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"बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं, सेनोरिटा" — जब शाहरुख़ ख़ान ने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में यह संवाद कहा था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन यही इंसान बॉलीवुड की सबसे बड़ी पहचान बन जाएगा. 25 जून 2025 को बॉलीवुड के किंग खान कहे जाने वाले शाहरुख़ ख़ान ने हिंदी सिनेमा में अपने 33 साल पूरे कर लिए हैं. उनका यह सफर सिर्फ अभिनय का नहीं, बल्कि जुनून, संघर्ष और सफलता की मिसाल है.
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले 'फ़ौजी' और 'सर्कस' से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले शाहरुख़ मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं. 1992 में उन्होंने 'दीवाना' फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया. हालाँकि इस फिल्म में वे लीड रोल में नहीं थे, लेकिन उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इस फिल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड मिला और फिल्म 50 हफ्तों तक थिएटर में चलती रही. इसके बाद 'चमत्कार', 'दिल आशना है' और 'राजू बन गया जेंटलमैन' ने दर्शाया कि एक नया सितारा उग चुका है.
अपने करियर के शुरुआती दिनों में 'डर' और 'बाज़ीगर' में ग्रे शेड्स निभाकर उन्होंने इंडस्ट्री को चौंका दिया. फिर 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' ने उन्हें रोमांस का पर्याय बना दिया. यह फिल्म लगभग 30 सालों से लगातार मुंबई के मराठा मंदिर में दिखाई जाती रही. 1995 उनके करियर का बेहद महत्वपूर्ण साल रहा, जब 'करण अर्जुन' और 'जमाना दीवाना' समेत सात उनकी सात फिल्मों ने एकसाथ सिनेमाघरों में दस्तक दीं.
इसके बाद 'दिल से', 'मोहब्बतें', 'कुछ कुछ होता है', 'स्वदेस', 'ओम शांति ओम', कल हो ना हो', 'मैं हूं ना', 'वीर-ज़ारा', 'चक दे! इंडिया', डियर ज़िंदगी, रईस, माय नेम इज़ ख़ान जैसी फिल्मों ने उन्हें दिलों का बादशाह बना दिया. हर सुपरस्टार की तरह शाहरुख़ को भी संघर्षों का सामना करना पड़ा. 'फैन', 'जब हैरी मेट सेजल' और 'ज़ीरो' जैसी फिल्मों की असफलता के बाद लोग उनके दौर के ख़त्म होने की अटकलें लगाने लगे. मगर 2023 में पठान, जवान और डंकी ने साबित कर दिया – किंग एज नेवर आउट ऑफ द गेम!
शाहरुख़ हर मंच के कलाकार हैं. टीवी शो से शुरुआत कर, उन्होंने थिएटर, टेलीविजन और फिल्मों हर माध्यम पर खुद को साबित किया. उनकी आंखें अभिनय करती हैं — वह सिर्फ किरदार नहीं निभाते, जीते हैं. इसके अलावा अभिनय से अलग उन्होंने 'रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट' और 'कोलकाता नाइट राइडर्स' के जरिए उन्होंने एक सफल निर्माता और बिज़नेसमैन की पहचान भी बनाई. भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्रांस का लीजन ऑफ ऑनर, स्विट्ज़रलैंड का क्रिस्टल अवॉर्ड, यूनेस्को, टोरंटो, और ऑस्ट्रेलिया की डॉक्टरेट जैसी उपाधियाँ उनकी वैश्विक लोकप्रियता की गवाही देती हैं.
दुबई में उनके नाम पर सड़क और हर साल बुर्ज खलीफा पर उनका नाम और तस्वीर रोशन होना, बताता है कि शाहरुख़ सिर्फ एक अभिनेता नहीं, एक ग्लोबल फिनॉमेनन हैं. हाल ही में उन्होंने मेट गाला 2025 में ऐतिहासिक डेब्यू किया और मेट गाला में शामिल होने वाले पहले भारतीय मेल एक्टर बने.
'ओम शांति ओम' में उनका एक डायलॉग था:
"अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो, तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है" — यह उनके जीवन की सच्चाई बन गया. कभी मरीन ड्राइव पर खड़े होकर उन्होंने कहा था, "एक दिन मैं इस शहर पर राज करूंगा" और आज वे पूरी दुनिया के दिलों पर राज कर रहे हैं. उनकी अपकमिंग फिल्म की बात करे तो वे जल्द ही अपनी बेटी सुहाना ख़ान के साथ फिल्म 'किंग' में नज़र आएंगे.
मायापुरी की ओर से बॉलीवुड के इस बेहतरीन अभिनेता को 33 साल पूरे होने पर ढेरों शुभकामनाएँ! क्योंकि सच में —' पिक्चर अभी बाकी है, मेरे दोस्त'!
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