Father’s Day पर Zee TV के कलाकारों ने अपनी ज़िंदगी के अनसंग हीरोज़ के बारे में बताई अपने दिल की बात

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
Father’s Day पर Zee TV के कलाकारों ने अपनी ज़िंदगी के अनसंग हीरोज़ के बारे में बताई अपने दिल की बात

किसी भी बच्चे की जिंदगी में उसका पहला सुपर हीरो, उसका मोटिवेटर और उसका सपोर्टर उसका पिता होता है. एक पिता को हमेशा सख्त माना जाता है, लेकिन उनकी सख्ती के पीछे छिपा होता है बेपनाह प्यार, परवाह और फिक्र. एक बाप अपने बेटे का पहला हीरो होता है और अपनी बेटी का पहला प्यार! एक मां के प्यार और त्याग को तो सभी मानते हैं, लेकिन एक पिता का संघर्ष अक्सर अनदेखा रह जाता है. भले ही एक पिता अपने बच्चों को कितना भी चाहे, वो इसे ठीक से एक्सप्रेस नहीं कर पाते और ज्यादातर मौकों पर उनका प्यार अनकहा ही रह जाता है. ऐसे में इस फादर्स डे पर भाग्य लक्ष्मी की लक्ष्मी उर्फ ऐश्वर्या खरे, रब से है दुआ की दुआ उर्फ अदिति शर्मा, कुमकुम भाग्य के रणबीर उर्फ कृष्णा कौल, मीत के श्लोक उर्फ सैयद रजा अहमद, प्यार का पहला नाम राधा मोहन की राधा उर्फ निहारिका रॉय, मैत्री के हर्ष उर्फ समर्थ जुरेल, कुंडली भाग्य के ऋषभ उर्फ मनित जौरा आगे बढ़कर अपने पिता के अनकहे प्यार और उनके साथ अपने अनोखे रिश्ते के बारे में बता रहे हैं और उनके प्रति आभार जता रहे हैं.


 

ज़ी टीवी के भाग्य लक्ष्मी में लक्ष्मी का रोल निभा रहीं ऐश्वर्या खरे बताती हैं,

"मैं हमेशा से डैडीज़ गर्ल रही हूं और मैं मानती हूं कि हर दिन फादर्स डे होता है. मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रियल लाइफ हीरोज़ को सेलिब्रेट करने के लिए किसी खास दिन की जरूरत है, जो एक पिता होने की जिम्मेदारी और अपने खुद के संघर्षों के बीच बहुत अच्छा बैलेंस बनाते हैं. मैं हमेशा अपने फादर को खुश रखने और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करती हूं. मुझे याद है जब मैं छोटी थी तो मैं अपनी जिंदगी की हर छोटी-छोटी बात के लिए उनके पास दौड़कर जाती थी और वो बड़े धीरज से मुझे सबकुछ समझाते थे. मैंने उनसे जो सबक सीखे हैं, उन्हें मैं कभी नहीं भूलूंगी. आज इस खास मौके पर मैं उनके प्यार, मार्गदर्शन और सपोर्ट के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहूंगी. मेरी ओर से उन सभी पिताओं को हैप्पी फादर्स डे जो बदले में बिना कुछ चाहे अपने बच्चों से इतना प्यार करते हैं."


 

ज़ी टीवी के रब से है दुआ में दुआ का रोल निभा रहीं अदिति शर्मा बताती हैं,

"मेरे पिता मेरी फैमिली का सपोर्ट सिस्टम रहे हैं. मुझे ऐसा एक भी दिन याद नहीं, जब उन्होंने हमें डांटा हो या फिर मुझे या मेरे भाई को किसी बात के लिए ना कहा हो. वो अपने अटूट समर्थन, बेशुमार प्यार और अनमोल सीख के जरिए मेरी प्रेरणा और मेरे मार्गदर्शक रहे हैं. मेरा मानना है कि हर सफल बेटी के पीछे एक मजबूत पिता होता है, जो हर अच्छे-बुरे वक्त में हमेशा उसे सपोर्ट करता है. और आज इस स्पेशल डे पर मैं उन्हें हर उस बात के लिए धन्यवाद देना चाहूंगी, जो उन्होंने निस्वार्थ भाव से हमारी फैमिली के लिए की है."

ज़ी टीवी के कुमकुम भाग्य में रणबीर का रोल निभा रहे कृष्णा कौल बताते हैं,

"हर किसी की जिंदगी में पिता बहुत जरूरी होते हैं और मैं अपने पिता का आभारी हूं जो हमेशा मेरे सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम और इंस्पिरेशन रहे हैं. मुझे लगता है कि उनके प्यार और मार्गदर्शन की बदौलत ही मैं वो इंसान बना जो मैं आज हूं. मैं बताना चाहूंगा कि मेरे पिता मेरी जिंदगी के बेमिसाल रोल मॉडल हैं. मुझ पर उनका अटूट विश्वास और उनकी लगातार हौसला-अफजाई एक एक्टर के रूप में मेरे सफर में बहुत काम आई है. वो हमेशा मेरी ताकत का जरिया रहे हैं और उनकी बुद्धिमानी और बेशुमार प्यार की वजह से मैं आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं. मैं अपनी सफलता का श्रेय उन्हें देता हूं और इस फादर्स डे के मौके पर मैं हर पिता को हैप्पी फादर्स डे कहना चाहूंगा."


