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निम्रत कौर: सभी को हसाना सबसे मुश्किल काम होता है

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-लिपिका वर्मा 

निम्रत कौर पहली बारी फिल्म, 'दसवीं' में कॉमेडी किरदार करते हुवे नजर आएँगी. निम्रत कौर ने फिल्म लॉनबॉक्स से अपनी एक अच्छी कहसि पहचान बना ली है और उसके बाद  अक्षय कुमार फिल्म,'एयरलिफ्ट' में भी उनके किरदार की तारीफ की गयी थी . अब अभिषेक बच्चन के साथ एक अनूठे किरदार में नजर आने वाली है निम्रत कौर फिल्म के निर्माता-दिनेश विजन के मैडॉक फिल्म्स के  बैनर तले बनी फिल्म, 'जिओ' स्टुडिओस एवं माय केक फिल्म्स के साथ कोलैबोरेशन में यह फिल्म जिओ सिनेमा एवं नेटफ्लिक्स पर 7 अप्रैल,2022 को प्रीमियर होने हेतु तैयार है. फिल्म में मुख्य भूमिका में श्री अभिषेक बच्चन,निम्रत कौर एवं यामी गौतम नजर आने वाले है.

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अपने किरदार के बारे में कुछ हाईलाइट कीजिये?

यह एक बहुत ही अलग किरदार है. मुझे कॉमेडी करने का मौका पहली  बारी  ही मिला  है. इसकी कहानी भी अनूठी है. मुझे कॉमेडी और अलग तरह का किरदार करने को मिला बहुत खुश हों.

कॉमेडी करना और वह बह पहली बारी बहुत काटीं एहसास रहा होगा?

जी हाँ, कॉमेडी करना आसान नहीं होता है इस में टाइमिंग का बहुत ध्यान रखना होता है. कॉमेडी करते समय हमें यह ध्यान जरूर रखना होता है कि फनी लग रहा है या नहीं पर असली परख ओडिन्सेस के सामने जब हमारा  प्रोडक्ट जाता है तभी मालूम  हो पाता है. यदि कॉमेडी सही मायने में हम करते है तो जाहिर सी बात है हम जनता को हंसा पाते  है. सभी को हसाना सबसे मुश्किल काम होता है. बस कॉमेडी करते समय हमें लाइट मूड रखना चाहिए. फ्रेहसनेस्स रखना भी जरुरी होता है. हाँ कॉमेडी करना चल्लेंजिंग होता है.

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आप के किरदार को अंकुश में रखा जाता है फिर उसे खुली छूट मिल जाती  है क्या ऐसा रियल लाइफ में भी देखने को मिलता है?

जी हाँ ऐसा रियल लाइफ में भी होता है. आप पिछले इतिहास को उठा कर देख लीजिये यह सब देखने मिलेगा. जिस किसी  को आप अंकुश में रखना कहते है वो जरूर फ़्रेडडम की आशा करता है और जैसी ही उसे खुली छूट मिलती है यह सी तरह है जैसे किसी को जांगले में बंद रख कर, उसे आप जब छोड़ते है तो वह कैसे रियेक्ट करता है. ठिक उसी त्तरह मेरे किरदार को भी जब मौका मिलता है की वो अपना पावर दिखला सके और अपने ओहदे को भी सही रख सके तो वो कैसे रियेक्ट करती है रील पर.आप देहिये उसे आपको को बहुत नाजा आएगा मेरी रील जर्नी मजेदार और अलग है सो मैंने इसे पर्दे पर उतरने पर बहुत आनंद भी लिया.

आप भी मुंबई अकेले आयी अकेले रह रही है अपनी जर्नी के बारे में कुछ बताएं?

शुरू शुरू में मुझे कुछ भय सा महसूस हुवा.पर मुझे मुंबई के बिग बाद सिटी में अकेले रहने का मौका मिल रहा था और क्योंकि मैं आर्मी बैकग्राउंड से बिलोंग करती हूँ तो मुझे अपनी फ्रीडम का सही उपयोग करना मालूम  था. मुझे अपने सपने पुरे करने थे और साथ ही सही रूप से अपना जीवन निर्वाह करना था अतः इसके लिए मैंने सही ढंग से मेहनत   की . मैंने अपनी फ्रीडम का फ़ायदा नहीं उठाया अपितु इस खुली छूट का सही उपयोग  कर मेहनत  कर काम हासिल  किया. मै लकी  कि मुझे अच्छे लोगों के साथ काम करने का मौका भी मिला  और अपना  एक मुकाम बनाने में समर्थ रही.

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आज कैसा महसूस करती है मुंबई में और इस ग्लिट्ज  ग्लैमर वर्ल्ड में काम करते हुवे क्या कहना चाहेंगी आप?

मुझे किसी तरह का खेद नहीं है. मेरी जर्नी बेहद ही ओरिजिनल रहे है. मैंने कभी किसी को कॉपी करने की कोशिश नहीं करी  है मैंने और ना किसी की कभी मैंने नकल की. यदि कोई किसी तरह का काम कर रहा हो तो में उसे कभी फोल्लो नहीं किया है. ऐसा नहीं सोचा कि मुझे भी वही करना है जो वो फ़्लान फ़्लान कर रहा है. मैंने अपनी मौलिकता बरकरार राखी है और ऐसा में हमेशा करूंगी आगे भी. किसी की स्टाइल भी नहीं फॉलो करती हूँ मैं. बस अपने काम को लेकर अत्यंत पैशनेट हूँ अपने हर  किरदार को अपना बेस्ट देना चाहती हूँ.  यही मेरे लिए महत्वपूर्ण है.

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