Advertisment

1988 Film Shahenshah Facts: फ़िल्म 'शहंशाह' के अजब अनसुने किस्से

1988 Film Shahenshah Facts: 1988 में रिलीज़ हुई 'शहंशाह' टीनू आनंद द्वारा निर्मित और निर्देशित एक ऐसी एक्शन फ़िल्म है जिसके साथ पचास से ज्यादा घटनाएं और विवाद जुड़ी हुई बताई जाती है....

New Update
1988 Film Shahenshah Facts फ़िल्म 'शहंशाह' के अजब अनसुने किस्से

1988 Film Shahenshah Facts:

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

1988 Film Shahenshah Facts: 1988 में रिलीज़ हुई 'शहंशाह' (Shahenshah) टीनू आनंद द्वारा निर्मित और निर्देशित एक ऐसी एक्शन फ़िल्म है जिसके साथ पचास से ज्यादा घटनाएं और विवाद जुड़ी हुई बताई जाती है. इनमें से कुछ का जिक्र आज कर रही हूं. फ़िल्म के मुख्य कलाकारों में है अमिताभ बच्चन, मीनाक्षी शेषाद्रि, प्राण, अमरीश पुरी, प्रेम चोपड़ा, शरत सक्सेना, रोहिणी और मुराद सहायक भूमिकाओं में हैं.

1988 Film Shahenshah

फिल्म "शहंशाह" (Shahenshah) की कहानी विजय कुमार श्रीवास्तव (Amitabh Bachchan) के इर्द-गिर्द है, जो दिन में भ्रष्ट पुलिस इंस्पेक्टर और रात में गुप्त नायक 'शहंशाह' बनकर गरीबों की मदद करता है. विजय के पिता, ईमानदार डीसीपी आनंद कुमार श्रीवास्तव (Kader Khan) , जे.के.वर्मा (amrish puri) द्वारा फंसाए जाते हैं और आत्महत्या कर लेते हैं. विजय अपने पिता का सम्मान बहाल करने की कसम खाता है.

विजय की मुलाकात शालू (Meenakshi Seshadri) से होती है जो खुद एक आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं. दोनों मिलकर जे.के. के खिलाफ सबूत इकट्ठा करते हैं. शालू जे.के. के पास पहुँचने के लिए एक विदेशी नर्तकी का भेष अपनाती है. जब सलीम (vijyendra ghatge) एक क्राइम रिपोर्टर, जे.के. द्वारा मारा जाता है, तो विजय "शहंशाह" की पहचान प्रकट कर न्याय की लड़ाई लड़ता है.

आखिरकार, विजय जे.के. को अदालत में लाकर अपने पिता के अपमान का बदला लेता है, जिससे न्याय की स्थापना होती है.
फिल्म 'Kaalia' (1981) में एक साथ काम करने के बाद, Tinnu Anand ने अमिताभ बच्चन को 1983 में 'शहंशाह' (Shahenshah) के लिए साइन किया गया था.

1988 Film Shahenshah tinu anand

'शहंशाह' (Shahenshah) का संगीत अमर-उत्पल द्वारा तैयार किया गया था, जिसके बोल Anand Bakshi ने लिखे. इस फ़िल्म के सारे गीत जैसे अंधेरी रातों में" (किशोर कुमार),' होगा थानेदार तू मेरा दिलदार तू' - (Kishore Kumar, Lata Mangeshkar), जाने दो, जाने दो, मुझे जाना है, लता मंगेशकर, (मोहम्मद अजीज) ओ बेहना, ओ बहना मोहम्मद अजीज, 'अरे आप' (Asha Bhosle) बहुत प्रसिद्ध हुए

