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चार साल के लंबे गैप के बाद अभिनेता सूरज पंचोली (Sooraj Pancholi) फिल्म 'केसरी वीर' (Kesari Veer) से बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं. उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में ऐसा ऐसा कड़वा दौर देखा है, जिसकी वजह से उनके करियर पर कुछ समय के लिए फुलस्टॉप लग गया था. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें सूरज ने अपने संघर्ष, परिवार के समर्थन, सोशल मीडिया की सच्चाइयों, और इंडस्ट्री के दिग्गजों से मिली सीख पर खुलकर बात की. आइये जाने उन्होंने अपने इंटरव्यू में क्या कहा.
आपने साल 2015 में फिल्म 'हीरो' से आपने अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उसी समय एक गंभीर विवाद (फिल्म एक्ट्रेस जिया ख़ान आत्महत्या केस) ने आपको घेर लिया. क्या उस कठिन दौर में कभी आपको लगा कि इससे उबर पाना संभव नहीं होगा?
बहुत ही कठिन! मेरी जिंदगी को ट्रैक पर दोबारा आने में पूरे बारह साल लग गए. मेरा कंप्लीट ट्वेंटीज इसी में चला गया. मैं नहीं चाहता कि मेरा दुश्मन भी कभी उस दौर से गुजरे, जिससे मैं गुजरा हूँ. पर अब मैं काम करना चाहता हूँ, अच्छी फिल्मों का हिस्सा बनना चाहता हूँ. ऐसा नहीं है कि मुझे सिर्फ बॉडी ही दिखानी है. मैं अपनी अभिनय प्रतिभा का भी परिचय देना चाहूँगा.
आप चार सालों के लंबे अंतराल के बाद फिल्मों में वापसी कर रहे हैं. एक अभिनेता के लिए अभिनय उसका जुनून और पहचान होता है—ऐसे में अभिनय से दूर रहना आपके लिए व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से कितना कठिन रहा?
कहा जाता है न कि ‘एक घोड़े को बांध कर रखोगे, तो वो बीमार हो जाएगा.’ घोड़े का काम ही है दौड़ना. वो बहुत ही कठिन समय था, लेकिन उस समय मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम था मेरा परिवार. मेरी मां, मेरी बहन और यकीनन मेरे पिता. मेरे परिवार ने मुझे हमेशा ये कहा कि सूरज कभी हार मत मानना. आपने कभी किसी का बुरा नहीं किया, तो आपके साथ कभी बुरा नहीं होगा. आपने अपनी जिंदगी में बचपन से लेकर अब तक जो मेहनत की है, वो सफल होगी. आपको बस अपनी लगन से लगे रहना है. जब आपका बुरा वक्त होता है, तो आपको एक मोटिवेशन की जरूरत पड़ती है और ये मोटिवेशन मुझे परिवार से ही मिली है. फिल्म ‘हीरो’ में जिस सूरज को आपने देखा था, उससे कही बेहतर वर्जन मैं आज हूँ. अगर मेरी फैमिली मेरे साथ न होती तो पता नहीं क्या होता.
आप ‘केसरी वीर’ में हमीरजी गोहिल (Hamirji Gohil) का किरदार निभा रहे हैं. इस किरदार के लिए आपको क्या- क्या तैयारी करनी पड़ी?
मेरे लिए यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा. लेकिन इस किरदार को अपनाने के लिए मैंने निर्माता, निर्देशक और पूरी टीम के साथ बहुत सारा वक्त बिताया. मैं फिल्म में हमीरजी गोहिल का किरदार अदा कर रहा हूँ, जिन्होंने सोमनाथ मंदिर की रक्षा के लिए हमलावरों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी. मेरे लिए यह समझना जरूरी था कि हमीरजी कौन थे और सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) के लिए क्यों लड़े थे. हमीर जी गोहिल के बारे में जानते हुए और सीखते हुए मैं भी एक शिवभक्त बन गया. इसके अलावा मैंने इस किरदार के लिए तलवारबाजी सीखी, घुड़सवारी मैं बचपन से जानता था, इस चरित्र को भी मुझे अपने अंदर लाना था.
