-यश कुमार
अबतक का आपका फ़िल्मी सफर कैसा रहा है?
अब तक का तो मेरा सफर काफी मज़ेदार ही रहा है, क्यूंकि अगर मुझे मज़ा नहीं आता तो मैं करती ही नहीं, मुझे लगता है की मैं पैदा ही एक्टर बनने के लिए हुई थी। पहले मैंने थिएटर में काम करना शुरू किया और उस वक़्त मुझे लगा की मुझे थिएटर ही करना चाहिए क्यूंकि उस वक़्त मैं कैमरा से काफी ज़ादा डरती थी, लेकिन फिर मुझे पता चला की अगर मैं कैमरा नहीं करूंगी तो लोग मुझे पहचानेंगे ही नहीं तो फिर धीरे धीरे 2012 से मैंने कैमरा फेस करना शुरू किया। 1998 से मैं थिएटर ही करती आ रही थी लेकिन फिर 2012 के बाद मैंने पहली बार स्क्रीन पर काम किया पर फिर कुछ वक़्त बाद मुझे लगा की काम कुछ मज़ेदार नहीं मिल रहा है, तो उसको ठीक करने के लिए मैंने 2015 में कॉमेडी करनी शुरू करि और बस फिर तबसे ये सफर चल रहा है। मैं वो बन्दर हूँ जो जहाँ खाना मिले वहां कूदता रहता है।
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थिएटर, फिल्में और OTT में से आपको सबसे ज़ादा काम करने में किस्मे मज़ा आता है?
अगर सच कहूं तो मुझे सब मे काम करने में काफी ज़्यादा मज़ा आया था क्यूंकि मेरी ज़िन्दगी की गंगा उलटी बहती है, जहाँ पर मुझे तनाव मिलता है मुझे वहीँ पर ज़ादा मज़ा आता है, जो काम मुझे आसान लगता है तो वहां पर मुझे मज़ा नहीं आता। तो काम करने की चाहत और उत्सुकता तो मुझे हर जगह ही रहती है। और इन तीनो में से मेरा सबसे ज़्यादा मन पसंदिता तो थिएटर ही रहेगा क्यूंकि उसमे जनता आपके एकदम सामने ही होती है, और अगर आप उनको पसंद नहीं आए तो वो आपको मुपर बता देती है की भाई नहीं आये तुम पसंद हमे और अगर पसंद आये तो वहीँ ताऱीफर भी करती है तो जब सामने दिख जाता है तो अच्छा लगता है। और जहाँ तक रही OTT की बाद तो मेरा मानना है की OTT भी काफी अच्छा है क्यूंकि अचे कलाकार तो ऐसे ही कहीं छुप जाते हैं बस , अगर आप फिल्में करते हो तो आप बस हीरोइन की सहेली बन जाते हो, लेकिन OTT की वजह से ये चीज़ काफी अच्छी हो गयी है दर्शकों के लिए और हमारे लिए भी अब हम काफी अलग चरित्र निभाने लगे है। अगर अपने 'गिरगिट' सीरीज देखि हो तो आप समझ सकते हो की मेरी जैसी लड़की अगर किसी सीरीज की मुखिया अभिनेत्री हो सकती है ये हम कभी सोच भी नहीं पाते थे तो ये चीज़ OTT ने कर दिखाया है तो मैं उसकी शुक्रगुज़ार हूँ। लेकिन ये वही बात है की तीन बच्चों में से आपको सबसे ज़्यादा क्या पसंद है, तो फिल्मों को बुरा लग सकता है लेकिन फिल्में भी मुझे बहुत ही पसंद है आखिरकार ये तीनो चीज़ें ही मुझे जनता तक पहुंचती है और जो भी चीज़ जनता तक मुझे पहुंचती है मुझे लगता है वो मेरा प्यार है।/mayapuri/media/post_attachments/d8f1371df0c0ebfa3fa7ca4fe76818de819b1e93f8f483f0ae780ffb01e70fc1.jpg)
मराठी सिनेमा और बॉलीवुड फिल्मों में काम करने में क्या अंतर है और किसे आप ज़्यादा पसंद करती हैं?
