हर साल 29 अप्रैल को मॉडर्न बेले डांस फॉर्म के क्रिएटर जॉर्जेस नोवेर की जन्मतिथि पर इंटरनेशनल डांस डे मनाया जाता है. डांस भावनाओं की अभिव्यक्ति और कुछ डांस फॉम्र्स के जरिए कहानियां कहने की एक अद्भुत कला है. इसके अलावा डांस एक ऐसी थेरेपी है, जो आपको आज़ाद कर देती है. डांस के मामले में कुछ भी सही या गलत नहीं होता आप बस कुछ बीट्स पर झूमते हुए इसे एंजॉय कर सकते हैं. इंटरनेशनल डांस डे के मौके पर कुंडली भाग्य के पारस कलनावत, भाग्य लक्ष्मी की ऐश्वर्या खरे और मुनीरा कुदरती, रब से है दुआ की रिचा राठौर, मैं हूं अपराजिता की अनुष्का मर्चंडे, कुमकुम भाग्य की टीना फिलिप और प्यार का पहला नाम राधा मोहन की कीर्ति नागपुरे जैसे ज़ी टीवी के एक्टर्स ने डांस के प्रति अपना प्यार ज़ाहिर किया. उन्होंने इस आर्ट फॉर्म को लेकर अपने अनुभव बताए कि किस तरह डांस उनकी जिंदगी में एक अहम भूमिका निभाता है.
ज़ी टीवी के कुंडली भाग्य में राजवीर का रोल निभा रहे पारस कलनावत बताते हैं, "डांस अभिव्यक्ति का एक ऐसा रूप है, जो अलग-अलग लोगों में अलग-अलग भावनाएं जगाता है. मेरे लिए डांस शांति, उत्साह और आशाओं का एक जरिया है. जब भी मुझे तनाव महसूस होता है, तो मैं अपनी सारी नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए डांसिंग करने निकल जाता हूं. मेरी राय में बॉलीवुड में बेहतरीन डांसिंग के मामले में रितिक रोशन सबसे आगे हैं. उन्हें परफॉर्म देखना हमेशा एक ट्रीट की तरह होता है. उनके मूव्स और एक्सप्रेशन्स एक से बढ़कर एक होते हैं. डांसिंग से आपमें आत्मविश्वास आ जाता है और आपको आजादी का एहसास होता है, इसीलिए बचपन से मुझे डांसिंग बहुत पसंद है. मैं कभी एक प्रोफेशनल डांसर नहीं रहा, लेकिन मैंने कभी अपनी घबराहट को डांसिंग के अपने पैशन के बीच नहीं आने दिया. हाल ही में जब मैंने कुंडली भाग्य की शूटिंग शुरू की तो मैं बहुत उत्साहित था क्योंकि इस शो में मेरी एंट्री के तुरंत बाद मुझे एक खास सीन के लिए डांस करना था और यह वाकई बहुत बढ़िया अनुभव था. आज इस मौके पर जहां मेरे जैसे डांस प्रेमियों को सेलिब्रेट किया जाता है, वहीं मैं सभी से गुजारिश करना चाहता हूं कि कभी भी डांस करना बंद ना करें."
ज़ी टीवी के भाग्य लक्ष्मी में लक्ष्मी का रोल निभा रहीं ऐश्वर्या खरे बताती हैं, "मुझे हमेशा से डांसिंग पसंद रही है. मुझे याद है जब मैं छोटी थी, तो मैं अपनी बहनों के साथ टेलीविजन पर गाने देखा करती थी और फिर उन्हीं स्टेप्स को हूबहू कॉपी करने की कोशिश करती थी. कहीं ना कहीं हम सभी ने इसी तरह डांस सीखा है. मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं प्रोफेशनल डांसर हूं लेकिन मैं जानती हूं कि मैं अच्छी तरह डांस कर सकती हूं, खासतौर पर तब, जब कोई फ्रीस्टाइल या बॉलीवुड गाना हो. यहां तक कि जब मैं अपने भाग्य लक्ष्मी परिवार के साथ सेट पर होती हूं, तो सोशल मीडिया कॉन्टेंट बनाने के लिए कुछ डांस रूटीन्स करने की कोशिश करती हूं. यह मेरे लिए लगभग एक स्ट्रेसबस्टर और थेरेपी की तरह है. इस इंटरनेशनल डांस डे पर मैं दुनिया के सभी बेमिसाल डांसर्स को सल्यूट करती हूं, जिन्होंने इस आर्ट फॉर्म को इतना सहज और सुंदर बनाया."
ज़ी टीवी के मैं हूं अपराजिता में छवि का रोल निभा रहीं अनुष्का मर्चंडे बताती हैं, "डांस, वर्कआउट करने का बेहतरीन तरीका है. यह दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है और तनाव भी कम करता है. डांस के प्रति अपने पैशन की वजह से ही मेरा एक्टिंग इंडस्ट्री का रास्ता खुला था. अब मैं हूं अपराजिता के सेट पर भी, जब भी शॉट के बीच में मुझे खाली वक्त मिलता है, तो मैं श्वेता तिवारी मैम, मानव गोहिल सर या फिर अपने बाकी के को-एक्टर्स के साथ कुछ डांस वीडियोज़ बनाने की कोशिश करती हूं. मुझे याद है कि जब मैं छोटी थी तो मैं उस समय के ट्रेंडिंग बॉलीवुड गानों पर आईने के सामने डांस किया करती थी. डांस से मुझे मानसिक सुकून और हौसला मिलता है, जो जिंदगी में जरूरी होते हैं. मैं इस समय नियमित रूप से प्रैक्टिस कर रही हूं और इस कला को तराशने के लिए कोई भी कमी नहीं छोडूंगी. मेरी ओर से सभी को हैप्पी इंटरनेशनल डांस डे."
