आज भी हमारे समाज में किसी इंसान की काबिलियत, महत्वाकांक्षाओं और उपलब्धियों से ज्यादा, उसकी परवरिश और पारिवारिक पृष्ठभूमि को महत्व दिया जाता है। क्या अब बदलाव का समय आ गया है? ज़ी टीवी का अगला फिक्शन शो इस रिवाज पर सवाल उठाता है और हम सभी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम लोगों के बारे में किस तरह अपनी राय बना लेते हैं। अपनी ब्रांड फिलॉसफी ‘आज लिखेंगे कल‘ को आगे बढ़ाते हुए और ऐसे मध्यमवर्गीय परिवारों की कहानियां दिखाने का प्रयास जारी रखते हुए, जो अपनी स्थिति से ऊपर उठकर अपनी तकदीर बदल रहे हैं, ज़ी टीवी एक विचारोत्तेजक प्रेम कहानी ‘ये तेरी गलियां‘ पेश करने जा रहा है। सिनेविस्टास के निर्माण में बना ये शो 25 जुलाई 2018 से शाम 7 बजे ज़ी टीवी पर शुरू हो रहा है। ‘ये तेरी गलियां‘ दो मासूम बच्चों - शांतनु और पुचकी उर्फ अस्मिता की कहानी है, जिनकी परवरिश सोनागाछी के एक रेड लाइट इलाके में होती है। इस खूबसूरत दोस्ती की शुरुआत तो होती है, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें जुदा होने पर मजबूर होना पड़ता है। जहां लड़के की परवरिश सोनागाछी से दूर विदेश में होती है, वहीं लड़की रेड लाइट इलाके में ही बड़ी होती है और एक एनजीओ में बच्चों की डांस टीचर बन जाती है। क्या ये दोनों जवान होकर प्रेमियों के रूप में दोबारा मिल पाएंगे या फिर इनकी पृष्ठभूमि और परवरिश से जुड़ा सामाजिक बंधन इनकी राह में आड़े आ जाएगा? इस साल की सबसे बड़ी प्रेम कहानी ‘ये तेरी गलियां‘, कमर्शियल सेक्स वर्कर्स को समान अवसर देने के बारे में बात करता है। साथ ही, इस तरह के तमाम लोगों को अपनी सच्चाई से ऊपर उठकर अपने बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने की प्रेरणा देता है ताकि वे अपनी पृष्ठभूमि या अपनी जड़ों से परे जाकर समाज में आदर और सम्मान पा सकें। आखिर आपकी चुनी हुई राह मायने रखती है, ना कि आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि!
व्यक्ति की महत्वाकांक्षा और उपलब्धियों का सम्मान करें
ज़ी टीवी के बिजनेस हेड दीपक राजाध्यक्ष कहते हैं, ‘‘जहां दूसरों को जज करने की आदत कभी पूरी तरह खत्म नहीं हो सकती, लेकिन हम इस बात पर विचार जरूर कर सकते हैं कि हम किस तरह लोगों का आकलन करते हैं और उनके बारे में राय बनाते हैं। हमारा फिक्शन शो ‘ये तेरी गलियां‘ दर्शकों को इस बात के लिए प्रेरित करेगा कि वे किसी की पृष्ठभूमि से परे जाकर एक व्यक्ति के रूप में उसकी महत्वाकांक्षा और उपलब्धियों का सम्मान करें। इस शो में बचपन की प्यारी दोस्ती है, जुदाई है, प्यार है, आत्मसम्मान, विश्वासघात, सामाजिक बंधन, गर्व और प्रतिष्ठा है यानी इस शो में वो सारा ड्रामा है जो इसे शुरुआती प्राइम टाइम में एक संपूर्ण मनोरंजक शो बनाते हैं। हमें उम्मीद है कि रात 9 बजे से रात 11 बजे तक के टाइमस्लॉट में हमें निर्विवाद लीडर बनाने वाले हमारे अन्य शोज की तरह यह शो भी हमारे शुरुआती प्राइमटाइम को मजबूती देगा। इस शो की जबर्दस्त शुरुआत करने के लिए हमने इसके कॉन्सेप्ट में नवीनता लाई है और ‘कुमकुम भाग्य‘ पर एक हफ्ते का सावन महोत्सव रखा है जिसकी शुरुआत इस शो के लॉन्च से एक दिन पहले होगी। इसके अलावा शो के प्रोमो और हमारे तमाम नॉन-फिक्शन शोज़ के कलाकारों के साथ इसका जुड़ाव पहले ही आकर्षण का केंद्र बन गया है और इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है।‘‘
ये शो लोगों की मानसिकता और उनके रवैये में बदलाव लाएगा
सिनेविस्टास के प्रोड्यूसर सुनील मेहता कहते हैं, ‘‘ये तेरी गलियां के जरिये हम ये कहना चाहते हैं कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से हैं बल्कि यह बात मायने रखती है कि आप पहुंच रहे हैं। इस शो की शुरुआत रेड लाइट इलाके में बचपन की एक प्यारी दोस्ती से होती है। फिर धोखे और जुदाई के एक पल के बाद यह लड़का सामाजिक रूप से ज्यादा सम्मानजनक माहौल में पलता है जबकि लड़की वहीं रहकर एक एनजीओ में डांस टीचर बनती है। भले ही एक डांस टीचर होना सम्मान की बात है लेकिन उसकी पृष्ठभूमि उस लड़के से उसके रिश्ते के आड़े आ जाती है। इस तरह का कॉन्सेप्ट टेलीविजन पर इससे पहले पेश नहीं किया गया। हमें विश्वास है यह शो दर्शकों से अच्छी तरह जुड़ जाएगा और लोगों की मानसिकता और उनके रवैये में बदलाव लाएगा। हमें इससे पहले भी ज़ी टीवी के साथ जुड़ने का सौभाग्य मिला है और अब इस नए शो के साथ हमें इस रिश्ते को और मजबूती देने की उम्मीद है।‘‘
