जावेद जाफरी, आशिम गुलाटी और गायत्री भारद्वाज ने बिछाये ‘Mohrey’ दमदार एक्टर जावेद जाफरी ‘ताजा बाजार’ के बाद एक बार फिर विलेन के रूप में ‘मोहरे’ वेब सीरीज में नज़र आ रहे हैं. इसमें उन्होंने गैंगस्टर बॉस्को का दमदार किरदार निभाया है... By Shilpa Patil 12 Dec 2024 in इंटरव्यूज New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर दमदार एक्टर जावेद जाफरी ‘ताजा बाजार’ के बाद एक बार फिर विलेन के रूप में ‘मोहरे’ वेब सीरीज में नज़र आ रहे हैं. इसमें उन्होंने गैंगस्टर बॉस्को का दमदार किरदार निभाया है. इनके अलावा इस सीरीज में नीरज काबी, गायत्री भारद्वाज, आशिम गुलाटी और पुलकित मकौल, जैसे सितारे हैं. हाल ही में उन्होंने ‘मोहरे’ सीरीज के सिलसिले में ‘मायापुरी मैगज़ीन’ की पत्रकार शिल्पा पाटिल से ख़ास बातचीत की. क्या कुछ कहा उन्होंने आइए जानते हैं. जावेद जी, इस कहानी में कुछ खास बात है? क्या यह दिलचस्प है?, क्योंकि हम आपको ओटीटी पर बैक-टू-बैक विलेन के रूप में देख रहे हैं. जावेद जाफरी- हां, इस कहानी में खास बात ये है कि यह एक अनोखी स्क्रिप्ट है. जब मुझे डायरेक्टर ने इसे दिखाया, तो उन्होंने इसे फिल्म ‘अमर अकबर एंथनी’ और "द डिपार्टेड" का मिलाजुला बताया. मुझे यह तुरंत समझ में आ गई और मैंने इसे करने का फैसला किया. मेरी भूमिका, बास्को साल्वाडोर, एक मुंबई का क्रिश्चियन कैथोलिक की है, जो कॉफिन बनाता है. इसकी एक एक फार्मा कंपनी भी है. मेरी भूमिका में कई मोड़ हैं, जहां हम धीरे-धीरे समझते हैं कि कौन अच्छा है और कौन बुरा. इस शो में मस्ती और सस्पेंस दोनों हैं. मुझे पूरा यकीन है कि जो लोग इस तरह के जोन को पसंद करते हैं, उन्हें यह शो बहुत पसंद आएगा. आपने बहुत अच्छे से बताया कि हर एपिसोड में एक नया मोड़ आता है. अब दर्शकों को इससे क्या उम्मीद करनी चाहिए? जावेद जाफरी- बिलकुल, हर एपिसोड के साथ कहानी में एक नया ट्विस्ट होता है. यह बहुत अच्छा लिखा गया है. इस शो में हर किरदार का अपना एक सफर है और दर्शक इसे देखकर जुड़े रहते हैं. यही शो की खासियत है. हर किरदार में बहुत गहराई और पेचिदगी है और कहानी में हर मोड़ पर कुछ नया देखने को मिलता है. गायत्री क्या आप इसमें कुछ और जोड़ना चाहेंगी? गायत्री भारद्वाज- शो में हमें बहुत मज़ा आया, लेकिन हम जानते थे कि जब काम करना है, तो उसे गंभीरता से करना है. सेट पर कभी मज़ाक चलता रहता था, लेकिन काम के वक्त हम सभी ने पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया. जावेद जाफरी- हाँ, हमने शूटिंग के दौरान भी खूब मस्ती की, लेकिन जब शूटिंग शुरू होती, तो हम सभी ने पूरी गंभीरता से काम किया. इस शो में हमारी केमिस्ट्री और टीमवर्क ने उसे और भी खास बना दिया है. गायत्री, यह आपका Amazon के साथ पहला अनुभव है. कैसा अनुभव रहा? साथ ही आपने विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं. ‘मोहरे’ में आपका किरदार दर्शकों के सामने किस तरह अलग होगा? गायत्री भारद्वाज- यह एक अद्भुत अनुभव था. Amazon के साथ काम करना हमेशा अच्छा होता है. वे अपने शो और किरदारों को बहुत अच्छी तरह से प्रमोट करते हैं. उनकी टीम जानती है कि दर्शकों को क्या चाहिए और वे इसे बहुत अच्छे से पहचानते हैं. मैंने इस शो में एक वकील का किरदार निभाया है, जो मेरे लिए बिल्कुल नया था, यह बेहद जटिल और पेचिदा है. इस किरदार ने मुझे एक नए किरदार के रूप में अपने आप को एक्सप्लोर करने का मौका दिया है. यह शो दर्शकों को किरदारों की एक पूरी यात्रा दिखाता है, जो फिल्मों में आमतौर पर नहीं दिख पाता. यहां, हर किरदार का अपना एक सफर है और दर्शक उन्हें पूरी तरह से समझ पाते हैं. आपने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कई अलग-अलग किरदार निभाए हैं. अब "मोहरे" में दर्शक आपको कैसे देखेंगे? आशिम गुलाटी- ‘मोहरे’ में पहली बार मैंने एक पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया है. यह एक बहुत ही दिलचस्प और जटिल किरदार है. इससे पहले, मैंने यूपी के गूंडे और ‘सलीम’ (ताज) जैसे किरदार निभाए थे. ये सभी अलग-अलग किरदार थे. लेकिन इस बार ये किरदार खास था क्योंकि इसमें कुछ भी काला-सफेद नहीं है. किरदार, कहानी और उसका ग्राफ बहुत दिलचस्प है. इस शो में हर किरदार की अपनी यात्रा है, और यह ओटीटी का फायदा है. फिल्मों में 2 घंटे में पूरी कहानी बतानी होती है, लेकिन यहां हमें किरदारों के बैकस्टोरीज़ समझने का मौका मिलता है. मेरे किरदार की शुरुआत एक पुलिस वाले से होती है, लेकिन फिर वह गलत राह पर चला जाता है. उसकी यात्रा बहुत रोमांचक है. