कमाई का पहला चेक हमेशा ही बेहद खास और यादगार होता है. यह आपके द्वारा कमाई गई पहली सैलरी होती है और इसे लेकर हमेशा ही एक रोमांच होता है. हममें से अधिकतर लोग इस बात को लेकर काफी सोच-विचार करते हैं कि हमें अपनी पहली सैलरी से क्या करना चाहिये. एण्डटीवी के कलाकार अपने बीते दिनों को याद करते हुए कमाई के पहले चेक और उसे उन्होंने कैसे खर्च किया, इस बारे में बता रहे हैं. इन कलाकारों में शामिल हैं-सुनील दत्त (सुरेश गुप्ता, 'दूसरी माँ'), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, 'हप्पू की उलटन पलटन') और आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा, 'भाबीजी घर पर हैं').
एण्डटीवी के 'दूसरी माँ' में सुरेश गुप्ता का किरदार अदा कर रहे सुनील दत्त ने कहा, "एक्टर बनने से पहले मैं दिल्ली की एक टिकटिंग एजेंसी में असिस्टेन्ट सुपरवाइजर था. उस वक्त मेरी उम्र काफी कम थी और मुझे याद है कि हर दिन घंटों काम करने के बाद मुझे महीने की पहली सैलरी के तौर पर 1800 रूपये मिले थे. मैं जानता था कि पैसे ज्यादा नहीं हैं, लेकिन वह मेरे लिये बड़ी उपलब्धि थी और मैं बहुत खुश था. जब मैं घर गया, तब अपनी माँ को तोहफे के तौर पर सारे पैसे दे दिये और कहा कि वह उन्हें जहाँ चाहें, खर्च करें. मुझे याद है कि मेरी माँ भावुक हो गईं थीं और उनकी आँखों में आंसू थे, लेकिन उन्हें मुझ पर गर्व भी था. उस दिन उन्होंने मेरा फेवरेट गाजर का हलवा बनाया और उन खूबसूरत पलों से मुझे वाकई भाग्यशाली होने का एहसास हुआ."
एण्डटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' में कटोरी अम्मा बनीं हिमानी शिवपुरी ने कहा, "मेरी पहली सैलरी कोई सैलरी नहीं, बल्कि एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) से मिली मासिक छात्रवृत्ति थी, जो पढ़ाई में अच्छे स्टूडेंट्स को दी जाती है और वह करीब 250 रूपये थी. उस वक्त 250 रूपये भी बहुत मायने रखते थे. हम होस्टल में रहते थे और हमें दूसरे खर्चों को मैनेज करना पड़ता था, इसलिये वह पैसे बहुत काम के थे. मैंने उनकी बचत की और अपनी माँ के लिये सोने का एक छोटा-सा ब्रेसलेट खरीदा. मेरी माँ को बहुत आश्चर्य और खुशी हुई. उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं ज्यादा खर्चा नहीं करूं और उन महत्वपूर्ण कामों के लिये बचत करूं, जो समय पर करने पड़ सकते हैं. वह बात मुझे याद रही और मैंने सीखा कि फिजूलखर्ची नहीं करनी चाहिये और समझदारी से खर्च करना चाहिये, ताकि आकस्मिक समय में काम न रूके."
एण्डटीवी के 'भाबीजी घर पर हैं' में विभूति नारायण मिश्रा बने आसिफ शेख ने कहा, "मुझे याद है कि मैंने एक मॉडलिंग एजेंसी में अपना हाथ आजमाया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. एक्टिंग में मेरी पहली सैलरी 550 रूपये प्रतिदिन थी और मैंने 'हम लोग' के लिये तीन दिन शूटिंग करके 1650 रूपये कमाये थे. वह पैसे पाकर मैं रोमांचित था और मैंने अपने कुछ दोस्तों को एक फाइव-स्टार होटल में खाना खिलाने का फैसला किया. और हमने कुछ ज्यादा ही खाना मंगवा लिया, जिसका पता हमें बिल आने पर चला. बिल 2700 रूपये का था और मैं बुरी तरह चैंक गया था! मेरी जिन्दगी का सबसे रोमांचक पल सबसे बुरा पल बन गया था. अच्छी बात यह थी कि मेरे दोस्त सपोर्टिव थे और उन्होंने बाकी पैसा दे दिया (हंसते हैं). अब, हम दोस्त जब भी मिलते हैं, उस बात को याद करते हैं और खूब हंसते हैं. मेरी पहली सैलरी मेरे लिये हमेशा खास और यादगार रहेगी."