इस शो में वृषिका मेहता (पुचकी के रोल में) और मनीष गोपलानी (शांतनु) लीड रोल में है। शांतनु लंदन से लौटा एक जवान लड़का है, जो बेहद गंभीर और शर्मीले स्वभाव का है। उसकी मां चाहती है कि वो सोनागाछी से बाहर के माहौल में रहे और इसीलिए उसे उसकी मां से अलग कर दिया जाता है। इस वजह से वो उस इलाके से सभी लोगों के प्रति गलत धारणा बना लेता है जिसमें उसकी बचपन की दोस्त पुचकी भी शामिल होती है। वैसे वो बहुत दयालु इंसान है, जो हर काम दिल से करता है और कभी भी समाज या किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होता। वो पुचकी का पक्का दोस्त है और पुचकी के लिए वही उसकी दुनिया है। जब शांतनु सोनागाछी से जाता है तो पुचकी की जिंदगी थम-सी जाती है। हालांकि जिंदगी के प्रति आशा से भरी पुचकी बड़ी होकर एक एनजीओ में बच्चों की डांस टीचर बन जाती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है शांतनु और पुचकी एक बार फिर अपने अतीत के साए में घिर जाएंगे, जहां उनकी पृष्ठभूमि और उनकी परवरिश में फर्क के चलते इस शो में बहुत-से नाटकीय मोड़ आएंगे।
मुझे इस शो के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है
अपने किरदार के बारे में बताते हुए मनीष गोपलानी कहते हैं, ‘‘यह ज़ी टीवी के साथ मेरा दूसरा शो है और मैं एक बार फिर इस चैनल के साथ जुड़कर बेहद उत्साहित हूं। मैं इस शो में शांतनु का किरदार निभा रहा हूं। कोलकाता के रेड लाइट इलाके में उसका जन्म होता है, लेकिन बचपन में ही उसे इस माहौल से दूर ले जाया जाता है और उसकी परवरिश पारंपरिक रूप से सामाजिक और ‘सम्मानजनक‘ वातावरण में होती है। वो अपनी मां की हर बात मानता है और जिंदगी में उसे तमाम सुख-साधन देने के लिए बड़ा बनने का सपना देखता है। एक एक्टर के लिए यह जरूरी है कि वो अलग-अलग किरदारों के जरिए खुद के साथ प्रयोग करते रहे और ‘ये तेरी गलियां‘ के जरिए मैं भी वही करने का प्रयास कर रहा हूं। यह शो मेरे पिछले शो ‘डिटेक्टिव दीदी‘ से काफी अलग है जिसमें मैं एक पुलिसवाला बना था और उसमें बहुत-सा एक्शन भी था। इस शो की अनोखी और विचारोत्तेजक कहानी इसे अन्य फिक्शन शोज़ से अलग बनाती है। ज़ी टीवी पर मेरा पिछला शो एक्शन से भरपूर था, जबकि ‘ये तेरी गलियां‘, जज़्बात से भरी एक प्रेम कहानी है। मुझे इस शो के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है।‘‘
मुझे डांसिंग का बहुत शौक है
वृषिका मेहता कहती हैं, ‘‘पुचकी एक ऐसी लड़की है, जो अपनी जड़ों से ऊपर उठकर अपने सपने पूरे करने के लिए कदम बढ़ाती है। न सिर्फ यह किरदार दिलचस्प है, बल्कि इस शो का विषय भी बेहद रोचक है, जो लोगों की पृष्ठभूमि से परे सभी को समान अवसर देने का एक मजबूत सकारात्मक संदेश पेश करता है। मुझे डांसिंग का बहुत शौक है और इस शो में पुचकी भी एक डांस ट्यूटर है। इससे मुझे और ज्यादा खुशी हो रही है क्योंकि डांस के जरिये मैं आसानी से अपनी भावनाएं प्रदर्शित कर सकती हू। मैं उम्मीद करती हूं कि दर्शक मुझे इस नए अवतार में पसंद करेंगे और मेरे इस नए सफर में मेरा साथ देंगे।‘‘
शो से जुड़कर बेहद उत्साहित हूं
अपने किरदार के बारे में बताते हुए रिनी ध्यानी कहती हैं, ‘‘मेरे किरदार का नाम ब्यूटी है और जैसा कि उसका नाम है, वो एक खूबसूरत लड़की है, जिसमें ग्रे शेड्स भी हैं। ‘ब्यूटी‘ कोलकाता के रेड लाइट इलाके में रहती है। उसे दिखावा करने की आदत है और वो हमेशा यह सोचती है कि सारी दुनिया उसके इर्द-गिर्द घूमती है। हालांकि जो किरदार मैं निभा रही हूं वह नेगेटिव है, लेकिन इस कैरेक्टर का अंदाज इसे कलरफुल और आकर्षक बना देता है। ज़ी टीवी के साथ यह मेरा पहला शो है और मैं ‘ये तेरी गलियां‘ जैसे शो से जुड़कर बेहद उत्साहित हूं, जो प्रेम, मानवता और सफलता का मजबूत संदेश देता है।‘‘