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टीवी का फेमस सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ जिस व्यक्ति ने लिखा है उसका 26 दिसंबर 1929 को जन्म हुआ था. 6 साल पहले तारक मेहता का निधन हो चुका है. 87 साल की उम्र में वह दुनिया को छोड़ कर चले गए थे.लेकिन भले ही वह अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी एक कहानी के चलते इस समय 150 लोगों जीवन बसर हो रहा है. बता दें 52 साल पहले 1971 में गुजरती लेखक तारक मेहता ने साप्ताहिक अखबार चित्रलेखा में ‘दुनिया ने ऊंधा चश्मा’ नाम से कॉलम लिखना शुरू किया. जिसके बाद उन्होंने इस पर एक किताब लिखा था जिसके बाद असित मोदी ने इस किताब पर बेस्ड शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा बनाया
150 लोग करते हैं काम
बता दें तारक मेहता का उल्टा चश्मा में एक्टर्स के साथ-साथ 150 लोग काम करते हैं. इन सभी में सीरियल के कलाकार, राइटर, डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर, मेकअप मैन, असिस्टेंट डायरेक्टर, डीओपी ड्रेस दादा, लाइटमैन, स्पॉटबॉय, सिक्योरिटी हिस्सा हैं. भले ही कुछ लोग कैमरे के पीछे काम करते हैं साथ ही शो को छोड़ कर जा चुके हैं लेकिन कुछ अभी भी हैं जो शो का हिस्सा 15 सालों से बने हुए हैं.
15 साल से चल रहा है शो
कहा तो यह भी जाता है कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में किसी तरह की गारंटी नहीं होती है. कई बार जो सीरियल बड़े जोरों-शोरों से टीवी पर आता है वह सीरियल 3 से 4 महीने में बंद हो जाता है. लेकिन शो तारक मेहता शो के साथ असित मोदी को ऐसा हिट फॉर्मूला दिया कि जो 15 साल से टीआरपी लूट रहा है. 15 साल से यह शो सोनी टीवी पर अब तक चल रहा है.जिसकी वजह से ही ‘नीला टेलीफिल्म्स’ के इस शो में काम करने वाले लोगों के लिएयह शो किसी सरकारी नौकरी से कम नहीं है. यहाँ सभी को हर हफ्ते में छुट्टी मिलती तो है ही,साथ ही समय पर पैसे मिल जाते हैं.
बच्चे करते हैं पसंद
गुजराती राइटर द्वारा लिखे गए इस सीरियल को गुजरात ही नहीं बल्कि देशभर से प्यार मिलता है. भले ही कहानी मुंबई की गोकुलधाम सोसाईटी की है लेकिन शो में गुजराती जेठालाल के अलावा मराठी भिड़े, साथ ही यूपी के पत्रकार पोपटलाल, और पंजाब के सोढ़ी, साथ साथ बंगाल की बबिता जी भी सभी की फेवरेट है. देश के हर हिस्से से मौजूद किरदार होने के कारण ही इस शो को हर तबके का बच्चा एन्जॉय करता है.