पहले फिल्म नवंबर 1987 में रिलीज होने वाली थी, लेकिन कई पॉलिटिकल पार्टियों ने फिल्म की रिलीज का विरोध किया. ऐसा इसलिए क्योंकि अमिताभ बच्चन पर बोफोर्स मामले में शामिल होने का आरोप था. फिल्म रिलीज होने से पहले शिवसेना के चीफ बालसाहेब ठाकरे और अमिताभ बच्चन मिले ताकि बोफोर्स मामले को लेकर सारी गलतफहमी दूर हो सके. बालसाहेब ठाकरे को जब पता चला कि अमिताभ बच्चन इस मामले में शामिल नहीं हैं तो उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि फिल्म मुंबई और दूसरे इलाकों में सुरक्षित तरीके से रिलीज होगी.

anand bakshi Kishore Kumar, Lata Mangeshkar

फिल्म की एडवांस बुकिंग इतिहास में पहले कभी नहीं हुई थी. 1 फरवरी 1988 तक, यानी फिल्म रिलीज होने से दो हफ्ते पहले ही, सारे सिनेमाघर बिक चुके थे. ब्लैक में टिकट बेचने वालों ने फिल्म रिलीज होने से पहले ही लाखों रुपए कमा लिए थे.

फिल्म रिलीज़ से पहले जब टिन्नू आनंद एडवांस बुकिंग के किसी सिलसिले में वर्ली के पास से गुजर रहे थे तो उन्होंने मुंबई पासपोर्ट ऑफिस के पास जबर्दस्त भीड़ देखी. उन्हें लगा कि शायद लोग पासपोर्ट के लिए जमा हुए हैं, लेकिन वो लोग सत्यम शिवम सुंदरम थिएटर में 'शहंशाह' की बुकिंग के लिए जमा हुए थे. फ़िल्म के प्रति लोगों की दीवानगी कंट्रोल से बाहर थी और साथ ही कुछ पॉलिटिकल लोगों द्वारा फ़िल्म को रिलीज़ ना होने देने की बेहद आपाधापी की वजह से भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि तगड़ी पुलिस बन्दोबस्त करना पड़ा था. खबरों के मुताबिक मुंबई के गेयटी गैलेक्सी सिनेमा में गोली भी चली थी, लेकिन इससे दर्शकों पर कोई असर नहीं पड़ा.

1988 Film Shahenshah

1988 Film Shahenshah

खबरों के मुताबिक अगर अमिताभ बच्चन राजनीति से वापस फिल्मों में नहीं लौटते , तो जैकी श्रॉफ इस फ़िल्म में शहंशाह का लीड रोल करते. जैकी के कॉस्टयूम भी बन चुके थे.

शूटिंग के दौरान टिन्नू आनंद और अमिताभ बच्चन में मनमुटाव हो गया था. अमिताभ एक सीन में ब्लेजर पहनना चाहते थे, जबकि डायरेक्टर टिन्नू चाहते थे कि वो पुलिस की वर्दी पहनें. अमिताभ ने मना कर दिया और नाराज़ होकर मेकअप रूम में बंद हो गए. दो घंटे बाद जब टिन्नू उनके कमरे में गए तो उन्होंने देखा कि अमिताभ ने अभी तक कपड़े नहीं बदले हैं. अमिताभ ने कहा कि वो टिन्नू के पिता से बात करना चाहते हैं. पहले तो इंदर राज आनंद ने अमिताभ का साथ दिया, लेकिन जब उन्हें लगा कि टिन्नू सही हैं तो उन्होंने अमिताभ से कहा, "देखो अमित, जब तक केसरिया, सफेद और हरे रंग के तीन कपड़े एक साथ सिला ना जाए तब तक वो राष्ट्रीय ध्वज नहीं बनता है , जिसके लिए हम सब जान भी दे सकते हैं और ले भी सकते हैं, उसी तरह, एक पुलिसवाले के लिए वर्दी ज़रूरी है क्योंकि इसके पीछे देश की ताकत होती है." इस पर अमिताभ मान गए और उन्होंने पुलिस की वर्दी में सीन शूट किया.

