जन्माष्टमी भगवान कृष्ण का जन्मदिवस है और इस दिन को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. दुनिया भर में लोग इस पर्व को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं. इस अवसर पर एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया कि उनके शहरों में जन्माष्टमी के दिन क्या होता है और इस त्योहार को किस तरह से मनाया जाता है. इन कलाकारों में शामिल हैं- साची तिवारी (‘बाल शिव‘ की सुमति), योगेश त्रिपाठी (‘हप्पू की उल पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी).
एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में सुमति का किरदार निभा रही साची तिवारी ने कहा, ‘‘मैं बिहार की रहने वाली हूं, जहां पर जन्माष्टमी का त्योहार बेहद उत्साह एवं धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यह मेरा सबसे पसंदीदा पर्व है और इसके कई कारण हैं. इस दिन, एक ओर मेरी मां और दूसरी महिलायें पूरा दिन व्रत रखती हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चे फूलों एवं मालाओं से भगवान कृष्ण के आगमन के लिये झांकी सजाते हैं. जश्न की शुरूआत भगवान कृष्ण को दूध और जल से स्नान कराने के साथ होती है. हम भगवान को नये वस्त्र एवं आभूषण पहनाते हैं और उसके बाद आधी रात को आरती उतारते हैं. कान्हा जी को माखन मिश्री, खीर, चरणामृत और सूखे मेवों से भरपूर लड्डुओं का भोग लगाया जाता है. हम त्योहारों के उल्लास का आनंद उठाने के लिये पास के कृष्ण मंदिरों में भी जाते हैं जहां पर आकर्षक सजावट होती है और साथ ही भगवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों पर आधारित नाटकों का मंचन भी किया जाता है. बच्चे इस दिन राधा एवं कृष्णा के रूप में सजते भी हैं. बिहार के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल हैं- दानापुर का नौलखा मंदिर और पटना का महावीर मंदिर. इस साल मैं मुंबई में अपने परिवार और छोटे भाई आन तिवारी के साथ जन्माष्टमी का त्योहार मनाऊंगी, क्योंकि वह शूटिंग में व्यस्त हैं. हमें निश्चित रूप से अपने कजिन्स के साथ इस त्योहार को मनाने की कमी खलेगी. लेकिन इस बार हम मुंबई के इस्काॅन मंदिर में जन्माष्टमी का आनंद उठायेंगे. मैं भगवान कृष्ण से प्रार्थना करती हूं, कि वे हम सभी की जिंदगी को प्यार और सौहार्द से भर दें. मेरी तरफ से भी लोगों को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें.‘‘
योगेश त्रिपाठी, जोकि एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दरोगा हप्पू सिंह का किरदार निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘जन्माष्टमी का त्योहार पूरे उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, लेकिन मथुरा और वृंदावन की बात ही कुछ और है, जहां इस पर्व को बेहद भव्य एवं शानदार तरीके से मनाया जाता है. मैं पहले इस जश्न में शामिल हो चुका हूं. जन्माष्टमी का जश्न देखने के लिये कई लोग श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर जाते हैं. इस दौरान पूरे मथुरा में प्रोफेशनल और शौकिया कलाकारों द्वारा कृष्ण की रासलीलाओं के परफाॅर्मेंस दिखाये जाते हैं. कुछ परफाॅर्मेंस तो इतने मनमोहक होते हैं कि श्रद्धालु भगवान कृष्ण की भक्ति में पूरी तरह डूब जाते हैं. मेरे गृहनगर कानपुर में भी हम एक बड़ा जश्न रखते थे. मेरी दादी मां भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिये विशेष प्रसाद जैसे कि मलाई पेड़ा, चरणामृत और धनिया पंजीरी बनाया करती थीं. हम घर में बनाये प्रसाद लेकर मंदिर जाया करते थे और यहां पर होने वाले भजन सुना करते थे. जब मैं बच्चा था, तो मेरी मां मुझे कृष्णा की तरह सजाती थी और इस साल मैं अपने बेटे दक्षेश और कुछ दिन पहले ही हुई हमारी बेटी को कान्हा एवं राधा के रूप में सजाने के लिये उत्साहित हूं. मैंने अपनी पत्नी से उनके लिये कृष्ण और राधा के ड्रेस लाने के लिये कहा है और हम इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. आप सभी को जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनायें.
शुभांगी अत्रे, ऊर्फ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘जन्माष्टमी का उत्सव मेरे बचपन की कुछ खुशनुमा यादों में से एक है. मेरी मां मुझे इंदौर में मेरे स्कूल के दही कला जश्न के लिये राधा के रूप में सजाती थीं. मेरे पापा मुझे प्रसिद्ध लक्ष्मीनारायण मंदिर में ले जाते थे, जो बिरला मंदिर या कृष्णा परनामी मंदिर के नाम से मशहूर है. यहां पर जन्माष्टमी का उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है और लोग भगवान का आशीर्वाद लेने के लिये आते हैं. घर पर हम, जमीन पर बच्चे के पैरों के निशान भी बनाते हैं, जो बाल कृष्ण के कदमों का प्रतीक हैं. और हम आरती एवं खास मिठाईयों जैसे कि माखन मिश्री, लौकी की बर्फी, मखाना खीर एवं ऐसे ही अन्य स्वादिष्ट प्रसाद, जो भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिये मेरी मां एवं दादी घर पर ही बनाती हैं, के लिये आधी रात तक जागते हैं. इस दौरान मध्य प्रदेश के सभी मंदिरों को बेहद खूबसूरती से सजाया जाता है और मटकी-तोड़ समारोह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसे सभी को जरूर देखना चाहिये. काश कि इन सारे पलों आनंद मैं एक बार फिर से इंदौर जाकर उठा पाती. इस जन्माष्टमी मेरी सभी लोगों के लिये यही कामना है कि भगवान कृष्ण सभी की जिंदगी में खुशियां एवं शांति लेकर आयें.‘‘
देखिये ‘बाल शिव‘ रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से रविवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!