एण्डटीवी के कलाकारों ने टाइगर सफारी पर जाने के अपने अनुभव बताए!

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By Mayapuri
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International Tiger Day EXCLUSIVE: Aasif Sheikh, Siddharth Arora & Ashna Kishore recall their Tiger safaris

इंटरनेशनल टाइगर डे, जिसे ग्लोबल टाइगर डे के रूप में भी जाना जाता है, बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने का एक वार्षिक उत्सव है. इस विशेष दिन को मनाने का उद्देश्य एक ऐसी वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करना है, जिसमें हम बाघों और उनके स्वभाविक आवास को सुरक्षित रखने का प्रयास करें. इस खास मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों सिद्धार्थ अरोड़ा (‘बाल शिव‘ महादेव), आशना किशोर (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की केट सिंह) और आसिफ शेख (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की विभूति नारायण मिश्रा) ने अपनी टाइगर सफारीज और वाइल्डलाइफ टुअर्स के बारे में बात और इन विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया.

एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में महादेव का किरदार निभा रहे सिद्धार्थ अरोड़ा ने कहा, “बाघ एक सबसे अनूठी और अद्भुत प्रजाति है तथा प्रकृति की सर्वाधिक खूबसूरत एवं शक्तिशाली रचनाओं में एक हैं. वन्यजीव प्रेमियों और मेरे जैसे सफर के शौकीनों के लिये वे एक प्रमुख कारण है जिसकी वजह से हम जंगल सफारी पर उनकी सिर्फ एक झलक पाने के प्रयास में कई घंटे एवं दिन गुजार देते हैं. हालांकि, वे बेहद मनमौजी होते हैं, लेकिन मुझे याद है कि कैसे मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में मैंने अचानक एक बड़ा सा सफेद बाघ देखा था. मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार इतने नजदीक से सफेद बाघ देखा था और मैं उसकी खूबसूरती को निहारता रह गया था. वह मेन रोड पर ऐसे टहल रहा था, जैसे रैम्प पर कोई माॅडल वाॅक कर रही हो. मैंने इसे अपने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था. टाइगर सफारी में हमेशा ही सरप्राइज एवं ढेर सारा आनंद होता है और हर किसी को अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार तो इसका मजा जरूर लेना चाहिये. जंगली बाघों और उनके आवास को संरक्षित कर, हम अपने अपने साथ-साथ हजारों अन्य जीवों की भी रक्षा करते हैं. मैं सभी लोगों से अनुरोध करना चाहूंगा कि किसी भी प्राकृतिक आवास को नष्ट न करें और हमारी वृद्धि एवं विकास के लिये कुछ स्थायित्वपूर्ण समाधान ढूंढें.” 

आशना किशोर, जोकि एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में केट सिंह का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, “सच कहूं तो, ऐसा अक्सर नहीं होता जब आपको अपनी जिंदगी में पहली बार में ही शिकार के पीछे दौड़ता बाघ नजर आ जाये. मैं उन कुछ सौभाग्यशाली लोगों में से हूं, जिसने शिकार का यह पूरा दृश्य देखा है. मैं उस समय अपने परिवार वालों के साथ महाराष्ट्र के ताडोबा नेशनल पार्क में गई थी, जहां पर मैंने एक बाघ को शिकार करते हुये देखा. हमारी सफारी में हम सभी ने एक बाघ को घात लगाकर बैठे और अपने शिकार पर नजर डालते देखा. वह धीरज के साथ हमारा इंतजार कर रहा था. और बिल्कुल सही समय पर, वह अपने शिकार पर टूट पड़ा. यह पूरा नजारा किसी रोमांचक अनुभव से कम नहीं था. मैं बाघ को शिकार के पीछे दौड़ते और उसे मारते देखकर एक बच्चे की तरह डर गई थी. आज मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूं और अपने दोस्तों को अपने अनुभव बताती रहती हूं. इन लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिये हमारी भारतीय सरकार द्वारा की गई पहलों पर भी मुझे बहुत गर्व है.”

एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में विभूति नारायण मिश्रा का किरदार निभा रहे आसिफ शेख ने कहा, “मुझे बाघों से बहुत प्यार है. वे जिस तरह से चलते हैं और उनके हाव-भाव मुझे आकर्षित करते हैं. मैंने जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क में बाघों को देखा था, जहां मैं अपने दोस्तों के साथ प्रकृति का आनंद उठाने के लिये गया था. हम बाघों को देखने के लिये वहां पर लगभग चार-पांच दिन थे. किसी टाइगर रिजर्व में बाघ को देखना किसी जू में बाघ को देखने के मुकाबले एक ज्यादा रोमांचक एवं दिलचस्प अनुभव है. वे एक शक्तिशाली जीव हैं, जिनका एक अपना ही आकर्षण है. मेरे दोस्तों एवं मैंने हमारी सफारी में एक बाघिन एवं उसके बच्चों को देखा था. काश कि मैं उन्हें अपने साथ घर लेकर आ पाता. हाल ही में अपने शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मैंने एक बाघ का वेश बनाया था और इसे निभाने में मुझे बहुत मजा आया. एक बाघ की तरह दहाड़ कर मुझे अद्भुत अनुभव हुआ.” 

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