-शन्तिस्वरुप त्रिपाठी
मंुबई में पली बढ़ी सना सय््यद ने 2015 में एमटीवी के सीरियल ‘‘एमटीवी स्पिलिट विला 8’’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था। उसके बाद उन्होने ‘ब्वाॅयज विल बी ब्वाॅयज,‘तेरी आष्किाकी’,‘जाना ना दिल से दूर’,‘पापा बाय चांस’,‘दिव्य दृष्टि’,‘लाॅकडाउन वाली लव स्टोरी’ जैसे सीरियलो में अभिनय कर षोहरत बटोरी। इन दिनों वह 14 मार्च से ‘‘कलर्स’’ पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘‘स्पाई बहू’’ में सेजल के किरदार में नजर आ रही हैं।
प्रस्तुत है ‘‘मायापुरी’’ के लिए सना सय्यद से हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंष...
अपने अब तक के कैरियर को आज आप किस रूप में देखती हैं?
अब तक मेरा कैरियर झूले की तरह हिचकोले लेते हुए चलता आ रहा है। या यूं कहंे कि मेले में जो रोलर कोस्टर होता है, उसी की तरह आगे बढ़ रहा है। षुरूआत बहुत धीमी हुई। फिर एक के बाद एक सीरियल करती रही। और अब ‘कलर्स’ का यह सीरियल ‘स्पाई बहू’ और इसमें मेरा सेजल का किरदार मेरी जिंदगी में बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट है। मुझे पता है कि इस सीरियल के बाद मैं बिगड़ जाउंगी। मतलब इस सीरियल के बाद मुझे दूसरा सीरियल स्वीकार करने के लिए रूकना पड़ेगा। क्योंकि इसके बाद इससे अच्छे काॅसेप्ट की तलाष आसान नहीं होगी। यह किरदार मेरा ड्ीम रहा है,जो कि अब पूरा हुआ है। सच कह रही हॅूं। हर सीरियल की समाप्ति पर हम सभी सह कलाकार एक दूसरे से पूछते हंै कि अब इसके बाद क्या करने की सोच रही है? मंैने हर सीरियल की समाप्ति के बाद हमेषा एक ही बात कही कि मुझे ‘‘राॅ’’ एजेंट बनना है। मुझे एक्षन करना है। फिल्म ‘टाइगर’ में कैटरीना कैफ ने जो किरदार निभाया, वैसा कुछ करना है। और अब उपर वाले ने मेरा यह सपना पूरा कर दिया। मैं सीरियल की निर्माता और ‘कलर्स’ चैनल की बहुत आभारी हॅंू कि अंततः उन्होेने हर किसी को भुलाकर मुझे इसके लिए चुना।
आपने ‘स्पाई बहू’ से जुड़ना क्यों स्वीकार किया?
सर... यह मनचाहा सीरियल है। बीच में पूरे एक वर्ष तक मैने कोई काम नही लिया। पूरे एक वर्ष के बाद मैने ‘स्पाई बहू’ के लिए षूटिंग करनी षुरू की। वैसे हम तो यह मानते हैं कि काम और लक्ष्मी/धन को कभी मना नही करना चाहिए। माना कि आज टीवी ने काफी प्रगति कर ली है, पर कई सीरियल काफी रिग्रेसिब होते हैं। निजी रूप में कई बार हम कुछ सीरियल नही करना चाहते। एक वर्ष में मेरे पास कई ऐसे सीरियल आए, जिन्हे देखकर मैंने कहा कि नहीं मुझे नहीं करना है, यह सब मैने काफी कर लिया है। कुछ सीरियल तो मेरी समझ में ही नही आए। उसके बाद मेरे पास ‘स्पाई बहू’ का आफर आया। जब मैने इसकी कहानी का सार पढ़ा। अपने किरदार के बारे में पढ़ा। तो मैं यह जानकर उत्साहित हो गयी कि इसमंे मेरा किरदार जासूस है। मैं निजी जिंदगी में महाराष्ट् में पली बढ़ी हॅंू। मुझे हिंदी, मराठी व अंग्रेजी बहुत अच्छी आती है। मगर इस सीरियल मंे मेरा किरदार गुजरात के जामनगर से है। मैने इस सीरियल से पहले गुजराती किरदार नही निभाया। तो इस सीरियल में अभिनय करना मेरे लिए सब कुछ नया है। फिर चाहे वह भाषा हो। सेजल का किरदार अपने आप में अनूठा है। यह चलते चलते गिर जाती है। कई बार अपना चष्मा तोड़ चुकी है। सेजल में इतना बचपना है कि 22 वर्ष की हो चुकी है,पर अपने माता पिता के बीच मंे सोती है।
आपने कहा कि कुछ सीरियल बहुत रिगे्रसिब रहे। आपने एक सीरियल ‘‘जाना ना दिल से दूर’’ किया था.यह कुछ अजीब सा था। आपको लगता है कि इस तरह के सीरियल नहीं करने चाहिए?
