जानकार आश्चर्य हुआ था जब एक बार उन्होंने मेरी सास से कहा कि मैं बहुत ही कमजोर हो गयी हूं। यह सुनकर मैं हंसी थी और आश्चर्य भी हुआ था कि उन्होंने मुझे पहचान लिया है। इसलिये, औपचारिक होने के बावजूद भी यह काफी प्यारा रिश्ता था।
/mayapuri/media/post_attachments/a4f21a5785987af0d0f58e2d579bafba91788ac0ed2526e3d073f501d4770c13.jpg)
शुरू-शुरू में शादी के बाद उन्हें मेरे काम करने से आपत्ति थी और खासतौर से इस इंडस्ट्री में। हालांकि, अपनी सास की अनुमति से मैं काम करती रही और जल्द ही उन्हें अहसास हो गया, इसलिये वह दोस्तों के बीच खुश होकर मेरे शोज़ के बारे में बताया करते थे और उनसे देखने को भी कहते थे। वैसे तो मैं अपनी समस्याएं या जरूरतें सीधे उनसे नहीं कह सकती थी, लेकिन मुझे विश्वास है कि यदि उन्हें इसके बारे में पता चलेगा तो वह मेरी जरूरत को पूरा करने के लिये कुछ भी करेंगे। इसलिये, मुझे यह विश्वास होता था कि वह जब तक मेरे आस-पास हैं, मैं सुरक्षित हूं।
अनाया खरे
अपने ससुर जी से मेरी पहली बातचीत फोन पर हुई थी क्योंकि वह अमेरिका में रहते थे और मैं यहां मुंबई में। जब मैं पहली बार यूएस में उनसे अपने मेंशन पार्टी में मिली थी तो उन्होंने मुझसे ज्यादा बातें नहीं की थीं, क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि मुझसे कैसे बात करे। उन्हें लगा था कि चूंकि मैं भारत से हूं, तो मैं सही तरीके से अंग्रेजी नहीं समझती या कैसे बोलना मुझे पता नहीं और इसलिये वह मुझसे टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात कर रहे थे।
/mayapuri/media/post_attachments/e3aaa062fbebb8ce9a2ae0466a780c0bc547bcd57974213baddc3c6d83ba8da4.jpg)
कुछ देर बाद, जब मैंने उनसे फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की तो वह अवाक् रह गये और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस भाषा को इतनी अच्छी तरह कैसे जानती हूं। उसके बाद मैंने बताया कि हमें बचपन से ही अंग्रेजी सिखायी जाती है, फिर उसके बाद उन्होंने मुझसे खुलकर और आराम से बात करना शुरू किया। हमने काफी बेहतरीन पल बिताये, क्योंकि हमारा रिश्ता मजबूत हो गया था और वह मेरे काफी अच्छे दोस्त बन गये थे। वह बेशक बहुत नेकदिल इंसान थे और खुशमिजाज भी। हमारी जरूरत के समय वह हमेशा हमारे लिये मौजूद थे। अपनी मां से ज्यादा मेरी उनसे बात होती थी और मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि वह मेरी जिंदगी का हिस्सा रहे।
अंकित शर्मा
/mayapuri/media/post_attachments/b988c1ed02fd2be429fbc440aa57ff77d66b94bfded7eb1c1a4ab7a74dadfa2d.jpg)
अपने ससुर जी से मेरी पहली मुलाकात बड़ी ही पारंपरिक रूप से हुई थी, जब उन्होंने मेरा इंटरव्यू लिया था। इस बातचीत के दौरान मुझे पता चला कि वह एक संस्कृत टीचर हैं और इसलिये घर में जब भी पूजा होती है तो वह अपने ज्ञान और मंत्रों से उसे संपन्न करते हैं। हमारी बहुत मुलाकात नहीं होती, लेकिन एक बहुत ही मजेदार वाकया है, जब भी उनसे मुलाकात होती है, वह बात जरूर होती थी। जब भी मैं उनसे पूछता हूं कि वह दुबले कैसे हुए, तो अपने पेट को इस तरह कर लेते थे कि वह और भी पतला नज़र आये और हम सब इस बात पर हंसते हैं।
मानव गोहिल
अपने ससुर जी से मेरा काफी दोस्ताना रिश्ता रहा है। मुझे अब भी याद है,उनसे पहली मुलाकात के दौरान दरअसल मैं खुद ही बेवकूफ बन गया था। जब मैं उनके घर पहुंचा था तो वे पराठे (आलू और गोभी पराठा) परोस रहे थे । इसलिये, गोभी के पराठे को आलू का पराठा समझ कर खा गया और आज भी उस बात पर मेरा मजाक उड़ाया जाता है।
उनकी ड्राइविंग ऐसी चीज है, जिससे मुझे काफी डर लगता है क्योंकि ड्राइव करने का उनका जुनून काफी अलग है। हालांकि, वह बेहद दयालु किस्म के इंसान हैं और जब भी उनसे मिलता हूं अपनापन सा लगता है, क्योंकि वह मिलने पर ड्रिंक ऑफर करते हैं और हम कई मुद्दों पर बात करते हैं।
राशूल टंडन
/mayapuri/media/post_attachments/82afb296340a28a894279cf92921286b05e870a6b30ecb3011f1b932b3d83266.jpg)
मेरी अगले महीने शादी होने वाली है और यह अरेंज्ड है, इसलिये शादी से पहले अपने होने वाले ससुर जी से मेरी पहली मुलाकात काफी औपचारिक थी। सच मानिये, मैं कैमरे के सामने कभी इतना डरा हुआ नहीं रहा हूं, जितना कि उनसे मिलने से पहले था। वे लोग हमारे घर पर आने वाले थे और मुझे कुछ भी नहीं पता था कि क्या होने वाला है, जिससे मैं काफी बेचैन था। हालांकि, यह अच्छी बात है कि मेरे ससुर जी बहुत ही अच्छे और मजेदार इंसान हैं, इसलिये हमारी मुलाकात अच्छी रही। मैं खासतौर से उनके सेंस ऑफ ह्यूमर का कायल हूं, क्योंकि वह हर पल को ही हल्का बना देते हैं और उनके साथ होना मजेदार होता है, वह दोस्तों जैसे रहते हैं।