 

ज़ी टीवी के मीत में श्लोक का रोल निभा रहे सैयद रज़ा अहमद बताते हैं,

"मुझे लगता है कि हर बच्चे की जिंदगी में पिता सबसे बड़े सुपर हीरोज़ होते हैं और भले ही आज वो मेरे साथ नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा मेरे हीरो, मेरे मेंटर और मेरे बेस्ट फ्रेंड रहेंगे. उनका प्यार और सपोर्ट हमेशा मेरी ताकत का जरिया रहा है. मैं मजबूती से यह मानता हूं कि वो हमेशा मेरे साथ होते हैं और उनका निस्वार्थ प्यार और अनगिनत त्याग मैं अपने साथ लेकर चलता हूं. मुझे विश्वास है कि वो हमेशा मुझ पर नजर रखते हैं और इसीलिए मैं अपने लक्ष्य पूरे कर पाता हूं. उन्होंने मुझे कई अनमोल सबक सिखाए हैं और उनके मार्गदर्शन ने बड़े खास तरीके से मेरी जिंदगी संवारी है. मैं उन्हें हर दिन मिस करता हूं और मैं जिंदगी की उस अनमोल सीख के लिए हमेशा उनका आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इतनी सारी चीजें सिखाईं और आज इस काबिल बनाया."


 

ज़ी टीवी के प्यार का पहला नाम राधा मोहन में राधा का रोल निभा रहीं निहारिका रॉय बताती हैं,

"मेरे पापा ने हमेशा मुझे एक परी की तरह ट्रीट किया है और मेरे बिना कुछ कहे मेरे सभी सपने पूरे किए हैं. वो मेरे हर फैसले में मेरे साथ रहे हैं और हमेशा मुझे सही करने के लिए गाइड किया है. जहां उन्होंने मुझे बहुत लाड़-प्यार दिया, वहीं उन्होंने मुझे आत्मनिर्भर बनाने में भी मेरी मदद की. उनके प्रति मेरा प्यार निस्वार्थ है. असल में मैं अपने डैड से सबकुछ बता सकती हूं क्योंकि उन्होंने हमेशा मेरी पसंद को सपोर्ट किया है. मैं उन सभी चीजों की आभारी हूं जो मेरे पिता ने मेरे लिए की हैं. उन्होंने मुझे जो प्यार दिया है, मैं उसे कभी नहीं लौटा सकती और मैं सिर्फ अपना बेस्ट देकर उन्हें गर्व महसूस करा सकती हूं."

ज़ी टीवी के मैत्री में हर्ष का रोल निभा रहे समर्थ जुरेल बताते हैं,

"मेरे हिसाब से पिता की छत्रछाया में जिंदगी बड़ी रहमदिल होती है. मेरे पापा मेरा मजबूत सहारा और वो शख्स रहे हैं, जिन्होंने मुझे बहादुरी से दुनिया का सामना करना सिखाया. असल में मेरे पापा के साथ मेरा बड़ा अनोखा रिश्ता है. हम बहुत ज्यादा बात नहीं करते और एक दूसरे के सामने ज्यादा एक्सप्रेस नहीं कर पाते क्योंकि हम दोनों के बीच एक अनकहा रिश्ता है, जिसे किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है. मुझे खुशी है कि इन दिनों पुरुषों ने भी अपनी भावनाएं ज़ाहिर करना शुरू कर दिया है, लेकिन 90 के दशक के बच्चों के पिता अब भी इसे सीख रहे हैं और हमें उनकी इस पहल का स्वागत करना चाहिए. वो हर पल जो हमने साथ में बिताए हैं, वो मेरे लिए कीमती हैं और मैं चाहता हूं कि मैं उनसे हर बात कह सकूं जैसे मैं अपनी मां से कहता हूं. अंत में मैं उन सभी पिताओं को हैप्पी फादर्स डे कहना चाहूंगा, जो अपने बच्चों और परिवार के लिए हमेशा खड़े रहते हैं."

ज़ी टीवी के कुंडली भाग्य में ऋषभ लुथरा की भूमिका निभा रहे मनित जौरा कहते हैं,

"मेरे पिता के साथ मेरा बड़ा करीबी रिश्ता है. मेरी परवरिश के दौरान वो बेशक मेरे हीरो थे. मुझे उस वक्त का थोड़ा बहुत याद है, जब मैं 4 या 5 साल का था, तब उन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ कार चलाते देखकर मेरी आंखों में चमक आ जाया करती थी. उनका स्टाइल मुझे आकर्षित करता था और मैं हमेशा उनके जैसा बनना चाहता था. वक्त के साथ हमारा रिश्ता और आगे बढ़ गया और वो मेरे और करीबी विश्वस्त बन गए. अब हम साथ में सफर करते हैं, हॉर्स राइडिंग करते हैं और जब भी वक्त मिलता है, साथ मिलकर कुकिंग भी करते हैं. फादर्स डे को साल में एक बार का इवेंट बनाने के बजाय मेरा मानना है कि इस रिश्ते का हर दिन सम्मान किया जाना चाहिए और इसे संजोकर रखना चाहिए. मैं नियमित तौर पर अपना काम खत्म करने के बाद हर दिन 15 मिनट अपने मां-बाप के साथ बात जरूर करता हूं. मैं इस बात का बेहद आभारी हूं कि मुझे दुनिया के बेस्ट पैरेंट्स मिले और मैं उनके साथ गुजारे हर पल को जिंदगी भर संजोकर रखूंगा."

Latest Stories