-लिपिका वर्मा
सुचित्रा पिल्लई दिल चाहता है ,पेज ३ की जानी मानी अभिनेत्री है। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर,'ईटर्नली कन्फ्यूज्ड एंड इगर फॉर लव' में नजर आयी.यह वेब सीरीज सभी को बहुत पसंद आ रहा है।इस सजीव में सुचित्रा रे <विहान समांट> की माँ का किरदार प्ले कर रहे है। इस बच्चे में आत्मविश्वास की कमी दिखाई गई है। किस तरह पेरेंट्स को अपने बच्चो की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए।
किस तरह माता-पिता को अपने बच्चो के आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए इस बारे में कुछ शेयर कीजिये?
जाहिर सी बात है, हमें बतौर माता पिता बच्चो को इस दुनिया से लड़ने की क्षमता बढ़ाना चाहिए। इस मॉडर्न आगे में जरुरी नहीं सभी बच्चो में आत्म विश्वास हो। बहुत अलग तरह के व्यक्तित्व के लोग है इस दुनिया में.कुछ अंतर्मुखी होता है तो कुछ बहिर्मुखी होते है। पेरेंट्स को अपने अनुभव से बच्चो को शिक्षा देना अनिवार्य होता है। सही मूल्यों को पाने बच्चो में कूट कूट कर भरना चाहिए पेरेंट्स को ताकि बच्चे सही ठंग से अपने जीवन में आगे बढ़ सके।
आपकी पीढ़ी और अब की पीढ़ी के प्यार करने के तरीके में आप क्या अलग देखती है?
जी आज का प्यार एकदम अलग ठंग का देखने मिलते है। पहले हाथ से ह्रदय को छू लिया जाता था किन्तु आज मोबाइल फोन्स हाथ में रख दिल को छू लिया जाता है। पहले हम लोग अपने प्यार का इज़हार पत्र लिख कर किया करते थे। लेकिन आज एस एम एस द्वारा ही प्यार का इज़हार किया जा सकता है. या फिर ब्रेक उप के लिए एक एस एम ही काफी है। उस ज़माने में फ़ेस तो फ़ेस मिल कर बातचीत किया करते। आज रिश्तों की अहमियत इतनी नहीं रह गई है,जो कुछ भी करना है तुरंत मोबाइल से सूचित कर देते है।
आपके पहले प्यार के बारे में कुछ यादें शेयर कीजिये?
मेरा पहला प्यार मुझे केवल १७ वर्ष की उम्र में हो गया था। यह मेरा लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप था। आज भी मैं ने उनकी लेटर संभाल कर के रखी है। जबकि अब, ३३ वर्ष गुजर गए है। आज भी कभी कभी वह चिट्टियां बैठ कर पढ़ती हूँ। मेरी पहली शादी चली नहीं और दूसरी भी लॉन्ग डिस्टेंस मैरिज ही है।
आज के युथ जल्दी ही प्यार में पड़ जाते है और उतनी ही जल्दी यह प्यार टूट भी जाता है क्या आप इस बात से सहमत है?
प्यार में पड़ना या प्यार का ब्रेक उप करना किसी भी रिलेशनशिप में ये हर एक व्यक्ति पर निर्भर होता है। हर किसी का प्यार का अपना एक दृष्टिकोण होता है। बतौर पेरेंट्स हमें यही देखना है कि हम इस बारे में भी खुल कर अपने बच्चो के साथ बातचीत करें। अपने अनुभव से हम उन्हें सही सलाह दे सकते है।
आगे कुछ सोच कर अपने निजी जीवन से जुडी बात हमसे शेयर करते हुवे वो बोली,'अब देखिये न मेरी बिटिया के साथ मैं हर विषय पर चर्चा कर सकती हूँ। वो भी मेरे साथ अपनी हर बात शेयर करती है। हमारे समय में हम अभी भी अपने माँ-बाप से ऐसी कोई भी बात शेयर नहीं कर सकते थे।पर आज बतौर पेरेंट्स हम अपने बच्चो के साथ एक अच्छा सम्बन्ध शेयर करते है। हमें अपने बच्चो के साथ एक दोस्त की तरह रहना चाहिए। मुझे कभी याद नहीं है कि मैंने कभी अपने माँ के साथ बैठ कर ऐसी कोई बात की हो। हमें हमेशा डर लगा रहता कि वो हमें गलत जज न कर लें। हमें अपने प्यार या क्रश इ बारे में उनसे छिपाना पड़ता था।आज हमारे बच्चे हम से सब कुछ शेयर कर सकते है खास कर अपने प्यार के बारे में भी हमें बतला सकते है।यह एक बहुत बड़ा फर्क है।
आज की पीढ़ी को आप क्या सलहा देना चाहती है?
बस यही कोई भी रिश्ते में यदि आदर <रिस्पेक्ट> न हो तो तो उस रिश्ते में कोई लड़का या लड़की न ही रहे तो बेहतर होगा।किसी भी रिश्ते को रिस्पेक्ट और प्यार मजबूत बनाता है। किसी भी तरह से कोई कमी हो तो ऐसे रिश्ते में सेटल नहीं होना चाहिए। किसी को भी चबूतरे पर चढाने की जरूरत नहीं है। आप किसी से काम नहीं हो।