10 वां ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का हुआ भव्य उदघाटन हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को अनेक पड़ावों से गुजरना पड़ा है, जिसमें गद्य तथा पद्य में अलग अलग विचार धाराओं का विकास हुआ। जहाँ काव्य में इसे छायावादी , प्रगतिवादी युग, प्रयोगवादी और यथार्थवादी युग... By Mayapuri Desk 20 Sep 2024 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को अनेक पड़ावों से गुजरना पड़ा है, जिसमें गद्य तथा पद्य में अलग अलग विचार धाराओं का विकास हुआ। जहाँ काव्य में इसे छायावादी , प्रगतिवादी युग, प्रयोगवादी और यथार्थवादी युग, इन चार नामों से जाना गया, वहीं गद्य में इसको, भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, रामचंद शुक्ल व प्रेमचंद युग तथा अद्यतन युग का नाम दिया गया है , अद्यतन युग में हमे डायरी, यात्रा विवरण, आत्मकथा, रूपक, रेडियो नाटक, पटकथा लेखन, फ़िल्म आलेख इत्यादि पढने को मिल जाते है लेकिन आज हम साहित्य को एक नए रूप में भी देखते है जिसे फ़िल्मी साहित्य भी कहा जाता है, इस फेस्टिवल के द्वारा हम उन सहित्यकारों व फ़िल्मी सहित्यकारों से मिलेंगे और उनको को सुनेंगे जिन्होंने हमारे समाज की नींव रखी और फिल्मो के जरिया न सिर्फ पढ़ा बल्कि देखा भी गया , यह कहना था मारवाह स्टूडियोज के चेयरमैन व महोत्सव अध्यक्ष संदीप मारवाह का, नॉएडा फिल्मसिटी के मारवाह स्टूडियोज में 10 वां ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का हुआ भव्य उदघाटन के अवसर पर उपस्थित थे. इस अवसर पर साहित्य जगत के कई जानी मानी हस्तियां के साथ कई देशों के राजदूत भी उपस्थित हुए जिनमें कोमोरोस संघ महावाणिज्यदूत के कमांडर के. एल गंजू, ब्राजील दूतावास के सीडीए मार्कोस स्पेरान्डियो, स्लोवेनिया के राजदूत मातेया वोडेब घोष, तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल, कवि और अनुवादक नीना वाघ जो अंग्रेजी नाटककार भी है, सुश्री स्मिता मिश्रा, सुश्री प्रियंका शर्मा कैंतुरा प्रसिद्ध लेखिका ने अपने विचार रखे, इस अवसर पर राम मनोहर लोहिया का पोस्टर लॉन्च किया गया, पीयूष गोयल की पुस्तक का विमोचन, छात्रों द्वारा स्केच और पेंटिंग व स्टिल फोटोग्राफी प्रदर्शनी लगाई गई. साथ ही एना डोबोरजिनिड्ज, जॉर्जिया दूतावास की काउंसलर, सांस्कृतिक काउंसलर, ओमान सल्तनत दूतावास के काउंसलर याह्या अल दुगाशी, रूसी दूतावास से एकातेरिना लाज़रेवा, पेरू दूतावास के काउंसलर और सांस्कृतिक प्रमुख, एनरिक डेस्काल्ज़ी, को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जानेमाने फिल्म निर्माता , निर्देशक पंकज पाराशर ने छात्रों के साथ वर्कशॉप भी की महोत्सव निदेशक सुशील भारती ने भी छात्रों को सम्बोधित किया। यह फेस्टिवल 19 से 21 तारीख तक चलेगा जिसमें कई जाने-माने साहित्यकार और अपने विचार प्रस्तुत करेंगे साथ ही यहां पर फोटो एग्जिबिशन, बुक रिलीज, अवार्ड सेरेमनी, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, कवि सम्मेलन और मुशायरा का भी आयोजन किया जाएगा Read More: मुंज्या से पहले शरवरी ने दिया था अल्फा का ऑडिशन, कहा-'मुझे नहीं पता..' इंडस्ट्री में आने के बाद बॉडी इमेज की समस्या से जूझीं Alia Bhatt श्रद्धा और राजकुमार की Stree 3 में पत्रलेखा ने काम करने से किया इनकार द बकिंघम मर्डर्स के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर हंसल मेहता ने तोड़ी चुप्पी हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article