यह थिएटर के कलाकार जो संगीत में भी निपुण हैं और हमें खबर नहीं? By Sulena Majumdar Arora 25 Jun 2023 | एडिट 25 Jun 2023 07:30 IST in टेलीविज़न New Update Follow Us शेयर पिछले दिनों विश्व संगीत दिवस पर, जानिए उन थिएटर कलाकारों के बारे में जो अच्छे सिंगर भी है और हमें मालूम नहीं जैसे श्वेता बसु प्रसाद, हिना खान, सौरभ शुक्ला हमने इन सितारों को बड़े और छोटे पर्दे पर विविध किरदारों को जीवंत करते देखा है, लेकिन उनमें संगीत की छिपी हुई गहराई भी है, जिसके बारे में हम में से बहुत से लोग नहीं जानते हैं। विश्व संगीत दिवस पर, हम इनमें से कुछ बहुमुखी कलाकारों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं। श्वेता बसु प्रसाद एक होनहार बाल कलाकार के रूप में, उन्होंने विशाल भारद्वाज की 2002 की फिल्म 'मकड़ी' में जुड़वा बच्चों चुन्नी और मुन्नी और नागेश कुकुनूर की इकबाल (2005) में सुरक्षात्मक छोटी बहन खदीजा की भूमिका निभाई थी। आज वे एक कुशल एक्टर के रूप में स्थापित हैं। श्वेता बसु प्रसाद फ़िल्मों और ज़ी थिएटर के टेलीप्ले जैसे 'गुनेहगार', 'गुड़िया की शादी' और 'कुसुम मनोहर लेले' में दर्शकों का दिल जीत रही हैं। हालाँकि, उनकी रचनात्मकता के और भी कई पहलू हैं। वे शास्त्रीय संगीत के इतिहास में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, बड़ी ही सहजता से सितार बजाती हैं, और शुभा मुद्गल, ए आर रहमान, पंडित शिव कुमार शर्मा, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, पंडित जसराज,पंडित बिरजू महाराज, विशालभारद्वाज, और उस्ताद अमजद अली खान जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों की सुप्रसिध्द वृत्तचित्र 'रूट्स' का निर्देशन भी करती हैं। , सौरभ शुक्ला यह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक, फिल्म और रंगमंच के दिग्गज अपनी सुपर हिट फिल्में जैसे 'सत्या', 'लगे रहो मुन्ना भाई', 'जॉली एलएलबी' और 'पीके' में अपनी प्रतिष्ठित भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। उनके आरडेंट थिएटर फैन्स उन्हें विजय तेंदुलकर के नाटक 'खामोश अदालत जारी है' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए भी याद रखेंगे। हालाँकि, उनके बारे में एक अनजाना तथ्य यह है कि उनका जन्म संगीतकारों के परिवार में हुआ था। उनकी मां जोगमाया शुक्ला यकीनन भारत की पहली महिला तबला वादक थीं और उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के गायक हैं। सौरभ खुद भी सात सुरों के जानकार हैं और गीत के धुन पकड़ सकते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने सरगम को बड़ी सहजता से बोल कर सबको आश्चर्य चकित कर दिया था। हिना खान रियलिटी शो और 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' जैसे डेली सोप में जलवा बिखेरने वाली इस करिश्माई स्टार का संगीत में गहरा रिश्ता है। वास्तव में, उन्होंने 2008 में रियलिटी संगीत शो 'इंडियन आइडल' में एक महत्वाकांक्षी गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था , जहां वे टॉप 30 में शामिल होने में सफल रहीं। भले ही वे अब कई परियोजनाओं में व्यस्त हैं और हाल ही में ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'षड्यंत्र' के साथ अपनी नाटकीय शुरुआत की है, फिर भी वे संगीत में गहराई से जुड़ी हैं। हिना आज भी संगीत से प्यार करती है और उसे अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अपने कई पसंदीदा गाने गाते हुए सुना जा सकता है। तारुक रैना क्या आप जानते हैं कि तारुक रैना ने डिज्नी के 'अलादीन' के लाइव-एक्शन भारतीय रूपांतरण में काम किया था, जहां उन्होंने गाया और लाइव प्रदर्शन किया था? क्या आप यह भी जानते हैं कि वे छह साल की उम्र से गा रहें है और स्कूल के संगीत सेक्शन का एक हिस्सा थे ? फैंस जो उनके यूट्यूब चैनल 'जंबो जट्स' को फॉलो करते हैं, उनकी संगीत प्रतिभा से अच्छी तरह वाकिफ हैं क्योंकि वह अक्सर एड शीरन और एडेल जैसे कलाकारों के गानों का मजेदार रूपांतरण पोस्ट करते हैं। उनके पास एक एक्लेकटिक म्यूज़िकल टेस्ट है और वे रॉक, रैप, हेवी मेटल और ग़ज़लों को पसंद करते हैं और उनके द्वारा प्रस्तुत प्रथम सोलो सिंगल 'नाराज़ी' को संगीत प्रेमियों ने खूब पसंद भी किया। एक अभिनेता के रूप में भी वे बहुत व्यस्त हैं और हाल ही में वेब शो 'मिसमैच्ड 2' और ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'कांड' और 'धूम्रपान ' में देखे गए थे। सुचित्रा पिल्लई सुचित्रा पिल्लई सिनेमा, टेलीविजन, थिएटर और ओटीटी शो में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। चाहे वो 'दिल चाहता है', 'पेज 3' और 'फैशन' जैसी फिल्में हों, 'मेड इन हेवन' जैसे वेब शो हों या 'डांस लाइक ए मैन' और 'वुमनली वॉयस' जैसे टेलीप्ले हों, वह हमेशा एक प्रभाव छोड़ती रही हैं। कितनी आश्चर्य की बात है कि उन्होंने 2001 के एल्बम 'मेरे लिए' में एक गायिका के रूप में शो बिजनेस में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने 2011 के एल्बम 'सच इज लाइफ' के साथ इंडी-पॉप और रॉक शैली पर भी अपनी पकड़ का प्रदर्शन किया। उनके गायन को YouTube चैनल 'आर्टिस्टअलाउड' पर देखा जा सकता है और वह एक प्रशिक्षित कर्नाटक गायिका भी हैं। पीयूष मिश्रा दिग्गज फिल्म और थिएटर अभिनेता, गायक, गीतकार, और पटकथा लेखक पीयूष मिश्रा ने इम्तियाज अली की फिल्म 'रॉकस्टार' में एक भ्रष्ट म्युजिक मैग्नेट की भूमिका निभाई थी, लेकिन यह नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र वास्तविक जीवन में ऑल लीरिकल थिंग्स के एक आइडियलिस्टिक एक्सपोनेंट हैं। 80 के दशक में, एनएसडी में, उन्होंने एक छात्र नाटक, 'मशरीकी हूर' के लिए अपना पहला संगीत स्कोर तैयार किया और आज न केवल वे 'ब्लैक फ्राइडे' और 'आजा नच ले' जैसी हिट फिल्मों में अपने गीतों के लिए जाने जाते है, बल्कि 'गुलाल जैसी फिल्मों के अपने पार्श्व गायन के लिए भी जाने जाते है। इस साल उनका संगीत प्रोजेक्ट 'बल्लीमारान' भारत के कई शहरों का दौरा करेगी। हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article