/mayapuri/media/post_banners/be8d5839624f8b7742aedbdac6d53520d283d90cc36f815a9a4ef8234d5a26f7.jpg)
राजवीर सिंह (सूफियाना प्यार मेरा)
/mayapuri/media/post_attachments/5416250cd297080ac46c6905f2fe0d01f2b5eb711ed3c2e0bb44d8348909beb0.jpg)
राजवीर सिंह बताते हैं कि स्वतंत्रता सिर्फ मन की एक अवस्था है। रूढ़िवादी सोच से हटकर कुछ करना ही स्वतंत्रता है। जिस तरह से हमने खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करना शुरू कर दिया है चाहे वह माध्यम जो भी हो जैसे राइटिंग, फिल्म, कला या संगीत। खुलकर अपनी बात को सबके समक्ष रखना और खुलकर कोई बात बोलना ही आजादी है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं !!!
हेली शाह (सूफियाना प्यार मेरा)
/mayapuri/media/post_attachments/fd7f5cba4b51c863fe61524f92d15ce1b4b96143c113998e248ecfab089e6193.jpg)
स्वतंत्रता बहुत जिम्मेदारी के साथ आती है। केवल जिम्मेदार नागरिक को शिकायत करने का अधिकार होना चाहिए। अगर आप राह चलते कचरा फेंक देते हैं, पान थूंक देते हैं या सरकारी संपत्ति को हमेशा नुकसान पहुंचाते रहते हैं तो आप अच्छे नागरिक नहीं हैं। हमारे देश के युवाओं को पहले अपने देश के लिए और फिर खुद के लिए जिम्मेदार होने की जरूरत है।
शरद मल्होत्रा (मुस्कान)
/mayapuri/media/post_attachments/7efb01684da044dbbc6743e82cb38bf3ed598639747f827a57afd163f717a573.jpg)
शरद मल्होत्रा के अनुसार मेरे बचपन के दिनों में मेरे लिए स्वतंत्रता दिवस का मतलब केवल छुट्टी का दिन था। सुबह मैं पिताजी के साथ परेड देखता था और सभी के लिए खुद छोटे झंडे बनाता था। स्वतंत्रता तब होगी जब महिलाओं को शाम होनेपर उन्हें डराया नहीं जाएगा कि घर जाओ रात हो गई है। उन्हें उनके मन के अनुसार कपड़े पहनने की आजादी होगी, उन्हें देर शाम घर से निकलने से पहले किसी प्रकार का डर नहीं होगा। मुझे लगता है कि सभी पुरुषों को भी यह एहसास होना चाहिए कि उन्हें महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, जिसके बाद ही हम कह सकते हैं कि हम सभी स्वतंत्र हैं।
यशा रुघानी (मुस्कान)
/mayapuri/media/post_attachments/c02afa1b6291cdf03642a07f8bd3ab9c225ece6ef35e2dd82f1ea2502b7d64bf.jpg)
यशा रुघानी बताती हैं कि मुझे अपने बचपन के दिन अब भी याद हैं जब हम स्वतंत्रता दिवस को प्यार करते थे क्योंकि इसका हम सभी के लिए छुट्टी था, लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े हुए मैंने इस दिन के महत्व को समझना शुरू कर दिया। हमारे स्वतंत्रता सैनानियों ने एक स्वतंत्र भारत के लिए कितना संघर्ष किया है। आज यह एक ऐसा दिन बन गया है जो हमारे देश में सकारात्मक दृष्टिकोण और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देता है।
सुमेध मुदगलकर (राधाकृष्ण)
/mayapuri/media/post_attachments/c37349f4a788a10fe7df2ef59a4d5db45ed1b622683d945f2f01e198cd39d215.jpg)