मैं दोनों को ही काफी ज़्यादा पसंद करती हूँ। मैंने हॉलीवुड में भी काम किया है, मैंने लंदन जा के एक सीरीज में काम किया था। मराठी कलाकार की अपनी एक संस्कृति होती है जिनका अपना काम करने का एक अलग तरीका होता है जो की हिंदी फिल्म वालों से काफी अलग होता है या अगर आप UK चले जाओ तो उनकी और काफी अलग होती है पर काम करने में सबके साथ ही मज़ा आता है। छोले भठूरे और मिसल पाव में क्या अंतर है? उन दोनों का ही अपना अपना मज़ा है। मराठी फिल्मों का बजट काफी कम होता है तो उसमे आपको ज़्यादा से ज़्यादा अच्छा काम करना होता है। ज़ोम्बीवली हमने की जो की पहली मराठी ज़ोंबी फिल्म है जिसके लिए हमारे पास पैसे बहुत ही कम थे, हमारे पूरे फिल्म का बजट किसी हॉलीवुड फिल्म के मेकअप के बजट का भी आधा होगा। तो उसमे हमे ज़ोंबी दिखाने थे तो मेकअप की टीम अपना काम कर रही है, तो उसमे जो मज़ा है की हमे कम में सब करना है तो उसका मज़ा आपको मराठी में ही मिलता है। हिंदी में सब काफी बड़ा होता है तो उसका मज़ा अलग होता है सब अपना काम आराम से करते है, सबको अपनी अलग वैनिटी भी मिलती है आराम से AC में बैठ के। विद्या बालन के साथ जब मैंने काम किया तो उनका मैं कहूँगी की वो काफी ज़्यादा ही अलग है और उनकी जैसी बॉलीवुड में कोई भी नहीं है, वो एक ऐसी औरत हैं जिनके साथ मुझे लगता है की हर किसी को काम करना चाहिए क्यूंकि वो एक जज़्बे के साथ काम करती हैं। मैंने उनके साथ तुम्हारी सुल्लू फिल्म के दौरान 7 रातों तक काम किया है सिर्फ रात के शूट में और मैंने उन्हें कभी भी परेशान या थके हुए नहीं देखा वो बहुत बड़ी स्टार हैं लेकिन कभी भी परेशान नहीं होती तो वो मेरे लिए एक रोलमॉडल है की मुझे उनकी तरह बनना है क्यूंकि वो हमेशा ही सबके साथ काफी प्यार से रहती हैं और सबको अपने जितना ही समझती है और बिलकुल भी घमंडी नहीं हैं तो मैं अपने आप को काफी खुश किस्मत मानती हूँ की मुझे ऐसे कलाकारों के साथ काम करने को मिला।
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वाइट टाइगर में प्रियंका चोपड़ा और राजकुमार राओ के साथ काम करके ज़्यादा मज़ा आया या फिर तुम्हारी सुल्लू में विद्या बालन के साथ?
मैं झूट नहीं बोलूंगी पर विद्या जी मेरा पहला प्यार है, पर मुझे प्रियंका के साथ भी काम करके काफी मज़ा आया और काफी अलग था वो क्यूंकि हमारे निर्देशक अमेरिका से थे तो उनका काम करने का ढंग अलग था तो उन्होंने मुझे खुली छूट देदी की तुम करो जो भी तुम्हे करना है ,वो एक छोटा सा सीन था और प्रियंका उस वक़्त काफी अच्छी थी उन्होंने कभी मुझसे कुछ नहीं कहा की तुम ऐसा क्यों बोल रही हो जो की स्क्रीप्ट में नहीं है। और यही एक कलाकार की सबसे अच्छी निशानी है की वो सभी एक्टर्स को अपनी जगह देते है। तो मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानती हूँ की मुझे हमेशा ही ऐसे अच्छे कलाकार और निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला जिन्होंने मुझे हमेशा अपना अच्छा प्रदर्शन करने का मौका दिया।
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अब बहुत ही जल्द आप करण जोहर की फिल्म का हिस्सा बनने जा रही हैं तो उस फिल्म के बारे में कुछ बताइये?