1988 Film Shahenshah

खबरों के मुताबिक अमिताभ बच्चन के साथ पहले Sridevi को लिया जाना था लेकिन श्रीदेवी की माँ ने मना कर दिया. उनका कहना था कि अमिताभ जिस फ़िल्म में शहंशाह है वहां श्रीदेवी को क्या महत्वपूर्ण रोल मिलेगा? तब फिर टिन्नू ने मीनाक्षी शेषाड्रे को फ़िल्म ऑफर किया. लेकिन उनके पास डेट्स नहीं थे. तब डिंपल कपाड़िया से बात की गई. डिंपल फिल्म में काम करने के लिए उत्साहित थीं. टिन्नू ने डिंपल के कपड़ों पर बहुत पैसे खर्च किए थे. डेट्स फाइनल हो गईं और गाने भी तैयार हो गए. बैंगलोर में 15 दिनों की शूटिंग होनी थी, लेकिन शूटिंग से दो दिन पहले अमिताभ ने टिन्नू को फोन किया और कहा कि वो फिल्म नहीं कर पाएंगे क्योकि मद्रास में मेडिकल चेकअप के दौरान पता चला कि उन्हें मायस्थेनिया ग्रेविस नाम की बीमारी है और उनके लिए फिल्म की शूटिंग करना मुश्किल होगा. अमिताभ ने टिन्नू से कहा कि वो जितेंद्र को साइन कर लें. टिन्नू को यकीन नहीं हो रहा था. उन्होंने शूटिंग कैंसिल कर दी और जितेंद्र के पास गए. जितेंद्र ने फिल्म करने से मना कर दिया और कहा कि वो अमिताभ के लिए बनी फिल्म के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे. उधर फ़िल्म लटक गई और अमिताभ के पर्सनल कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर ने शहंशाह के ओरिजनल कॉस्ट्यूम (लेदर जैकेट और पैंट) जितेंद्र की फिल्म "आग और शोला" की टीम को यूज़ करने दे दिए . इस बीच डिस्ट्रीब्यूटर अपने पैसे वापस मांग रहे थे, इसलिए टिन्नू को जल्दी से किसी और एक्टर की ज़रूरत थी. उन्होंने Jackie Shroff से बात की. जैकी को फिल्म पसंद तो आई, लेकिन उन्होंने सोचने के लिए टाइम मांगा. चार महीने बाद उन्होंने टिन्नू को बताया कि वो फिल्म नहीं कर पाएंगे. तब टिन्नू ने फिल्म को बंद करने का फैसला कर लिया. वो डिंपल के पास गए और उनसे साइनिंग अमाउंट वापस मांगा. इस पर डिंपल नहीं मानी. खैर किसी तरह मामला रफा दफा हुआ. इस बीच अमिताभ ने टिन्नू को खबर की कि वो चाहे तो फ़िल्म में वो गेस्ट रोल कर सकते हैं. टिन्नू ने फिर से फ़िल्म शुरू करने की ठानी और शहंशाह के रोल के लिए ऋषि कपूर से कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. अमिताभ को अंदर से पता था कि फिल्म उनके बिना अटकी हुई है. इसलिए एक दिन उन्होंने टिन्नू को अपने घर खाने पर बुलाया. खाने के दौरान अमिताभ ने टिन्नू को बताया कि वो उनकी फिल्म ओरिजनल कहानी के साथ करेंगे. इसमें ज़्यादा टाइम जरूर लगेगा, लेकिन वो फिल्म ज़रूर करेंगे. टिन्नू बहुत खुश हुए. उन्होंने मीनाक्षी को नायिका के रोल के लिए साइन किया और अगस्त 1985 में शूटिंग शुरू हुई.

1988 Film Shahenshah

1988 Film Shahenshah

अमिताभ बच्चन की मेटल की बनी हुई भुजा का वज़न 14 किलो से ज़्यादा था. ये एक्टर के लिए मुश्किल भरा टाइम था क्योंकि उन्हें मायस्थेनिया ग्रेविस की बीमारी थी. फिर भी अमिताभ ने भारी वजन के भुजा और कॉस्ट्यूम (टोटल 28 किलो) के साथ काम किया.