मुझे अब कुछ नहीं लगता। यह सब कंविंक्षन का मसला है। जो अपने कंविक्षन के अनुसार कोई सीरियल लेकर आ रहे हैं, पर मैं कौन होती हॅंू किसी को भी गलत कहने वाली। यह उनका अपना कंविंक्षन है। बस में सिर्फ इतना कह रही हॅंू कि मुझे वह ठीक नही लगता। अब मैं वैसा कुछ नहीं करना चाहती। ऐसा नही है एक आधे सीरियल रिगे्रसिब तो हो ही जाते हैं। मेरे भी कुछ सीरियल रिग्रेसिब हुए हैं, पर मैं उनका नाम नहीं लेना चाहती। मैने अच्छे लोगों के साथ अच्छी कहानी में भी काम किया है। फिर अब टीवी इंडस्ट्ी काफी आगे बढ़ रही है। मैंने एक सीरियल ‘दिव्य दृष्टि’किया है। यह कहानी दिव्या और उसकी बहन दृष्टि पर थी। इसमें मैने दृष्टि और दिव्या का किरदार नायरा बनर्जी ने निभाया। इन दोनो बहनांे के पास भविष्य को देखने व उसे बदलने की षक्ति है। यह बहुत खूबसूरत सीरियल था। इसमें औरतों को एक महान दर्जा दिया गया। लेकिन ‘स्पाई बहू’ तो हर सीरियल से काफी अलग है।
आप सीरियल ‘स्पाई बहू’ को लेकर क्या कहना चाहेंगी?
जैसा कि मंैने पहले ही कहा कि सीरियल ‘स्पाई बहू’ अलग तरह की कहानी है। सेजल बहुत लंबी है। गिरती पड़ती रहती है। बहुत बातूनी है। चुप नही रहती। मंुॅहफट है। लेकिन बदतमीज नही है। उसके दिल मंे जो आया, उसे वह कह देती है। बाद में उसे अफसोस भी होता है। वह अपने मां बाप से बहुत प्यार करती है। लोग सीरियल देखते हुए सेजल के साथ रोएंगे, खिलखिलाएंगे व हॅंसेंगे. पर जब उसे अपने अतीत के बारे मंे कुछ पता चलता है और फिर उसे अपने देष के लिए योहान की जासूसी करने के मिषन पर भेजा जाता है। सेजल कष्मीर में योहान से और उसके परिवार से मिलती है। उनके उपर स्पाई करते करते उसे योहान से प्यार हो जाता है। जबकि उसने अपनी जिंदगी कभी किसी से प्यार नही किया। उसने सिर्फ अपने माता पिता से प्यार किया है। उसे कभी किसी लड़के का आकर्षण भी नहीं हुआ। उसकी जिंदगी हमेषा अपने माता पिता, भाई व पापा की छोटी सी दुकान के गोल दायरे में ही घूमती रही है। उसका मकसद पढ़ाई करके एक अच्छा षो रूम बनाना है। पर अब वह जासूस है। एक मिषन पर है और उपर से संदिग्ध आतंकवादी के प्यार में पड़ने के बाद उससे षादी कर लेती है। अब सेजल अपने देष को देखे या प्यार करे या षादी को बचाए? इसी उधेड़बुन में वह रहती है। यह डायलेमा में वह जिएगी।
सना सय्यद और सेजल में कितना अंतर है?
