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पूजा हेगड़े: अब मैं बॉलीवुड में भी सोच समझ कर फ़िल्में कर सकती हूँ

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-लिपिका वर्मा

पूजा हेगड़े टॉलीवूड में एक बहुत नाम चीन  अभिनेत्री के रूप में जानी  जाती है। उनकी हालिया रिलीज़  राधे श्याम एक इंडियन पीरियड ड्रामा है। निर्देशक राधा कृष्णा कुमार ने यह फिल्म की कहानी को लिखा भी है। इस फिल्म ममें प्रभास एवम पूजा दोनों इस पीरियड ड्रामा में  बतौर  लीड किरदार लव- रोमांस और डेस्टिनी इत्यादि  को पर्दे पर पेश कर रहे है। पूजा के पास  इसके इलावा ५/६ और भी फ़िल्में  है, जिसकी वजह से वो बेहद खुश है. क्यूंकि वो दोनों टॉलीवूड एवं बॉलीवुड पर अपना सिक्का जमा चुकी है। हालांकि उनकी बॉलीवुड डेब्यू फिल्म ,'मोहनजोदड़ो' ने बॉक्स ऑफिस पर कोई ख़ास सफलता नहीं पायी थी। किन्तु पूजा ने आगे बढ़ कर काम किया है। और आज वो एक पैन इंडिया एक्ट्रेस कहलाती है।

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आप अपनी फिल्मे किन चीज़ो  को ध्यान  में रख कर चुनती है?

मै अपनी गट फीलिंग से फिल्मों का चयन करती हूँ। पर यदि मुझे डायरेक्टर संजय लीला  भंसाली <सर>या राजमौली <सर> की और से कोई ऑफर  आएगा तो मै  थोडी न बोलूंगी, मैं तो बिना कुछ सुनने हाँ ही बोलूंगी न ?मेरी अगली फिल्म, 'आचार्य' में राम चरण है इस फिल्म में। और मैं इस फिल्म में एक गांव की लड़की जो दो चोटी बनाकर,घागरा पहन  कर किरदार निभाना रही है बहुत अच्छा लगा यह करैक्टर मुझे। कभी कहानी और कभी करैक्टर और कभी जिन के साथ काम करना है यह सब भी में ध्यान में रख कर हामी भरती  हूँ।

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राधे शयम को हामी भरने की वजह प्रभास, स्टोरी, डायरेक्टर  था आपके लिए ?

दरअसल में मिक्स्ड रहा यह फिल्म को चुनना मेरे लिए। जैसे ही मैंने कहानी सुनी मुझे बहुत उत्सुकता भी हुई। इस कमर्शियल फिल्म में प्रेरणा का चार्टर बहुत ही काम्प्लेक्स है। और अलग शेड्स भी देखने को मिलेगा दर्शकों को। और प्रभास के साथ यह  फिल्म भी करना एक वजह है, क्यूंकि उनकी फिल्म पहले  एक्शन  रही और यह राधे शयाम  रोमांटिक फिल्म कर रहे है।

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आपकी डेब्यू बॉलीवुड ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं पाई,क्या इस बात की गलानि है आपको?

में मोहेंजोदड़ो फिल्म के साथ लगभग दो वर्षो एक थी। क्यूंकि मेरा कॉन्ट्रैक्ट था। मैं क्या कर सकती हूँ यदि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपना जावा नहीं दिखाया. कुछ समय के लिए आपको बुरा लगता है फिर उसके बाद तो आपको उठ कर अपना काम करना ही पड़ता है। इस से बेहतर  डेब्यू मेरे लिए और क्या हो सकती थी- इस में ह्रितिक रोशन है और निर्देशक आशुतोष गोवारिकर भी है। यह फिल्म उन्होंने जोड़ अकबर के बाद की है। सो यदि फिल्म अच्छा नहीं कर प्याइ तो मैं आगे बढ़ गयी यही  जिंदिगी है न?

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नॉर्थ और साउथ की फिल्मों करते समय आप इतनी अच्छी तरह बैलेंस कर लेती है,यह कैसे मुमकिन है?

ईश्वर की कृपा ही है बस  उनकी वजह से ही मुझे यह दोनों और से फिल्मों का ऑफर मिल रहा है। मुझे हमेशा से अलग-अलग भाषा में काम करना  था। देखिये, यदि आप गुजारती  या मराठी या फिर किसी  भी अन्य भाषा में काम करते  है तो इन भाषाओ को बोलने वाले लोग आपसे जुड़ जाते है। यही  भाषा का पावर है।मुझे केवल इंडियन इंडस्ट्री से जुड़ना था बस यह सम्भव हुवा है इस बात से मुझे ख़ुशी मिलती है। दर्शको ने मुझे एक्सेप्ट किया है इस बात किमुझे खशी मिलती है ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता है।

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आप पैन इंडियन एक्टर  कहलाती है सो आप अपने  फैंस को क्या देना चाहती है? और यह टॉलीवुड में काम कर ने बाद ही आप को इतने फैंस  भी मिले है और दोनों ओर की फ़िल्में भी मिली है? क्या कहना चाहती है?

साउथ के लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है और अपनत्व वाली फीलिंग भी दी है। साउथ के दर्शकों ने मुझे बहुत इज्जत भी दी है। अब मैं बॉलीवुड में भी सोच समझ कर फ़िल्में कर सकती हूँ। ख़ास कर जो  फ़िल्में मुझे पसंद आये, यूँ ही फ़िल्में करना है इसके लिए हिंदी फिल्मों का चयन नहीं करुँगी। बस ईश्वर की मुझ पर कृपा है और मुझे इन सभी  लोगों का प्यार उन्हें  लौटाना भी है. क्यूंकि आज मैं जिस मुकाम पर हूँ  उस मुकाम पर मेरी जिम्मेदारी  बनती है कि मैं अपने दर्शकों को एंटरटेन  करूँ और अच्छी फिल्मों का हिस्सा भी बनु। वह सभी  मेरी फिल्मों को देखते  है और इतने पैसे ख़र्च भी करते है ,तो मेरी यही  कोशिश रहती है की  उनको अच्छी  फ़िल्में कर के खुश करूँ।

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