- शान्तिस्वरुप त्रिपाठी
नेवी ऑफिसर की बेटी और कानून/वकालत की पढ़ाई पूरी कर चुकी अभिनेत्री नायरा बनर्जी अब तक सुपर हिट तेलगू फिल्म ‘‘आकड़ू’’ के अलावा दक्षिण भारत की 18 फिल्मों तथा हिंदी में प्रियदर्शन के निर्देशन में ‘‘कमाल धमाल मालामाल’’ व ‘वन नाइट स्टैंड’ सहित कुछ दूसरी फिल्मों में अभिनय करने के बावजूद उन्हें वह शोहरत नहीं मिली, जिसकी उन्हें चाहत थी। परिणामतः शोहरत पाने के लिए नायरा एम बनर्जी ने छोटे परदे का रूख करते हुए टीवी सीरियल ‘‘दिव्यदृष्टि’ में दिव्या शर्मा का किरदार निभाकर रातों रात स्टारडम पा लिया। फिर उन्होंने ‘एक्सक्यूज मी मैडम’, ‘हेलो जी’जैसे सीरियल व वेब सीरीज की. इन दिनों नारी उत्थान के मकसद से बनाए गए ‘‘दंगल टीवी’’ के सीरियल ‘‘रक्षाबंधनः रसाल बनी अपने भाई की ढाल’’ में नायरा एम बनर्जी चकोरी के निगेटिव किरदार में नजर आ रही हैं।
प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के अंश..
सीरियल का प्रसारण खत्म होते ही लोग भूल जाते हैं और शोहरत भी गायब हो जाती है?जबकि फिल्मों का स्टारडम लंबे समय के लिए होता है.यह फर्क आपको नही नजर आया?
यह फर्क नजर आया। सच तो यही है कि मैं टीवी पर काम नहीं करना चाहती थी। क्यांेकि मैंने दर्जन भर से अधिक फिल्में की हैं, तो फिर मैं टीवी क्यों करुं? यह बात मेरे दिमाग में थी। उन दिनों वैसे भी फिल्म वाले टीवी से जुड़े कलाकारों व निर्देशकों को अछूत की तरह देखते थे। कहा जाता था कि टीवी सीरियल में काम करने वालों का चेहरा ‘ओवर एक्सपोज’ हो चुका है। फिर भी मैं फिल्मों में अच्छा काम करने के बाद टीवी पर आयी हूँ। सीरियल ‘दिव्यदृष्टि’ के कास्टिंग डायरेक्टर ने कहा कि,‘नायरा, जब तक तुम सलमान खान या दीपिका पादुकोण नहीं हो जाती, तब तक तुम पापुलर चेहरा नहीं हो। आप सिर्फ एक कलाकार हो। फिल्म सफल हो गयी, तो ठीक है। फिल्म असफल हो गयी, तो तुम फिर से उसी जगह पहुँच जाती हो, जहां से आपने शुरूआत की थी। लेकिन जब आप टीवी पर काम करती हैं, आप एक जाना पहचाना चेहरा बन जाती हो यानी कि शोहरत की शुरूआत हो जाती है। कम से कम टीवी सीरियल से जुड़ने पर हर दिन आपके पास काम रहेगा। हर दिन आपको पैसे मिलेंगे। तो यह सब सकारात्मक बातों पर ध्यान दो। ’’उसके बाद मेरी सोच बदली। मुझे उसकी बातों में सच्चाई नजर आयी।
अब तक आपने जो भी काम किया, उसका अनुभव क्या रहा? क्या आपका संघर्ष खत्म हो गया?
यदि आप इसे मेरा संघर्ष कहें, तो मैं अभी भी संघर्ष कर रही हूँ, क्योकि मुझे किसी मुकाम को हासिल करना है। यदि मैं संघर्ष न मानूं तो यह मेरा संघर्ष नहीं है। क्योंकि मैं अपनी जिंदगी रोज जी रही हूँ। अच्छे कपड़े पहन रही हूँ, अच्छा मेकअप कर रही हूँ और अच्छे पैसे कमा रही हूँ। पहचान मिल रही है। लोग प्रशंसा कर रहे हैं। तो मैं संघर्ष नहीं कर रही हूँ, बल्कि हवा में उड़ रही हूँ।
आपके शौक क्या हैं?
मैं बंगाली हूँ। इसलिए नृत्य, संगीत, गायन व पेटिंग तो मेरी हॉबी है। पेटिंग ज्यादा नहीं करती। मगर बॉलीवुड नृत्य के अलावा भारत नाट्यम व कत्थक नृत्य करती हूँ। अपनी मम्मी से मैंने हिंदुस्तानी लाइट क्लासिकल संगीत सीखा है। खाने का शौक है, पर बनाने का नहीं। साफ सफाई ज्यादा पसंद है। मम्मी को ड्राइव पर लेकर जाना। स्प्रिच्युअल बातें करना। मैं हिंदू हूँ, पर मैं उन रीति रिवाजों को ही मानती हूँ, जिनका कुछ लॉजिक है। पुराने आउट डेटेड रीति रिवाजों को नहीं मानती।
आपने नृत्य व संगीत किससे सीखा?
जी हाँ! मैंने भारत नाट्यम व कत्थक सीखा है। नृत्य सीखने के लिए मैं कोलकता गयी थी। वहां के एक नाट्य स्कूल से सीखा। जबकि संगीत तो मैंने अपनी मम्मी से ही सीखा। मेरी मम्मी चाहती थीं कि मैं संगीत में अपना करियर बनाऊं।
भविष्य में फिल्मों में पाश्र्वगायन करना चाहेंगी?
