एक तरफ गोकुलधाम सोसाइटी में भिड़े अख़बार में पढ़ता है कि 'लेना देना बैँक' बिलकुल खाली होकर बंद हो गया है क्योंकि श्री टोनी ने उसमें कुछ फ्रॉड किया था वहीं दूसरी तरफ 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में जेठालाल दो दो बैंक से लोन के लिए अप्लाई करता है। तुका जोशी बैंक उसका लोन मंजूर भी कर लेते हैं। उसी बीच में जेठालाल का एक डिस्ट्रीब्यूटर टोनी मोनी उसको फोन करके बताता है कि काम से उसे सेनोरिका आइलैंड पर जाना पड़ेगा।
गोकुलधाम के रहवासी उससे इस यात्रा के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं पर जेठालाल सभी के प्रश्नों को टाल जाता है। पूरी तैयारी के साथ जेठालाल सेनोरिका द्धीप चला भी जाता है। उसके पीछे से पुलिस गोकुलधाम सोसाइटी में आती है और सभी को बताती है कि जेठालाल ने बैंक में 100 करोड़ का घपला किया है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने उसकी दुकान पर ताला लगा दिया है और अब वे उसके घर पर भी ताला डालने के लिए आये हैं । सारे पड़ोसी परेशान हैं।
कोई भी इस बात पर विशवास नहीं कर पाता कि जेठालाल ऐसा कर सकता है पर फिर उनको याद आता है कि कैसे उसने दो दो बैंक से लोन माँगा था, कैसे उसने ना तो लोन मांगने का कारण और ना ही राशि के बारे में बापूजी को बताया था, कैसे वो सेनोरिका द्धीप के लिए बिना कारण समझाये चला गया था। तो क्या जेठालाल सच में अपराधी है ? क्या उसने 100 करोड़ का गबन किया है ? क्या होगा अब बापू जी और टापू का? क्या गुजरेगी दया के मन पर जब उसे इस बात का पता चलेगा ?