ज़ी टीवी के कुमकुम भाग्य में रिया का रोल निभा रहीं टीना फिलिप कहती हैं, "मैंने बहुत यंग एज में डांस सीखना शुरू कर दिया था. यह बात ज्यादा लोग नहीं जानते कि मैं एक ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर हूं. भरतनाट्यम ने मुझे अनुशासन, शालीनता और सबसे जरूरी बात, खुद को एक्सप्रेस करना सिखाया है. एक बढ़िया डांसिंग सेशन के बाद मैं हमेशा बहुत खुश और तरोताजा महसूस करती हूं. आज भी जब कभी मुझे ‘कुमकुम भाग्य‘ की शूटिंग से फुर्सत मिलती है तो मैं अपने डांस फॉर्म पर काम करने की कोशिश करती हूं. मैं डांसिंग को लेकर हमेशा से पैशनेट रही हूं और मैं सभी से यह गुजारिश करना चाहूंगी कि अपनी हिचकिचाहट छोड़कर हमेशा ऐसे डांस करें जैसे आपको कोई नहीं देख रहा हो."
ज़ी टीवी के रब से है दुआ में गज़ल का रोल निभा रहीं रिचा राठौर बताती हैं, "मुझे डांस बहुत पसंद है और यह मेरे लिए स्ट्रेसबस्टर है. जब मैं छोटी थी, तब मैंने क्लासिकल डांस सीखा था और स्टेट लेवल पर कई डांस प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था. मुझे अब भी याद है, स्कूल में हमारे पास अपनी हॉबी क्लासेस चुनने का विकल्प होता था और मैंने डांस क्लास चुनी थी. मुझे लगता है कि डांस आपकी भावनाओं को ज़ाहिर करने का एक जरिया और खुद को रिलैक्स करने की एक प्रक्रिया है. मैं क्लासिकल डांस फॉर्म के साथ-साथ कॉन्टेंपररी डांस स्टाइल भी सीखना चाहती हूं. यहां तक कि अपने कॉलेज के दिनों में मुझे म्यूज़िकल नाटकों में भाग लेना बहुत अच्छा लगता था और वो बड़े मजेदार हुआ करते थे."
ज़ी टीवी के प्यार का पहला नाम राधा मोहन में तुलसी के रोल में नजर आ रहीं कीर्ति नागपुरे बताती हैं, "डांस मेरी जिंदगी का बस एक छोटा-सा हिस्सा नहीं है बल्कि यह मुझे पूरा करता है. पेशेवर तौर पर मैंने कत्थक सीखा है और इसीलिए यह मेरी जिंदगी में एक बड़ी भूमिका निभाता है. जब भी मैं डांस करती हूं तो इससे मुझे खुशी और ताकत का एहसास होता है, जो मुझसे कोई नहीं छीन सकता. सभी डांस फॉम्र्स में से इंडियन क्लासिकल मेरा फेवरेट है और चूंकि इसे अनुशासन और लगन के बिना सीखा नहीं जा सकता इसलिए मैंने इसके लिए क्लासेस लगाई हैं. मैंने अपने शो प्यार का पहला नाम राधा मोहन में सबसे मुश्किल डांस फॉम्र्स में से एक तांडव भी किया है. हालांकि अपने बिज़ी शेड्यूल के चलते मैं अपनी हॉबी को फॉलो नहीं कर पा रही हूं. मैं अपनी क्लासेज दोबारा शुरू करके अपनी कला को मांझना चाहती हूं ताकि किसी दिन मैं राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कत्थक परफॉर्म कर सकूं."
ज़ी टीवी के भाग्य लक्ष्मी में शालू का रोल निभा रहीं मुनीरा कुदरती बताती हैं, "डांस मेरा जुनून है और यदि मैं एक एक्टर ना होती तो मैं यकीनन एक डांसर होती. यदि मुझे ऐसा मौका मिला, जिसमें मैं ट्रेनिंग लेकर एक प्रोफेशनल कोरियोग्राफर बन सकूं, तो मैं एक्टिंग के साथ इसे भी अपनाना चाहूंगी. जब मैं यंग थी, तब मैंने 2 साल तक भरतनाट्यम सीखा, लेकिन किसी वजह से इसे आगे जारी नहीं रख पाई. मैं कहूंगी कि सभी डांस फॉम्र्स में से क्लासिकल और कॉन्टेंपररी मेरे फेवरेट डांस फॉम्र्स हैं. जब भी मैं डांस करती हूं तो मुझे बड़ा आजाद महसूस होता है. मुझे लगता है कि मैं डांस के जरिए खुद को एक्सप्रेस कर सकती हूं. मुझे स्टेज पर जाने से भी डर नहीं लगता, भले ही मुझे कितने सारे लोग ही क्यों ना देख रहे हों! शेक्सपियर के एक कोट के अनुसार, सारी दुनिया एक मंच है. और मुझे भी परफॉर्म करते हुए ऐसा ही महसूस होता है."