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बॉलीवुड के मशहूर गायक भूपिंदर सिंह का 18 जुलाई को निधन हो गया. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक़ उनकी पत्नी मिताली सिंह ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि भूपिंदर सिंह पिछले कुछ समय से मूत्र से जुडी परेशानियों से जूझ रहे थे, और उन्हें कुछ और भी स्वास्थ्य से जुडी समस्याएं थीं. 82 साल की उम्र में सिंह ने मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर आने के बाद से ही बॉलीवुड और इंडस्ट्री से जुड़े लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
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भूपिंदर सिंह का जन्म 6 फरवरी 1940 को अमृतसर में हुआ था. उनके पिता प्रोफ़ेसर नाथा सिंह खुद एक ट्रेंड गायक थे और उन्होंने ही भूपिंदर को गायिकी का ककहरा सिखाया. एक समय ऐसा भी था जब भूपिंदर सिंह को गाना पसंद नहीं था. लेकिन धीरे-धीरे इसमें उनका मन रमा, तो कमाल के रतन उन्होंने संगीत की दुनिया को दिए.
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गिटार और वायलिन बजाना सीखा था उन्होंने. ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन सेंटर के साथ भी काम कर चुके थे. पढ़ने को मिलता है कि पहली बार म्यूजिक डायरेक्टर मदन मोहन ने उन्हें एक डिनर पार्टी में गाते हुए सुना और उसके बाद चेतन आनंद की फिल्म ‘हकीकत’ में गाने का मौका दिया.
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उसके बाद से भूपिंदर सिंह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनके कई मशहूर गानों में शामिल हैं 'नाम गुम जाएगा', 'किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है', 'बीते न बिताई रैना' और 'एक अकेला इस शहर में'.
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