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इस बार मैं दिल्ली जा रही हूं अपने परिवार और कीथ के साथ जश्न मनाने- रोशैल राव

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By Sulena Majumdar Arora
इस बार मैं दिल्ली जा रही हूं अपने परिवार और कीथ के साथ जश्न मनाने- रोशैल राव
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इस बार मैं दिल्ली जा रही हूं अपने परिवार और कीथ सीक्वेरा के परिवार के साथ जश्न मनाने। क्रिसमस से शुरू होकर नए वर्ष के शुरुआती हफ्ते तक हमारे घर में जश्न, आनंद का माहौल रहता है। यह त्योहार हमारे लिए तरह तरह के पकवान बनाने, पार्टियाँ मनाने खाने-खिलाने और फैमिली टाई अप के दिन होते है। पूरा खानदान मिल बैठते हैं, खूब मजे करते हैं। बचपन का वह क्रिसमस और नव वर्ष मुझे याद है जब मेरा नेफ्यू ब्रैंडन एक वर्ष का हुआ था, मैं उस वक्त ग्यारह वर्ष की थी, पूरे परिवार ने मिलकर पार्टी डेकोरेट किया था। तरह तरह के स्वीट्स बनाए थे।

नन्हा ब्रैन्डन उस पर हाथ मार-मार कर सब कुछ मुंह में डाल रहा था, तब मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई कि मैं उसे संभालूँ। बाप रे, उसे गड़बड़ करने से रोकना बहुत मुश्किल था। बड़ी मुश्किल से मैंने उसे संभाला लेकिन बड़ा मजा आया था। एक हल्ला गुल्ला मचा हुआ था। वह हमारा अंतिम न्यू ईअर था पूरे के पूरे  भरे पूरे परिवार के साथ पार्टी मनाने का। उसके बाद मेरा भाई यू एस शिफ्ट हो गया।

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