सिनेमा के इतिहास में ये पहली फिल्म थी जिसके वीडियो कैसेट्स उस समय दो पार्ट में आए थे क्योंकि फिल्म बहुत लंबी थी. क्या आप जानते हैं कि इस फ़िल्म में टिन्नू आनंद ने फ़िल्म के कई सह कलाकारों के लिए डबिंग की थी.

खबरों के मुताबिक पूनम ढिल्लों फिल्म में अमिताभ के साथ काम करने के लिए बहुत इच्छुक थीं. लेकिन टिन्नू आनंद ने इसलिए उन्हे नहीं चुना क्योंकि वे अमिताभ के सामने बच्ची दिखती थी.

1988 Film Shahenshah

टिन्नू आनंद के पिता और फ़िल्म के पटकथा लेखक इंदर राज आनंद को क्लाइमेक्स सीन के 23 पन्नो के डायलॉग पूरे करने से पहले ही हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. टिन्नू आनंद परेशान थे क्योंकि उनका सेट तैयार था, लेकिन क्लाइमेक्स सीन के डायलॉग तैयार नहीं थे और उनके पिता की तबीयत बिगड़ रही थी. इंदर राज आनंद ने बेटे टिन्नू आनंद को परेशान देखकर कहा कि वो फिल्म का क्लाइमेक्स अधूरा नहीं छोड़ेंगे. इंदर राज आनंद अस्पताल के अपने बेड पर लेटे लेटे ही सीन अच्छी तरह पूरी कर ली लेकिन उसी दिन उनकी डेथ हो गई.

फिल्म ने बहुत अच्छी ओपनिंग की थी, लेकिन "तेजाब" ने इसे पीछे छोड़ दिया और 1988 की सबसे बड़ी हिट बन गई.

फिल्म के गाने "हे यू" के लिए पिंक फ्लोयड के गाने "हे यू" को लिया गया था. ये पहली बार था जब किसी बॉलीवुड फिल्म के लिए किसी गाने के राइट्स खरीदे गए थे.

1988 Film Shahenshah song hay you

1988 Film Shahenshah song hay you

रोहिणी हट्टंगड़ी, जिन्होंने इस फिल्म में अमिताभ की माँ का रोल किया है, रियल लाइफ में उनसे लगभग 9 साल छोटी हैं.

टिन्नू आनंद को लगा कि इंदर राज आनंद का एक डायलॉग फिल्म में सूट नहीं करेगा, 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, नाम है शहंशाह", लेकिन ये ही डायलॉग सबसे हिट साबित हुआ.

एक्टर आफताब शिवदासानी ने हीरो बनने से पहले दो फिल्मों में अमिताभ के बचपन का रोल किया था: शहंशाह और इंसानियत.

1988 Film Shahenshah song

1988 Film Shahenshah song

प्रसिध्द टीवी सीरियल "नुक्कड़" के कई एक्टर्स इस फिल्म में थे - अवतार गिल, समीर कक्कड़ , सुरेश भगत और अजय वाडवाकर.

बताया जाता है कि अमिताभ ने फ़िल्म 'परवाना' में कुछ सीन में बालों में तेल लगाया था. वो ऐसा बहुत कम करते थे. उन्होंने 'नमक हलाल' , 'डॉन' और 'शहंशाह' में भी उन्होने ऐसा किया था.

शहंशाह (Shahenshah) के रीमेक के बारे में अफवाहें हैं, जिसमें रणवीर सिंह शायद मुख्य भूमिका निभा सकते हैं और टीनू आनंद निर्देशक के रूप में वापस आ सकते हैं.

Read More

Harshvardhan Rane ने किया खुलासा 'Sanam Teri Kasam' के लिए पहले किसी और एक्टर को किया गया था कास्ट!

Anupam Kher इस एक्टर के साथ करने जा रहे हैं अपनी 544th फिल्म, एक्टर को बताया इंडियन सिनेमा का बाहुबली

Sargun Mehta ने किया खुलासा Udaariyaan के प्रोडक्शन के दौरान हुआ था इतने लाख का फ्रॉड

Chhaava रिलीज से पहले Vicky Kaushal पहुंचे Mahakumbh

Advertisment
Latest Stories