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कहानी को विस्तार से बयान करने की आज़ादी है, जिससे दर्शक हर किरदार से जुड़ सकते हैं. आपके साथ पूरी कास्ट के साथ शूट करना कैसा रहा? खास तौर पर जावेद सर के साथ? पुलकित मकौल- मैंने सबसे ज्यादा नीरज काबी के साथ स्क्रीन शेयर किया है. थोडा बहुत आशिम और जावेद सर के साथ भी रहा. मैं ज्यादातर वक़्त सेट पर ही रहता था, चाहे मेरा शूट हो या ना हो और एक और बात मैं सबके लिए चाय और खाने का सामन लाया करता था. जावेद जी, अगर हम आपकी इंडस्ट्री में यात्रा पर नजर डालें, तो चाहे वह कॉमिक किरदार हो, विलेन हो या फिर गंभीर किरदार, आपने बहुत सारी विविधता दिखाई है. अब ओटीटी प्लेटफॉर्म बहुत बड़ा हो गया है और दर्शक आपको नए तरीके से देख रहे हैं. इस बदलाव को आप कैसे देखते हैं? जावेद जाफरी- जब मैंने 1984 में करियर शुरू किया था, तो उस समय केवल सिनेमा ही था. टीवी पर दूरदर्शन था और फिर धीरे-धीरे नए चैनल आए. पहले ज़ी आया था, फिर सोनी और फिर दूसरे चैनल्स. उस समय दर्शकों के पास बहुत कम विकल्प थे. अब, हर किसी के पास स्मार्टफोन में पूरा मीडिया होता है. इसलिए अब आपको भीड़ से बाहर निकलने के लिए कुछ खास करना होता है. पहले कोई विकल्प नहीं था, अब बहुत सारे विकल्प हैं और दर्शकों की सहनशक्ति भी कम हो गई है, इसलिए प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गई है और हर किसी को अपनी जगह बनाने के लिए शानदार काम करना होता है. जावेद सर, आपने जो क्रिश्चियन डॉन का किरदार निभाया, क्या आपने अपनी व्यक्तिगत यादों और अनुभवों से इस किरदार को जीवंत किया? जावेद जाफरी- हाँ, यह पहली बार था जब मैंने एक क्रिश्चियन डॉन का किरदार निभाया. चूंकि मैं बचपन से ही बांद्रा में रहा हूं, मुझे उस दुनिया का बहुत अच्छा अनुभव था. मैं जानता था कि लोग कैसे बात करते हैं, कैसे बैठते हैं, कैसे चलते हैं. मैंने अपनी व्यक्तिगत यादों का और अपने बचपन के अनुभवों का इस्तेमाल इस किरदार में किया है. मुझे यह रोल निभाने का अच्छा मौका मिला और मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इस किरदार के लिए चुना गया. अब जब "मोहरे" स्ट्रीम हो रहा है, क्या आप सभी दर्शकों से कुछ कहना चाहेंगे? गायत्री भारद्वाज- हाँ, बिल्कुल! अगर आप एक काल्पनिक लेकिन यथार्थवादी दुनिया में खो जाना चाहते हैं, तो मोहरे देखिए. आप मोहरे की दुनिया में कदम रखिए और इस अनोखे खेल का मजा लीजिए. जावेद जाफरी- यह कुछ अलग है और मुझे लगता है कि आपको यह बहुत पसंद आएगा. आप इस इंडस्ट्री में इतने सालों से काम कर रहे हैं. क्या आपके पास मायापुरी पत्रिका के बारे में कुछ यादें हैं, जो अब 50 साल की हो चुकी है? जावेद जाफरी- हाँ, मुझे मायापुरी अच्छी तरह याद है. यह उस समय की सबसे लोकप्रिय फिल्म पत्रिका थी. मैं 70 के दशक के मध्य में इसे अपने घर पर देखा करता था. उस समय हिंदी में बहुत कम पत्रिकाएं थीं, ज़्यादातर अंग्रेजी की ही थी. ‘मायापुरी’ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी हमें देती थी . View this post on Instagram A post shared by Mayapuri Magazine | Est. 1974 🎥 (@mayapurimagazine) मैं मायापुरी को उसके 50 साल के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं. 50 साल तक इस इंडस्ट्री में टिकना एक बहुत बड़ी बात है, खासकर जब आजकल प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ चुकी है. यह वाकई में एक बड़ी उपलब्धि है, और मुझे खुशी है कि मैं इस यात्रा का हिस्सा रहा हूं. आपको बता दें कि यह सीरीज 6 दिसंबर को रिलीज हो चुकी है. इसे आप अमेजन और एमएक्स प्लेयर पर देख सकते हैं. Written by PRIYANKA YADAV Read More नितेश तिवारी की रामायण के लिए Sai Pallavi बनीं वेजिटेरियन? अपने करियर की मुश्किलों को याद कर इमोशनल हुए Bobby Deol Dilip Kumar की 102वीं बर्थ एनिवर्सरी पर भावुक हुईं Saira Banu आर्यन और अबराम के साथ काम करने पर Shah Rukh Khan पर दी प्रतिक्रिया हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article