आपके पिता आदित्य पंचोली (Aditya Pancholi) भी एक अभिनेता रहे हैं, वहीं आपकी मां जरीना वहाब (Zarina Wahab) दशकों से अभिनय की दुनिया में सक्रिय हैं. एक मां और एक अनुभवी कलाकार के रूप में उन्होंने आपको क्या अहम सलाह दी हैं, जो आज भी आपके साथ बनी हुई हैं?
मेरी मां को इंडस्ट्री में 40 साल से भी ज्यादा हो गए हो गए हैं. लेकिन अगर आपने उन्हें देखा होगा, तो पाया होगा कि वे जरा भी फिल्मी नहीं है. मैंने उनसे यही सीखा कि आपकी फिल्मी लाइफ अलग होती है और निजी जिंदगी अलग. उन्होंने इन जिंदगियों को बहुत ही खूबी से बैलेंस किया है. मैं भी जिंदगी को एक न्यूट्रल अंदाज में देखना चाहता हूँ. मुझे काम के प्रति उतना भी सीरियस नहीं होना कि अपनी जिंदगी भूल जाऊं. मैं सफलता और असफलता के प्रति जुनूनी नहीं होना चाहता. वहीँ अभिनय के मामले में मॉम कहती है, मैं अपने हिसाब से करूं.
आपके करियर की शुरुआत में जहां सलमान खान जैसे सुपरस्टार का साथ मिला, वहीं अब सुनील शेट्टी जैसे अनुभवी अभिनेता के साथ काम करने का मौका मिला है. इस सफर को आप किस तरह से देखते हैं और इन दिग्गज कलाकारों से आपको क्या सीखने को मिला?
मैं खुद को बहुत लकी मानता हूँ कि मुझे इतने बड़े कलाकरों का साथ मिला. आज अगर सुनील शेट्टी (Suniel Shetty) नहीं होते इस फिल्म में तो ये फिल्म खड़ी ही नहीं होती. सुनील शेट्टी सर हमारी फिल्म के असली नायक थे. उन्हें अगर मैं फिल्म का एक आधारस्तंभ कहूँ, तो गलत नहीं होगा. मैं महादेव का शुक्रगुजार हूँ कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला. वे कमाल के को-स्टार है. एक्शन सीन के दौरान उनका फुर्तीलापन देखते ही बनता था.
फिल्म की शूटिंग करते हुए आपका कोई ख़ास अनुभव रहा?
जी हाँ, जब भी हमने शूटिंग की, हमारा पहला नारा होता था, हर हर महादेव! और इसी नारे के साथ हम अपनी शूटिंग भी खत्म करते थे. आपने अगर थ्री इडियट्स (3 Idiots) फिल्म देखी होगी, तो उसमें एक डायलॉग है, 'ऑल इज वेल' (Aal Izz Well) तो हमारे लिए 'हर हर महादेव' ही हमारा 'ऑल इज वेल' था. इससे हमें बहुत ज्यादा पावर मिली.
आज के डिजिटल दौर में एक छोटी-सी क्लिप भी सोशल मीडिया पर पलभर में वायरल हो जाती है. ऐसे माहौल में आप जैसे कलाकार सोशल मीडिया की इस तेज़ रफ्तार और प्रभाव को कैसे संभालते हैं?
ये सच है. हाल ही में मुझे किसी ने ट्रेलर लॉन्च पर पूछा कि पहले के एक्ट्रेस मुश्किल से नजर आते थे, उनका आसमान के सितारों-सा रुत्तबा था, मगर आज तो मोबाइल पर स्वाइप करो, तो हर कलाकार मौजूद है और यही वजह है कि उनकी वैल्यू नहीं बची. मैं काफी लंबे समय से सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं था. अभी फिल्म आ रही है, तो उसके प्रमोशन के लिए मेरी टीम पोस्ट करती है. लेकिन मैं समझता हूँ कि सोशल मीडिया का भी एक सेचुरेशन पॉइंट आ ही जाएगा. अब ऑडियंस भी समझने लगी है कि क्या फेक या पेड है और क्या नहीं
आपको बता दें कि सूरज पंचोली स्टारर ‘केसरी वीर’ 16 मई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. इस फिल्म का निर्माण पैनोरमा स्टूडियोज़ और चौहान स्टूडियोज़ के बैनर तले किया गया है.
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