‘‘ईद का त्योहार 30 दिनों के रोज़ा के बाद आता है और तमाम कोशिशों के बाद आखिर में जब हम इस त्योहार पर अपने परिवारवालों से मिलते हैं और उनके साथ मिलकर इसे मनाते हैं तो खुद को बेहद खुशनसीब मानते हैं। यह त्योहार हमेशा से ही मुझे खुशी देता रहा है, क्योंकि सभी लोग साथ होते हैं, खाने का लुत्फ उठाते हैं और उन रिश्तों पर नाज़ करते हैं।
आप ईद को कैसे अलग तरह से मनाते हैं?
‘‘यह त्योहार इंसानियत और जिंदगी के सारे पहलुओं को सिखाता है। मुझे यह देखकर अच्छा लगता है कि मेरे बेटे भी वही चीजें सीख रहे हैं। वे यही सोच अपने बच्चों को भी देंगे, जिससे मुझे लगता कि ईद बच्चों के लिये कितना जरूरी है। हम अपने दिन की शुरुआत खुदा की इबादत से करते हैं, परिवार के लोगों से मिलते हैं, उनके घर जाते हैं और पूरा दिन के उनके साथ बिताते हैं। यही चीज है जिसका मुझे सबसे ज्यादा इंतजार रहता है, क्योंकि ईद सबको करीब लाता है।’’
अहमद खान की तरफ से एक छोटा-सा संदेश!
‘‘ईद का त्योहार किसी एक खास समुदाय के लिये नहीं है, क्योंकि दुनिया बदल रही है और मुझे लगता है कि सबको ईद मनानी चाहिये, चाहे वह देश में हों या विदेश में। तो सबको ईद मुबारक हो और आप अपने परिवार के साथ ईद मनायें। मेरी ओर से आप सबको बहुत सारी शुभकामनाएं!