सुमेध मुदगलकर बताते हैं कि मैं एक देशभक्त व्यक्ति हूं क्योंकि मुझे हमारे इतिहास के बारे में लगभग पूरी जानकारी है। वास्तव में भारतीय इतिहास स्कूल में मेरा पसंदीदा विषय हुआ करता था। मैं भारत के खिलाफ बात करने वाले या इसके खिलाफ बोले जाने वाले किसी भी अनैतिक काम को बर्दाश्त नहीं कर सकता। मैं अपने देश, सच्चे मुंबईकर के लिए बहुत समर्पित हूं क्युकि मैं भले ही पुणे का हूँ, लेकिन मुंबई शहर ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं अपनी जड़ों से जुड़े रहने पर विश्वास करता हूँ। हमें अपने देश के प्रति विश्वास और प्रेम होना चाहिए। इस स्वतंत्रता दिवस पर मेरा एकमात्र संदेश यह है कि हर किसी को अपने देश से प्यार करना चाहिए जैसे आप अपने माता-पिता या अपने साथी से प्यार करते हैं और यह प्रेम निस्वार्थ होना चाहिए।
मल्लिका सिंह (राधाकृष्ण)
/mayapuri/media/post_attachments/43ce75210c704c4a40f6cc2c7f6faffd4b32b8e082cd1012424b8a242cb5e454.jpg)
मल्लिका सिंह बताती हैं कि जब मैं छोटी थी तो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मेरे स्कूल में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं हुआ करती थीं और मैं हमेशा पहले स्थान पर आया करती थी और बहुत सारे पदक मेरे नाम हो जाते थे। मुझे लगता है कि स्वतंत्रता दिवस हर दिन मनाया जाना चाहिए क्योंकि आपके देश के लिए आपका प्यार केवल एक दिन के लिए नहीं हो सकता है। यह वह दिन है जब हम अपने सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं और हमें यह आजाद भारत देने के लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।
अभिषेक शर्मा (निमकी विधायक)
अपने स्कूल के दिनों में मैं स्कूल में कप्तान हुआ करता था। इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर हमेशा मार्च पास में सबसे आगे हुआ करता था और अपनी पूरी टुकड़ी का नेतृत्व करता था। उस समय मैं उस काम को इतनी गंभीरता से लेता था मानो मैं एक सैनिक हूँ और देश की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा रहा हूँ। मैं सीमा पर तैनात अपने सैनिकों से प्यार करता हूँ और उनका सम्मान करता हूं जो हर पल हर मौसम में हिमालय की छोटी पर तैनात होकर हमारी रक्षा कर रहे हैं। मेरे लिए स्वतंत्रता दिवस वह दिन है जब सभी नागरिकों को उनके बॉर्डर पर तैनात होने का एहसास होता है।
भूमिका गुरंग (निमकी विधायक)
/mayapuri/media/post_attachments/37a2be5878c0f6a9641550e8ecb301b6e5842ca89805f8c68116dcc6c4de74e3.jpg)
भूमिका बताती हैं कि आजादी बहुत बड़ा शब्द है और इसके कई मायने हैं। एक बच्चे के लिए स्कूल से छुट्टी मिलना उसकी आजादी है। एक टीनेजर के लिए घर से बहार निकलकर घूमना आजादी है। एक महिला के लिए अपने मन कपड़े पहनकर घूमना आजादी है। उसी प्रकार हमारे देश के लिए आजादी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं उम्मीद करती हूँ कि हमारा देश जल्द ही आतंकवादियों से मुक्त हो जाएगा। उनके कारण हमेशा हमारे सैनिक बॉर्डर पर बैठकर अपने जान की आहूति देते रहते हैं।
सृष्टि जैन (एक थी रानी एक था रावण)
सृष्टि बताती हैं कि मैं हमेशा स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाती हूँ। मेरा यह मनना है कि जब हम अपने सारे त्योहार को इतने मजे से मनाते हैं तो यह दिन तो हमारे लिए सबसे बड़ा होना चाहिए। इस दिन हमारे देश को आजादी मिली थी। देश के कई वीर योद्धाओं ने हमें खुशहाल देखने के लिए अपनी जान गवाई थी। इसलिए यह दिन हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण होना चाहिए।
 Follow Us
                /mayapuri/media/media_files/2025/10/24/cover-2664-2025-10-24-21-48-39.png)