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जब सुधा मूर्ति बनीं टेल्को की पहली महिला इंजीनियर!

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By Mayapuri Desk
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जब सुधा मूर्ति बनीं टेल्को की पहली महिला इंजीनियर!

धारा से हटकर चलने वाले लोग ही अक्सर बदलाव की राह पर आगे बढ़ते हैं। इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन ने यह बात बहुत पहले महसूस कर ली थी, जब उन्होंने अपनी बागडोर खुद संभालते हुए जेआरडी टाटा को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने टेल्को कंपनी में महिला इंजीनियरों को भी लेने को कहा था।
इन्हीं पुरानी बातों को याद करते हुए सुधा मूर्ति ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के फाइनल एपिसोड में हॉट सीट पर बैठे हुए एक किस्सा सुनाया।

उन्होंने कहा, “ये बात मार्च 1974 की है, जब मेरा एमटेक फाइनल ईयर हो गया था और मुझे अमेरिका जाने के लिए स्कॉलरशिप मिल गई थी। इसी दौरान मैंने एक नोटिस देखा कि टेल्को में युवा इंजीनियरों की जरूरत है, जिनकी सैलरी 1500 रुपए महीना रखी गई थी। उस समय यह रकम बहुत बड़ी होती थी। मेरे पिता एक सरकारी डॉक्टर थे और उन्हें सिर्फ 600 रुपए प्रतिमाह मिलते थे, लेकिन इसकी तुलना में टेल्को 1500 रुपए महीना दे रहा था। हालांकि इस नोटिस में एक लाइन भी लिखी थी कि महिला विद्यार्थी आवेदन ना करें। इस बात ने मुझे विचलित कर दिया! मैंने अपने बैच में लड़कों के साथ पढ़ाई की थी और मैं जानती थी कि उन्होंने किस तरह से पढ़ाई की है। मैंने पोस्टकार्ड उठाया और गुस्से में लिखने बैठ गई जबकि मुझे ये भी नहीं पता था कि यह पत्र किसको भेजना है। मैं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज़ में पढ़ी थी और मुझे याद था कि जेआरडी टाटा हमारे फाउंडर्स डे पर आते थे। मैं व्यक्तिगत रूप से भी उनसे मिली थी, इसलिए मैंने लिखा, ‘डियर जेआरडी टाटा, टाटा परिवार औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और आपने कई होटलों और टिस्को कंपनी का निर्माण किया है लेकिन इसके बावजूद आपकी सोच बहुत पिछड़ी है। आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि महिला विद्यार्थी नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकती?

जब सुधा मूर्ति बनीं टेल्को की पहली महिला इंजीनियर! Sudha Murthy with Amitabh Bachchan on KBC 11

हमारे समाज में 50% महिलाएं हैं और यदि इसी तरह की सोच जारी रही तो हम कभी तरक्की नहीं कर पाएंगे।’ यह पोस्ट लिखने के बाद मुझे नहीं पता था कि इसे कहां भेजना है। तो मैंने इस पर मिस्टर जेआरडी टाटा, टेल्को, मुंबई लिखकर इसे पोस्ट कर दिया। यह पता गलत था लेकिन उन्हें किसी तरह मेरा पत्र मिल गया। जब उन्होंने मेरा पोस्ट पढ़ा तो उन्होंने अपनी टीम को भेजकर इस मसले को हल करने को कहा। उन्होंने अपनी टीम को बताया था कि मैंने उन्हें समानता बनाए रखने की गुजारिश की है जिसमें लोगों को उनकी योग्यता के आधार पर चुना जाए। उन्होंने अपनी टीम से कहा था कि मेरा इंटरव्यू और जरूरी टेस्ट लिए जाएं ताकि उन्हें एक सही उम्मीदवार मिल सके। यदि मैं फेल होती तो मुझे नौकरी नहीं मिलती। इसलिए मुझे बुलाया गया और मैंने 10 लोगों के पैनल के सामने इंटरव्यू दिया। सच कहूं तो मैं थोड़ी डरी हुई थी क्योंकि मुझे लग रहा था कि वो जानबूझकर मुझे फेल कर देंगे। लेकिन मैं हर स्थिति के लिए तैयार थी। और इसी विचार के साथ आज मैं केबीसी में आई हूं ताकि मैं कठिन से कठिन सवालों का जवाब दे सकूं (हंसते हुए)।”

जब सुधा मूर्ति बनीं टेल्को की पहली महिला इंजीनियर! Amitabh Bachchan asks for Sudha Murthy's autograph on KBC 11

उन्होंने आगे बताया कि इस पूरी घटना पर उनके पिता की क्या प्रतिक्रिया थी। सुधा बताती हैं, “मैं बहुत खुश थी कि मुझे नौकरी मिल गई। जब मैं घर लौटी तो मैं यह सारी घटना अपने पिता को बताने के लिए बेहद उत्साहित थी और मुझे उम्मीद थी कि मुझे शाबासी मिलेगी। जब उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं नौकरी करूंगी, तो मैंने कहा, ‘ना, मैं अमेरिका जाऊंगी।’ इस पर वो बहुत गुस्सा हुए और मुझे बेवकूफ तक कह दिया। जब मैंने उनसे पूछा कि मैंने क्या गलत किया है, तो उन्होंने मुझे समझाया कि सबसे पहले तो जब तुम इतने बड़े ओहदे के किसी व्यक्ति को पत्र लिखते हो तो तुम्हें लेटर लिखना चाहिए ना कि पोस्टकार्ड। दूसरी बात, जो उन्होंने मुझसे कही थी वो ये कि मैंने जेआरडी टाटा के समक्ष एक सही मुद्दा उठाया है और यदि मैं यह नौकरी ना करके अमेरिका चली जाऊंगी तो यह बहुत गलत होगा। उन्होंने कहा कि यदि मैं सचमुच ये मानती हूं कि इस क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व होना चाहिए, तो मुझे यह नौकरी करके यह साबित करना चाहिए कि महिलाएं भी इस क्षेत्र में आगे रह सकती हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि यदि तुम ऐसा नहीं करोगी तो यह महिलाओं के लिए एक गलत उदाहरण साबित होगा। वो हमेशा कहेंगे, देखिए सुधा कुलकर्णी को यह अवसर मिला था, लेकिन उन्होंने कुछ और ही चुना। इसलिए यह तुम्हारा कर्तव्य है कि तुम न सिर्फ यह नौकरी करो बल्कि इसमें अच्छा प्रदर्शन भी करो। मेरे पिता ने मुझसे जो भी कहा उस पर मैंने दो दिनों तक विचार किया और फिर मैंने वह नौकरी स्वीकार कर ली। इस तरह से मैं टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर बन गई।”

जब सुधा मूर्ति बनीं टेल्को की पहली महिला इंजीनियर! Amitabh Bachchan touches feet of Karamveer Sudha Murthy on KBC 11

सुधा मूर्ति की यह प्रेरणादायक कहानी सुनकर अमिताभ बच्चन भी प्रेरित हो गए। वो इतने भावुक हो गए कि उन्होंने उनका ऑटोग्राफ लिया और उनके चरण भी छुए।

देखिए ‘कौन बनेगा करोड़पति सीजन 11’ का फाइनल एपिसोड, शुक्रवार 29 नवंबर को रात 9 बजे, सिर्फ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर!  

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