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चिन्मयी सोनी सब के वागले की दुनिया में सखी वागले की भूमिका निभा रही हैं
"हर युवा सपने के पीछे एक अद्भुत पिता होता है, जो अपना ज्ञान, क्षमता और अंतहीन प्यार देता है. आज, मैं अपने पिता, मेरे मार्गदर्शक का सम्मान करना चाहती हूं, जिनके अटूट समर्थन के कारण ही मैं आज यहां मौजूद हूं. मेरे सफल होने के लिए उन्होंने जो अनगिनत बलिदान दिए हैं, उनके लिए मैं हमेशा उनकी आभारी रहूंगी. चाहे मेरे आंसू पोंछने की बात हो या मेरी खुशी में खुश होने की, वह मेरे जीवन के हर छोटे—बड़े पड़ाव में, मेरे साथ रहे हैं. मेरे ऑफ़-स्क्रीन पिता की तरह, मेरे ऑन-स्क्रीन पिता भी उतने ही लाजवाब हैं. सुमीत सर का किरदार राजेश वागले ऐसे सबसे प्रेरक और विचारशील पिता हैं, जो कोई लड़की चाह सकती है. ड्राइविंग के डर को दूर करने में उसकी मदद करने से लेकर उसे विदेश में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने तक, वह किसी सपने की तरह शानदार रहे हैं. इसलिए उन दोनों को मेरे हीरो और मेरी प्रेरणा बनने के लिए धन्यवाद. फादर्स डे की शुभकामनाएं!"
शीहान कपाही सोनी सब के वागले की दुनिया में अथर्व वागले की भूमिका निभा रहे हैं
"मेरे पिता मेरे सबसे बड़े समर्थक रहे हैं. जब मैं वागले की दुनिया में शामिल हुआ था, तो उन्होंने मेरे साथ रहने के लिए अपने ऑफिस से लंबा ब्रेक ले लिया था क्योंकि यह मेरा पहला शो था. उन्होंने मेरे डायलॉग्स को पढ़ने और समझने के साथ ही, सेट पर जाने से पहले मेरी स्क्रिप्ट का पूर्वाभ्यास करने में भी मेरी मदद की. उन्होंने पूरा दिन मेरे साथ सेट पर बिताया. वह वीकेंड के दौरान भी सेट पर मौजूद रहते थे, ताकि मेरी पढ़ाई में मेरी मदद कर सकें. हमें एक साथ फिल्में देखना पसंद है, और अगर हम बाहर नहीं होते हैं, तो हम हमेशा घर पर प्रोजेक्टर पर फिल्में देखते हैं. मेरे शूटिंग शेड्यूल के अनुरूप रहने के लिए, हम नए घर में भी चले गए, क्योंकि लंबा सफर करने से मैं थक जाया करता था. इस तरह, मुझे अपनी व्यक्तिगत गतिविधियों के लिए समय मिल सका, जैसे कि खेलना और पढ़ाई करना. उनके निरंतर समर्थन और समर्पण के बिना, मैं वहां नहीं होता जहां मैं आज हूं. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आई लव यू, डैड और हैप्पी फादर्स डे."
पारस अरोड़ा सोनी सब के दिल दियां गल्लां में वीर की भूमिका निभा रहे हैं
"मेरे पिता ने निरंतर मेरा समर्थन किया है. शुरुआत से ही, उन्होंने मुझ पर कोई करियर थोपने के बजाय हमेशा मेरी उम्मीदों और सपनों पर भरोसा रखा. मुझे याद है कि जब मैं 4 साल का था तो उन्होंने मार्शल आर्ट और डांस क्लास में मेरा दाखिला दिलाया ताकि मैं आगे बढ़ने के लिए जो भी विकल्प चुनूं, उसके लिए मैं अच्छी तरह से तैयार रह सकूं. उन्होंने हमेशा मेरे अभिनय करने के सपने को गंभीरता से लिया. असल में, 12 साल की उम्र में, उन्होंने मेरा पहला काम हासिल करने में मेरी मदद की थी. भले ही हम कुछ समय के लिए मेरी मां से दूर रहे, फिर भी मुझे कभी अकेलापन महसूस नहीं हुआ. उन्होंने मेरे पूरे जीवन में मुझे अपना अटूट समर्थन दिया है, और मुझे ऐसा लगता है कि हम पिता को उनके स्थिर बलिदान के लिए बहुत कम श्रेय देते हैं. भले ही दिल दियां गल्लां में, वीर के पिता नहीं हैं, लेकिन दिलप्रीत बरार उसके लिए पिता के ही समान है. उन्होंने अपने खुद के बच्चे की तरह उसकी रक्षा की है और उसका ख्याल रखा है. तो इस फादर्स डे पर, मैं अपने पिता को उनके सभी कार्यों के लिए अपना सारा प्यार और बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं. आपसे प्यार करता हूं पापा. उन सभी पिताओं के लिए जिन्होंने दूसरों के बच्चों को अपना माना है, आप लोग सुपरहीरो हैं."
ईशान धवन सोनी सब के ध्रुव तारा में ध्रुव का किरदार निभा रहे हैं
"इस फादर्स डे पर, मैं मेरे पिता से मिले अटूट समर्थन के लिए उनका बहुत आभार व्यक्त करता हूं. कई बार करियर बदलने के बावजूद, उन्होंने हमेशा मुझे जोखिम उठाने और अपनी खुशी को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया है. 'ध्रुव तारा - समय सदी से परे' में मेरे किरदार ध्रुव में, मुझे अपनी मां सुशीला और अपने दादा के रूप में पिता का साथ मिला है. उनके प्यार और मार्गदर्शन ने मेरी इस कमी को दूर किया है. आज, मैं सिर्फ अपने पिता का ही नहीं, बल्कि पितृत्व के उस खूबसूरत रिश्ते की सराहना कर रहा हूं, जो खून के रिश्ते से परे है, और प्यार व समर्थन को बढ़ावा देता है."
कृष्णा भारद्वाज सोनी सब के ध्रुव तारा में महावीर की भूमिका निभा रहे हैं,
"मेरा मानना है कि पितृत्व के सफर जैसा कोई सफर नहीं. इस खास मौके पर मैं, अपने पिता, मेरे समर्थक का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. मैं अपने अभिनय के जीन्स का श्रेय उन्हें देता हूं, क्योंकि वे इस कलात्मक सफर में मेरी प्रेरणा रहे हैं. लेकिन इससे भी बढ़कर, उन्होंने मुझे अपने काम के प्रति जुनूनी होने का महत्व सिखाया है. यहां तक कि सोनी सब के ध्रुव तारा - समय सदी से परे में, जो 17वीं शताब्दी में सेट है, मेरे किरदार के लिए हमें शुद्ध हिंदी में बात करनी पड़ती है और हिंदी में पीएचडी होने के नाते, मेरे पिता ने शुद्ध हिंदी बोलने का मेरा प्रशिक्षण मेरे बचपन में ही शुरू कर दिया था. इसलिए, मैं अपने किरदार में जो परफेक्शन लाता हूं, वह मेरे पिता की हिंदी की मास्टरक्लास की वजह से है. आज, मैं न केवल एक पिता और एक बेटे के बीच के रिश्ते को सेलिब्रेड करता हूं, बल्कि उस प्यार और समर्थन की विरासत की भी सराहना करता हूं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाती है."