सना सय्यद और सेजल काफी हद तक समान हैं। आज तक मैने ऐसा सीरियल नही किया, जिसके किरदार के साथ मैं ख्ुाद को रिलेट कर सकॅूं। मतलब इससे पहले मैने ऐसा किरदार नही निभाया कि मैं कह सकॅंू कि हाॅं सना भी ऐसी है। अब तक के सीरियलों में जिस तरह के किरदारों में लोगों ने मुझे देखा है, वैसी मैं नही हूंू। मैं सेजल जैसी हॅूं। मैं इंट्ोवर्ट हॅूं। मुझे लोगों के साथ घुलने मिलने में कुछ समय लगता है। एक बार घुल मिल गयी,तो फिर खूब बातें करती हॅूं। सेजल कुछ ज्यादा ही क्लंबी है। मुझे व सेजल को पता नहीं कि कहां पर क्या बोलना चाहिए और कहां पर रूक जाना चाहिए। सेजल की तरह मैं भी अपने माता पिता से बहुत प्यार करती हॅंू। मैं भी चष्मिष हॅूं। कभी कभी मुझे लगता है कि लेखक ने सेजल का किरदार मेरे लिए ही लिखा है।
सीरियल ‘‘स्पाई बहू’’ के सह कलाकार सेहबान अजीम के साथ आपकी ट्यूनिंग कैसी रही?
बहुत ही बेहतरीन कलाकार। काम के प्रति समर्पित है। केयरिंग है। तमीजदार है। दूसरो की इज्जत करना जानता है। मेरी ही तरह वह फनी है।
इसकी षूटिंग कष्मीर मंे हुई है। तो आप पहली बार कष्मीर गयी थीं?
कष्मीर को लेकर जो कुछ कहा जाता है, वह सब महज हौव्वा है। वहां के लोग सभी का स्वागत करते हैं। वहां राह चलता बंदा भी आपकी मदद कर देगा। वहां की हाॅस्पीटली कमाल की है। फिर कष्मीर तो जन्नत है। मैने अपनी जिंदगी में पहली बार कष्मीर में बर्फ बारी देखी.कष्मीर वक्त के साथ और अधिक अच्छा लगने लगता है। कष्मीरियों की कढ़ाई बुनाई सब कुछ अमेजिंग है
आपने लाॅक डाउन में अपने प्रेमी इमाद षम्सी से षादी की। कुछ बताना पसंद करेंगी?
जी हाॅ! हम दोनो एक ही कालेज में पढ़ते थे। हमारा फ्रेंड सर्कल भी एक ही है। हम दोनो एक दूसरे से आठ वर्ष से परिचित थे। पहले हम दोनो को एक दूसरे में दोस्ती के अलावा कोई रूचि नही थी। जबकि हम सब दोस्त एक साथ घूमने फिरने भी जाते थे। लेकिन लाॅक डाउन के वक्त हमारा सीरियल ‘लाॅकडाउन की लव स्टोरी’ का प्रसारण बंद हो चुका था। उसका भी काम बंद था, तो हम कुछ ज्यादा ही एक साथ समय बिताने लगे। हम एक दूसरे को पसंद करने लगे। फिर डेटिंग करने लगे। और 25 जून 2021 को हमने अपने परिवार वालों की रजामंदी से षादी कर ली।
इमाद षम्सी में ऐसी क्या खास बात नजर आयी कि आपने उसे जीवन साथी बनाने का फैसला किया?
बहुत ही ज्यादा समझदार और फेमनिस्ट लड़का है। वह औरतों के लिए उतना ही अहसास करता है, जितना एक औरत करती है। औरत या लड़की को लेकर कोई कुछ कह दे, तो यह बात उसे बर्दाष्त नही हो सकती। वह जज्बाती है। बहुत ही ज्यादा सपोर्टिब है। इसलिए मुझे वह बहुत पसंद हैं। प्यार भी बहुत करता है।