उस प्रोजेक्ट का नाम है ‘गोविंदा नाम मेरा’ और इसमें स्टार करने वाले हैं विक्की कौशल और ये फिल्म 10 जून को सिनेमा घरों में लगने वाली है। गोविंदा नाम मेरा एक काफी अच्छी कहानी है जो की 2019 में मुझे ऑफर की गयी थी और उस वक़्त उस फिल्म का नाम था मरलेले और उसके बाद कोविद की वजह से उस फिल्म को टालना पड गया था तो मैं काफी उदास हो गयी थी क्यूंकि मुझे लगा की मेरा धर्मा प्रोडक्शंस का ब्रेक तो चला गया पर ऐसा हुआ नहीं उन्होंने फिर मुझे 2021 में फ़ोन किया और कहा की चलो अब फिर हमे फिल्म पर काम शुरू करना है और मैं काफी खुश थी की इस फिल्म में अब विक्की कौशल हैं जिनके साथ मुझे काम करने में बेहद मज़ा आया, विक्की और मैंने इस फिल्म में खूब मस्ती की है और मैं काफी इंतज़ार कर रही हूँ की कब ये फिल्म आएगी और कब आप सबको मज़ा आएगा इस फिल्म को देखने में।
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पहले Mrlele में वरुण धवन आने वाले थे फिर इस फिल्म में आये विक्की कौशल तो इस बात से आप खुश थी या दुखी? और फिल्म की अभिनेत्रियां कियारा अडवाणी और भूमि पडनेकर के साथ काम करके कैसा लगा?
मैं दोनों के साथ काम करने में खुश थी पर विक्की के साथ ऐसा है की वो खुद भी एक थिएटर एक्टर हैं तो हमेशा ही ऐसा लगता था सेट पर की हमारा भाई आ गया अब भाई के साथ काम करना है और उनके साथ काफी अपनापन था। वरुण धवन के साथ ऐसा होता की सिर्फ स्क्रीनप्ले की तरह काम कर दिया क्यूंकि हमने पहले कभी साथ काम नहीं किया। क्यूंकि विक्की के साथ मैंने पहले भी काम किया था तो हमारी अच्छी दोस्ती थी। तो जब आप पहले से ही लोगों को पहचानते हो तो काम काफी आसान हो जाता है और मज़ेदार भी। कियारा और भूमि के साथ भी काम करने में मज़ा आया सभी लोग काफी प्रोफेशनल है जिनके साथ हम मटरगश्ती भी कर रहे हैं पर वो काम के साथ ही होती है और आपका काम उसकी वजह से खराब नहीं हो रहा उल्टा वो और भी अच्छे तरीके से निकलता है। हमने इस फिल्म में इतना मज़ा किया है की हम हस्स हस्स के पागल हो जाते थे सेट पर और वो मज़ा आपको फिल्म में भी दिखाई देगा। मुझे भूमि और कियारा दोनों के साथ काम करने में मज़ा आया वो बहुत प्यारी सी हैं छोटी सी बच्ची जैसी हैं उनके साथ काफी मज़ा आता है काम करने में।
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कोरोना के बाद अब फिल्मों की शूटिंग, कॉमेडी शो और बाकि जगह क्या कुछ बदलाव आ चुके है?
बदलाव तो अब काफी कुछ आ चुके हैं, दिल को दुखाने वाले बदलाव हैं, कॉमेडी शो में जनता एक सीट छोड़के बैठी हुई है तो अब शो हाउसफुल नहीं होता है की लोग भर भर के हस्स रहें हों लेकिन खुश हूँ की आखिर कार शुरू तो हो गया सब की जनता अब बहार निकल रही है। फिल्मों में भी अब अच्छे तरीके से ध्यान रखा जा रहा है की शूटिंग से पहले सबके टेस्ट होते हैं और जब हमने शूट किया तो हमने एक होटल पूरा बुक किया था हमारे आलावा वहां और कोई भी नहीं था सब लोग सिर्फ आपस में रहते थे और अपना ध्यान भी रख रहे थे जो की काफी अच्छा है और जब आप पूरी कास्ट के साथ ही रह रहे होते हो तो देर से आने की दिक्कतें भी ख़तम हो जाती हैं तो उस वजह से आप अपने काम पर अच्छे तरीके से ध्यान देते हो। कोरोना की वजह से सेट पर अब काफी कम लोग है तो काम भी काफी जल्दी हो जाता है और मुझे अच्छा लगा देख कर की सभी लोग अभी भी अपना अच्छे तरीके से ध्यान रख रहे हैं और sanitize भी कर रहे हैं और मास्क पेहेन रहे हैं।
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अपने सभी फैंस से क्या कहना चाहेंगी?
मैं उनसे बस यही कहूँगी की बस मेरे काम को और प्यार देते रहें ताकि मैं और भी काफी अच्छा काम कर सकूं और अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें कोरोना अभी तक गया नहीं है और बस प्यार से रहिये और एक दूसरे को प्यार दीजिये क्यूंकि अगर हम एक दूसरे को प्यार से देखेंगे तो दुनिया थोड़ी ज़्यादा अच्छी होगी। प्यार रखो बस बाकी सब ठीक हो जाएगा।
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