अभिनेता विशाल आदित्य सिंह को स्टारप्लस के 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' में उनकी भूमिका तेवर के लिये जाना जाता है। इन दिनों वह एक विथड्रॉवल सिम्प्टम्स से गुजर रहे हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि इस शो में उनका ट्रैक खत्म हो गया है। उनकी इस भूमिका को दर्शकों ने जिस तरह से सराहा है, उससे वह बेहद खुश हैं। इस शो में अपने किरदार के खत्म होने के बाद वह अपनी ऑन-स्क्रीन बेटियों के बिना एक नई दुनिया की कल्पना भी नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि किस तरह अब टेलीविजन इंडस्ट्री पर सिर्फ महिलाओं का राज नहीं रह गया है और उनका मानना है कि कलाकार अब एक किरदार के दायरे में फंस कर नहीं रह गये हैं। उन्होंने कहा, ''इस शो के पहले मैंने कई शोज किये थे, लेकिन कहीं-न-कहीं मुझे लगता है कि इस शो की वजह से ही लोग मुझे पहचानने लगे हैं। इस शो में मेरा किरदार बिल्कुल अलग था और इसने दर्शकों के साथ एक गहरा जुड़ाव बनाया। अब मेरे पास लोगों को यह बताने का मौका है कि मैं अभिनय कर सकता हूं। मुझे अपने किरदार और इस शो की दो नन्हीं परियों, आकृति शर्मा (कुल्फी) और मायरा सिंह (अमायरा) से इतना प्यार हो गया है कि मेरे लिये यह सोच पाना मुश्किल है कि उनके बिना भी एक नई दुनिया हो सकती है।''
इंडस्ट्री में घिसे-पिटे किरदारों में नहीं फंसने के बारे में बात करते हुये उन्होंने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी भूमिका को किस तरह से लिखा गया है और आप उसे पर्दे पर कैसे निभाते हैं। कुल्फी कुमार बाजेवाला में मेरा किरदार शुरूआत में सिर्फ 2 महीनों के लिये ही था, लेकिन यह 6 महीनों तक चला। इसलिये हर चीज किरदार पर निर्भर होती है न कि उसके पुरूष या महिला होने पर। कलाकारों को टाइपकास्ट होने की चिंता नहीं करनी चाहिये, बल्कि अलग-अलग भूमिकाओं के साथ बस न्याय करने की कोशिश करनी चाहिये।'' बिल्कुल सही कहा विशाल !