एंड पिक्चर्स 27 फरवरी को रात 8 बजे फिल्म ‘थलाइवी’ के प्रीमियर के साथ आपको एक ऐसे शख्स की कहानी से प्रेरित करने जा रहा है, जिन्होंने अपने लोगों के लिए संघर्ष किया और भारत के इतिहास की सबसे प्रभावशाली राजनेताओं में से एक बनकर उभरीं। इस फिल्म में काम करने को लेकर अपना अनुभव बताते हुए कंगना ने इस रोल को निभाने की प्रेरणा और किरदार के हावभाव अपनाने के बारे में चर्चा की और ये भी बताया कि वे इस रोल से किस तरह जुड़ती हैं,
फिल्म थलाइवी करने के लिए आपको किस बात ने प्रेरित किया?
मेरे लिए थलाइवी निश्चित तौर पर जिंदगी बदल देने वाला अनुभव थी, क्योंकि इसमें सीखने के लिए बहुत कुछ था। जया अम्मा जैसा दमदार और प्रेरणादायक किरदार निभाना मेरे लिए एक शानदार अनुभव था। वो एक प्रभावशाली राजनेता थीं, जिनका एक उद्देश्य था और जो लगातार अपने लोगों के लिए लड़ती रहीं। उनके जैसी फिज़ीक और हाव-भाव अपनाने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी। इस कहानी में जया अम्मा का किरदार, उनकी किशोरावस्था से उनकी उम्र के 40वें दशक के शुरुआती दौर तक का है। इस बदलाव को अपनाना अपने आप में बड़ा चुनौतीपूर्ण था। हालांकि फिल्म के डायरेक्टर विजय सर ने मुझमें विश्वास जगाया और मैं थलाइवी का हिस्सा बनीं। मुझे खुशी है कि मैंने यह फैसला किया।
आपने जयललिता का किरदार बहुत अच्छी तरह निभाया है। उनके हाव-भाव अपनाने से लेकर उनकी सोच को समझने का यह सफर कैसा रहा?
जब भी मैं कोई प्रोजेक्ट करती हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करती हूं कि मैं उसके साथ पूरा न्याय करूं। मैंने उनका किरदार, उनके तौर-तरीके और उनके व्यक्तित्व से जुड़ी हर बारीकी पर गौर किया और इसे अपनी परफॉर्मेंस में शामिल किया। जया अम्मा की कई खूबियों में से एक खूबी यह भी थी कि वो एक प्रशिक्षित पेशेवर डांसर भी थीं। उनकी इस खूबी को अपनी परफॉर्मेंस में शामिल करना बड़ा चैलेंज था। इस सफर की हर बात ने मेरा सर्वश्रेष्ठ बाहर लाया। यह कुछ ऐसा था, जिसके बारे में जानने का मौका मुझे इससे पहले कभी नहीं मिला था।
किसी मुश्किल स्थिति का सामना करने के मामले में आप खुद में और जयललिता में किसी तरह की समानता पाती हैं?
शूटिंग के दौरान हर दिन मुझे जया अम्मा के साथ ज्यादा जुड़ाव महसूस होता था। मैंने बड़ी गहराई से उनके बारे में बहुत कुछ जाना। जिंदगी में हमें अक्सर ऐसी चुनौतियां मिलती हैं, जहां हर कदम पर हमारी परीक्षा होती है। तो ऐसे किसी इंसान के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगता है, जिन्होंने इतना संघर्ष किया और हर मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकलीं। आज हर परिस्थिति में मैं हम दोनों के बीच समानता पाती हूं क्योंकि यह एक ऐसा रोल है, जिसने मुझे पेशेवर और निजी तौर पर आगे बढ़ने में मदद की।
एमजीआर के रोल में अरविंद स्वामी के साथ काम करने का अनुभव कैसा था?
एक इंसान के तौर पर अरविंद सर बड़े विनम्र और मिलनसार हैं। वो हमेशा आपके रोल में आपकी मदद करते हैं। उन्होंने एमजीआर के रोल में इतना शानदार काम किया है कि कोई थोड़ा-सा भी फर्क नहीं कर सकता था। मैंने देखा है कि वो पर्दे पर स्वाभाविक तौर पर चुस्त नजर आते हैं और मैं उनकी इसी बात से जुड़ती हूं क्योंकि मैं भी किसी सीन के लिए बहुत ज्यादा टेक्स नहीं देती। इससे उनके साथ काम करना आसान और मजेदार हो गया। शूटिंग के दौरान उन्हें करीब से जानकर मैंने महसूस किया कि मैं अब तक जिन लोगों से भी मिली हूं, वो उनमें सबसे सच्चे लोगों में से एक हैं।