अवसर मिलेगा तो रियाज करुंगी। फिलहाल कुछ समय से रियाज बंद है, पर मौका मिलते ही सुबह छह बजे उठकर रियाज करना शुरू कर दूंगी। मेरी आवाज सुरीली तो है ही।
प्यार को लेकर आपकी क्या सोच है?
प्यार मन की एक अवस्था है। एक व्यक्ति के साथ क्या होता है वह लगाव है, जो फिर से खुशी और दर्द के साथ आता है, जो उसे भावनात्मक उतार-चढ़ाव की ओर ले जाता है। प्यार को लेकर मेरा विचार ‘‘प्यार में पड़ना‘‘ नहीं है, जहां दर्द और खुशी स्थिर है। मेरा प्यार का विचार ‘‘प्यार में बढ़ना‘‘ है, जहां दोनों साथी केवल एक-दूसरे को बेहतर और बेहतर करने के लिए धक्का देना और समर्थन करना चाहते हैं।
आपके लिए प्यार में सफलता व असफलता क्या मायने रखता है?
हर हाल में खुश रहना महत्वपूर्ण है। प्यार आपको दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने की शक्ति देता है, आपको बांधता नहीं है। बल्कि प्यार आपको एक-दूसरे पर निर्भर महसूस कराता है। विश्वास, प्रतिबद्धता और सम्मान मेरी तरह का प्यार है। वफादारी का पालन होगा, क्योंकि आपकी भावनाएं शारीरिक आकर्षण से परे होंगी। प्यार एक जादुई और आध्यात्मिक एहसास है जहां आप जानते हैं कि आप दुनिया को जीत सकते हैं क्योंकि आपके पास एक ऐसा साथी है जो एक बड़ा समर्थन है।
देखिए, प्रेम शब्द की रोमांटिक और प्लेटोनिक जैसी अलग-अलग परिभाषाएँ हमारे द्वारा दी गई हैं। जबकि प्यार मन की एक अवस्था है, और आप सभी के लिए करुणा की भावना फैलाते हैं, चाहे वह साथी, दोस्त, अजनबी या जानवर हो, हर जीव उस मामले के लिए। करुणा प्यार का सबसे बड़ा रूप है।
लोग कहते है कि सोशल मीडिया के चलते असली और नकली प्यार के बीच की रेखाएं धुंधली हो गयी है। ऐसे में असली प्यार पाना मुश्किल नही हो गया है?
सोशल मीडिया सिर्फ एक ऐसा मंच है, जहां लोग अपना स्वाभाविक पक्ष दिखाना चाहते हैं या अपना अहंकार बदलना चाहते हैं। यह अभी भी आपका है। अपना पक्ष क्योंकि यह आपका है। ईमानदारी से, मुझे लगता है कि हर इंसान के पास खुद के लिए एक इंसान होता है। आपको बस इस बारे में स्पष्ट होना चाहिए कि आप क्या और किसे आकर्षित करना चाहते हैं। वह व्यक्ति बनें जिसे आप आकर्षित करना चाहते हैं। मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से डिटॉक्स करें। केवल उस पर ध्यान केंद्रित करें जो आप अपने साथी में चाहते हैं। ब्रह्मांड आपके लिए चीजों को ढूंढेगा और उन्हें पूरा करेगा।‘‘प्यार में पड़ भी जाए तो कभी-कभी समय देना एक समस्या बन जाती है। ‘‘समय देना कोई मुद्दा नहीं है। आपको समय का प्रबंधन करना सीखना होगा! जब प्यार होता है, और आप मानसिक, भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं, चाहे आप कितनी भी दूर या कितने व्यस्त हों, आप समय निकालने का प्रबंधन करेंगे। प्रेम उनके लिए एक भ्रम है जो प्रेम का सही अर्थ नहीं समझते हैं।
देखिए,‘प्यार एक व्यक्ति की स्वीकृति‘ है... जिस तरह से हम अपने परिवार के सदस्यों को किसी भी हालत में प्यार करते हैं,क्योंकि हमारे पास स्वीकृति है। प्यार आनंद की स्थिति है। जब आप खुश होते हैं, तो आपको लगता है कि आप प्यार में हैं। जिस क्षण आप अलग हैं, आपको लगता है कि प्यार नहीं रहा। प्यार एक बहुत ही जादुई अनुभव हो सकता है या यह सिर्फ यह महसूस कर सकता है कि हमारी भावनाएं किसी के साथ जादुई नहीं हो सकती हैं, लेकिन आप जानते हैं कि आप अपना जीवन किसी के साथ खुशी से बिताना चाहते हैं।
शोहरत के पीछे भागने वाली मशहूर हस्तियों को सच्चा प्यार नसीब नही होता?इस पर आपकी राय?
हम 12 घंटे काम करते हैं, यह हमारे व्यवसाय की प्रकृति है, यह हमारे शेड्यूल का पैटर्न है। हमारे पास केवल एक प्रोजेक्ट छोड़ने का विकल्प नहीं है क्योंकि बहुत सारे लोगों को सौंपा गया है। हम प्यार के लिए तरसते हैं। काम पर लंबे घंटों के बाद, हम चाहते हैं कि हमारे इंसान आसपास हों, चाहे वह हमारा परिवार हो या साथी, पति या पत्नी जिसे हम गले लगा सकें और घर पर महसूस कर सकें। हम सेट पर इतना समय उन्हीं लोगों के साथ बिताते हैं जो हमें मौका नहीं मिलता प्यार की तलाश में। इसलिए बहुत सारे सह-कलाकार शादी कर लेते हैं और प्यार में पड़ जाते हैं।